"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर

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{सबसे अधिक [[कृष्णलीला]] के चित्र किस शैली में बने? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12
|type="()"}
-[[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]]
+[[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]]
-[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी शैली]]
-[[अपभ्रंश चित्रकला|अपभ्रंश शैली]]
||सबसे अधिक [[कृष्णलीला]] के चित्र [[पहाड़ी चित्रकला|पहाड़ी शैली]] में बने हैं। कमोवेश यह विशेषता पहाड़ी चित्र शैली की लगभग सभी शैलियों में पाई गई। कृष्णलीला चित्रकारी [[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी चित्र शैली]] में भी प्राप्त होती है।


{[[चित्रकला|भारतीय चित्रकला]] के पुनर्जागरण का श्रेय किसे जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-1
|type="()"}
-क्षेत्रीय [[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]]
-[[कंपनी शैली]]
-यूरोपियन शैली
+बंगाल शैली
||[[चित्रकला|भारतीय चित्रकला]] के पुर्जागरण का श्रेय बंगाल शैली को दिया जाता है। इसी शैली को 'टैगोर शैली', वॉश शैली', 'पुनरुत्थान या पुनर्जागरण शैली' भी कहा जाता है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई और [[भारतीय चित्रकला]] ने पाश्चात्य के प्रभाव से मुक्ति पाई। यहीं से भारतीय आधुनिक चित्रकला का इतिहास आरंभ होता है। बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक [[अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] थे।


{[[ईसा मसीह]] के जीवन पर आधारित चित्र किस कलाकार ने बनाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-81
|type="()"}
-[[एम.एफ. हुसैन]]
-[[एन. एस. बेंद्रे]]
-[[जामिनी राय]]
+[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]]
||[[ईसा मसीह]] के जीवन (क्राइस्ट इन द चर्च) पर आधारित चित्र [[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]] ने बनाया था। गगनेन्द्रनाथ के प्रमुख चित्र हैं- [[रबींद्रनाथ टैगोर]] की रचना 'जीवन स्मृति' पर चित्र शृंखला तथा चैतन्य चरित माला का चित्रण, द प्लेस ऑफ़ स्नो, द सैंड ऑफ़ हिमालय, क्लस्टर ऑफ़ पुरी टेंपल, टेंपल क्यूबिस्टिक, मीटिंग इन द स्टेयर केस, द कॉल टू प्रेयर आदि।
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12:33, 7 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण