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====ईसा पूर्व====
 
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!क्रम
!ईसवी/वर्ष
!विवरण
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| 1
| 325 ई॰
| कृष्णा नदी के दक्षिण में पल्लव वंशी राज्य की स्थापना।
|-
| 2
| 335–376 ई॰
| समुद्र गुप्त का शासनकाल।
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| 3
| 330–375 ई॰
| सम्पूर्ण उत्तर भारत में [[समुद्रगुप्त]] का शासन। पूर्व में [[असम]], पश्चिम में [[काबुल]], उत्तर में [[नेपाल]] तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल [[उज्जैन]] स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)।
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| 4
| 350 ई॰
| मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा।
|-
| 5
| 375–413 ई॰
| चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा [[उज्जैन]], [[मालवा]] तथा [[गुजरात]] पर विजय, राजधानी [[पाटलिपुत्र]] से [[अयोध्या]] और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित, चीनी यात्री [[फाह्यान]] का [[भारत]] आगमन।
|-
| 6
| 415–454 ई॰
| कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, [[नालन्दा]] में बौद्ध विहार तथा विश्वविद्यालय की स्थापना, हुणों के आक्रमण का ख़तरा।
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| 7
| 455–467 ई॰
| स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय।
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| 8
| 477–496 ई॰
| बुद्धगुप्त-[[गुप्तवंश]] का अन्तिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ।
|-
| 9
| 500–502 ई॰
| हूणों के प्रथम शासक तोरमण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग (मालवा में एरण) तक उसका विस्तार।
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| 10
| 502–528 ई॰
| तोरमण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजित, एरन पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार, (510)।
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| 11
| 533 ई॰
| [[मंदसौर]] के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय।
|-
| 12
| 540 ई॰
| परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अन्त।
|-
| 13
| 606–647 ई॰
| हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री [[ह्वेन त्सांग]] का भारत आगमन (630-44), [[बाणभट्ट]] ने 'हर्षचरित' की रचना की।
|-
| 14
| 647 ई॰
| [[तिब्बत]] से [[कन्नौज]] आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला।
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| 15
| 700 ई॰
| [[कन्नौज]] में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण।
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| 16
| 600–1200 ई॰
| मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, [[पाल वंश|पाल]] तथा सेन वंश, [[उज्जैन]] में गुर्जर-प्रतिहार, [[कन्नौज]] में प्रतिहार, [[उड़ीसा]] में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी [[गंग वंश]], [[असम]] में भास्कर वर्मा, [[गुजरात]] में [[चालुक्य वंश|चालुक्य]], धारा में परमार, नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, [[राजस्थान]] में चाहमान (चौहान), [[बुंदेलखण्ड]] में चंदेल, [[कन्नौज]] में गहड़वाल, [[कश्मीर]] में कार्कोट, उत्पल तथा लोहार, [[अफ़ग़ानिस्तान]]- [[पंजाब]] में हिन्दूशाही वंश।
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|}
====दक्षिण भारत2====
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!क्रम
!ईसवी/वर्ष
!विवरण
|-
| 1
| 1191 ई॰
| तराईन के प्रथम युद्ध में राजपूत शासक [[पृथ्वीराज चौहान|पृथ्वीराज तृतीय]] के हाथों मुहम्मद गोरी पराजित।
|-
| 2
| 1192 ई॰
| तराईन का दूसरा युद्ध, [[मोहम्मद गौरी]] के हाथों [[पृथ्वीराज चौहान|पृथ्वीराज तृतीय]] की हार, गौरी का ग़ुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक भारत का सूबेदार नियुक्त, [[मेरठ]] एवं कौल ([[अलीगढ़]]) पर अधिकार।
|-
| 3 ई॰
| 1192–1193
| [[दिल्ली]] पर कुतुबुद्दीन ऐबक का आधिपत्य।
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| 4
| 1197 ई॰
| द्वैतवादी सम्प्रदाय के आचार्य महादेव मध्वाचार्य का जन्म।
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| 5
| 1200 ई॰
| [[मोहम्मद गौरी]] की मृत्यु।
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| 6
| 1206 ई॰
| कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 'दिल्ली सल्तनत' की स्थापना; दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाले प्रथम वंश- 'इल्बरी वंश' की स्थापना; कुतुबमीनार का निर्माण आरम्भ।
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| 7
| 1210 ई॰
| ऐबक की मृत्यु, आरामशाह उत्तराधिकारी बना।
|-
| 8
| 1211–1236 ई॰
| [[इल्तुतमिश]] का शासनकाल, रणथम्भौर विजय (1226)।
|-
| 9
| 1221 ई॰
| भारत पर [[चंगेज़ ख़ाँ]] का हमला।
|-
| 10
| 1228 ई॰
| बगदाद के ख़लीफ़ा से इल्तुतमिश को खिल्लत अर्थात् इस्लामी शासक के रूप में मान्यता।
|-
| 11
| 1229 ई॰
| प्रथम यूरोपीय यात्री मान्टे कैर्बनो (इटली) का भारत आगमन।
|-
| 12
| 1236 ई॰
| [[इल्तुतमिश]] के उत्तराधिकारी रूकनुद्दीन फ़िरोज की मृत्यु, रजिया सुल्तान गद्दी पर बैठी।
|-
| 13
| 1239 ई॰
| मलिक अल्तुनिया का विद्रोह।
|-
| 14
| 1240 ई॰
| रजिया सुल्तान की हत्या।
|-
| 15
| 1241 ई॰
| भारत पर मंगोलों का प्रथम आक्रमण।
|-
| 16
| 1246 ई॰
| सुल्तान नसीरुद्दीन गद्दी पर आसीन, 1265 में उसकी मृत्यु।
|-
| 17
| 1253 ई॰
| [[अमीर ख़ुसरो]] का जन्म।
|-
| 18
| 1266 ई॰
| गयासुद्दीन बलबल गद्दी पर बैठा।
|-
| 19
| 1279 ई॰
| [[महाराष्ट्र]] में संत सम्मेलन का आयोजन।
|-
| 20
| 1279 ई॰
| बंगाल में तुगरिल ख़ाँ का विद्रोह।
|-
| 21
| 1286 ई॰
| बलबन की मृत्यु।
|-
| 22
| 1288–1293 ई॰
| प्रसिद्ध वेनिश यात्री मार्कोपोलो की भारत यात्रा।
|-
| 23
| 1290 ई॰
| [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] [[दिल्ली]] का सुल्तान, [[ख़िलजी वंश]] की स्थापना।
|-
| 24
| 1294 ई॰
| [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] का देवगिरि अभियान।
|-
| 25
| 1295–1316 ई॰
| [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] [[दिल्ली]] का सुल्तान, राज्य-विस्तार अभियान प्रारम्भ; [[गुजरात]] (1299), रणथम्भौर (1301), [[चित्तौड़]] (1303), [[मालवा]] (1305), मलिक काफ़ूर क नेतृत्व में दक्कन अभियान, 1320-1325-अलाउद्दीन की मृत्यु
|-
| 26
| 1320–1325 ई॰
| गयासुद्दीन तुग़लक (गाज़ी मलिक) [[दिल्ली]] का सुल्तान बना, [[तुग़लक वंश]] की स्थापना, काकतीय तथा [[पाण्डव|पाण्ड्यों]] के राज्य का दिल्ली सल्तनत में विलय (1321-1323)।
|-
| 27
| 1325 ई॰
| गयासुद्दीन की मृत्यु, [[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] गद्दी पर आसीन, [[अमीर ख़ुसरो]] की मृत्यु, फैंसिस्कन पादरी आडोरिक आफ़ पोर्डेनॉन की भारत यात्रा।
|-
| 28
| 1326–1327 ई॰
| [[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा [[दिल्ली]] से [[दौलताबाद]] राजधानी का स्थानान्तरण।
|-
| 29
| 1330 ई॰
| [[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा प्रयोग के तौर पर सोने के स्थान पर ताँबे के सिक्के जारी किए गए।
|-
| 30
| 1333 ई॰
| अफ़्रीकी यात्री इब्नबबूता की भारत यात्रा।
|-
| 31
| 1336 ई॰
| हरिहर एवं बुक्का द्वारा विजयनगर राज्य की स्थापना।
|-
| 32
| 1342
| इब्नबबूता का [[चीन]] को प्रस्थान।
|-
| 33
| 1347 ई॰ 
| बहमनशाह के द्वारा [[बहमनी राज्य]] की स्थापना।
|-
| 34
| 1350 ई॰
| विद्यापति का जन्म, संत नामदेव का निधन।
|-
| 35
| 1351 ई॰
| [[मुहम्मद तुग़लक़]] की मृत्यु, [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक]] उत्तराधिकारी बना।
|-
| 35
| 1351–1388 ई॰
| सुल्तान [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक]] का राज्यकाल, बंगाल अभियान (1353-54, 1359, 1369), कांगड़ा विजय (1360-61), थट्टा विजय (1371-72), फ़िरोज की मृत्यु।
|-
| 36
| 1388–1414 ई॰
| परवर्ती तुग़लक शासकों का शासनकाल।
|-
| 37
| 1398 ई॰
| [[तैमूर लंग]] का भारत पर आक्रमण, [[दिल्ली]] पर अधिकार, भारत में अराजकता।
|-
| 38
| 1399 ई॰
| दिल्ली सल्तनत का विघटन प्रारम्भ, सूबेदारों द्वारा स्वतंत्र राज्यों की स्थापना, दिल्ली-दोआब में इक़बाल ख़ाँ, [[गुजरात]] में जफ़र ख़ाँ, सिंध-मुल्तान में खिज्र ख़ाँ, महोबा-काल्पी में महमूद ख़ाँ, [[कन्नौज]] अथवा [[बिहार]] में ख्वाजा जान, धारा (इन्दौर) में दिलावर ख़ाँ, समन में गालिब ख़ाँ, बयाना में शख्स ख़ाँ तथा [[ग्वालियर]] में भीमदेव द्वारा स्वतंत्र राज्य स्थापित।
|-
| 39
| 1656 ई॰
| [[शिवाजी]] का जाबली पर आधिपत्य।
|-
| 40
| 1657 ई॰
| [[बीदर]] का पतन और मुग़लों द्वारा [[बीजापुर]] की घेराबन्दी, [[शाहजहाँ]] के अस्वस्थ होने पर 'उत्तराधिकारी का युद्ध' प्रारम्भ, बीजापुर के साथ द्वितीय सन्धि।
|-
| 41
| 1658 ई॰
| धरमत के युद्ध ([[5 मई]]) तथा सामूगढ़ के युद्ध ([[8 जून]]) में दारा की [[औरंगज़ेब]] के हाथों पराजय, [[शाहजहाँ]] [[आगरा]] में बन्दी ([[5 जून]]), औरंगज़ेब का राज्याभिषेक (31 जुलाई)।
|-
| 42 ई॰
| 1659
| दारा को मृत्युदण्ड, [[शिवाजी]] के हाथों [[अफ़ज़ल ख़ाँ]] की मृत्यु।
|-
| 43
| 1660 ई॰
| मीर जुमला बंगाल का सूबेदार नियुक्त, [[शिवाजी]] के द्वारा दक्षिण कर्नाटक क्षेत्र में चारों ओर हमले।
|-
| 44
| 1661 ई॰
| मुराद  की हत्या, [[पुर्तग़ाली|पुर्तगालियों]] द्वारा इस शर्त पर [[बम्बई]] अंग्रेज़ों को हस्तांतरित की गयी कि वे डचों को इस क्षेत्र में व्यापार से बाहर खदेड़ने में इनका साथ देंगे।
|-
| 45
| 1662 ई॰
| मीर जुमला का [[असम]] अभियान।
|-
| 46
| 1663 ई॰
| मीर जुमला की मृत्यु, [[शाइस्ता ख़ाँ]] बंगाल का सूबेदार नियुक्त।
|-
| 47
| 1664 ई॰
| [[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर आक्रमण, स्थानीय [[पुर्तग़ाली]] उपनिवेश द्वारा शिवाजी को वार्षिक नज़राना देना स्वीकार, फ़्राँसीसी [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] की स्थापना।
|-
| 48
| 1665 ई॰
| राजा [[जयसिंह]] के हाथों [[शिवाजी]] की पराजय, मुग़लों के साथ शिवाजी की पुरन्दर सन्धि।
|-
| 49
| 1666 ई॰
| [[शाहजहाँ]] की मृत्यु, मुग़ल दरबार में [[शिवाजी]] बन्दी (मई), नज़रबन्दी से मुक्त।
|-
| 50
| 1668 ई॰
| [[औरंगज़ेब]] द्वारा हिन्दुओं के विरुद्ध नये आदेश, [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] का पूर्ण अधिकार।
|-
| 51
| 1669 ई॰
| [[मथुरा]] में जाट सरदार गोकुल का विद्रोह, [[बम्बई]] पर अंग्रेज़ कम्पनी का पूर्ण अधिकार।
|-
| 52
| 1670 ई॰
| [[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर दूसरा आक्रमण।
|-
| 53
| 1671 ई॰
| छत्रसाल के नेतृत्व में बुंदेलों का विद्रोह।
|-
| 54
| 1672 ई॰
| अफ्रीदी तथा सतनामी विद्रोह, दम लौहेम के नेतृत्व में फ़्राँसीसियों ने श्रीलंका में त्रिंकोमाली तथा [[चेन्नई]] के निकट सेंट टोम पर अधिकार, कुछ समय के पश्चात् डचों ने फ़्राँसीसियों से दोनों स्थानों को छीन लिया।
|-
| 55
| 1673 ई॰
| [[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर तीसरा आक्रमण, हिन्दी कवि धनानंद का जन्म।
|-
| 56
| 1674 ई॰
| फ़्राँसीसी कप्तान फ़्राँसिस मार्टिन के द्वारा [[पांण्डिचेरी]] की स्थापना, [[शिवाजी]] द्वारा राज्याभिषेक (रायगढ़ में) तथा 'छत्रपति' की उपाधि धारण, 'स्वराज' की स्थापना।
|-
| 57
| 1675 ई॰
| सिक्ख [[गुरु तेगबहादुर सिंह]] को [[औरंगज़ेब]] द्वारा मृत्युदण्ड।
|-
| 58
| 1677 ई॰
| [[कर्नाटक]] में [[शिवाजी]] की विजय।
|-
| 59
| 1679 ई॰
| [[औरंगज़ेब]] द्वारा [[जज़िया]] कर पुनः आरोपित, मारवाड़ अभियान।
|-
| 60
| 1680 ई॰
| [[शिवाजी]] की मृत्यु, शंभाजी पेशवा बना, अलंकारवादी हिन्दी कवि केशवदास का जन्म।
|-
| 61
| 1681 ई॰ 
| [[असम]] पुनः स्वतंत्र, [[औरंगज़ेब]] का दक्षिण में अभियान।
|-
| 62
| 1685 ई॰
| अंग्रेज़ कम्पनी का मुख्य व्यापार कार्यालय सूरत से बम्बई स्थानान्तरित।
|-
| 63
| 1686 ई॰
| [[औरंगज़ेब]] का [[बीजापुर]] पर अधिकार।
|-
| 64
| 1687 ई॰
| [[गोलकुण्डा]] मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित, अंग्रेज़ कम्पनी द्वारा [[औरंगज़ेब]] के विरुद्ध युद्ध की घोषणा।
|-
| 65
| 1689 ई॰
| [[औरंगज़ेब]] द्वारा शंभाजी को प्राणदण्ड, [[राजाराम]] सत्तारूढ़, शाहू बन्दी बना।
|-
| 66
| 1699 ई॰
| [[मालवा]] पर [[मराठा|मराठों]] का प्रथम आक्रमण।
|-
| 67
| 1700 ई॰ 
| शंभाजी के छोटे भाई [[राजाराम]] की मृत्यु, ताराबाई के संरक्षण में [[शिवाजी]] द्वितीय ([[राजाराम]] का पुत्र) गद्दी पर बैठा।
|-
| 68
| 1702 ई॰
| [[इंग्लैंण्ड]] में रानी ऐन गद्दी पर बैठीं, गोडोल्फिन के हस्तक्षेप से पुरानी और नयी कम्पनियों को एकीकरण कर नयी [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] का उदय।
|-
| 69
| 1703 ई॰
| [[मराठा|मराठों]] का बरार पर आक्रमण।
|-
| 70
| 1706 ई॰
| [[मराठा|मराठों]] का [[गुजरात]] पर आक्रमण, बड़ौंदा ध्वस्त।
|-
| 71
| 1707 ई॰
| [[औरंगज़ेब]] की मृत्यु, बहादुरशाह प्रथम (राजकुमार मुहम्मद मुअज्जम) मुग़ल सम्राट बना, शाहु मुक्त, ताराबाई तथा शाहू समर्थकों के मध्य खेड़ा का युद्ध, [[मराठा साम्राज्य|मराठा राज्य]] दो भागों में विभक्त, सतारा में शाहू का राज्य तथा कोल्हापुर में ताराबाई (या शिवाजी द्वितीय) का राज्य, पेशवा बालाजी विश्वनाथ शाहू के साथ।
|-
| 72
| 1708 ई॰
| शाहू का राज्याभिषेक छत्रपति के रूप में, बालाजी विश्वनाथ को 'सेनाकर्ते' की उपाधि, सिखों के अन्तिम [[गुरु गोविंद सिंह]] का निधन (नादेड़ में)।
|-
| 73
| 1712 ई॰
| बहादुरशाह प्रथम की मृत्यु, जहाँदारशाह उत्तराधिकारी बना।
|-
| 74
| 1713 ई॰
| जहाँदारशाह की हत्या, बंधुओं की मदद से फ़र्रुख़सियार सिंहासनारूढ़।
|-
| 75
| 1714 ई॰
| बालाजी विश्वनाथ की 'पेशवा' के पद पर पदोन्नति, हुसैन अली दक्षिण का सूबेदार, हुसैन अली की [[मराठा|मराठों]] से सन्धि।
|-
| 76
| 1715 ई॰
| सिख नेता बन्दा बहादुर को प्राणदण्ड।
|-
| 77
| 1717 ई॰
| [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] को बादशाह फ़र्रुख़सियर का स्वतंत्र व्यापार (ड्यूटी-फ़्री) फ़रमान, [[कलकत्ता]] के निकट 37 गावों को ख़रीदने का अधिकार भी मिला।
|-
| 78
| 1719 ई॰
| फ़र्रुख़सियर की हत्या, मुहम्मदशाह (रोशन अख़्तर) गद्दी पर आसीन (दो अल्पकालिक शासकों रफ़ी-उद-दौला तथा रफ़ी-उद-दरजात की मृत्यु के उपरान्त), मुग़ल सम्राट द्वारा सनद प्रदान कर चौथ तथा सदरेशमुखी वसूलने का अधिकार तथा दक्कन के 6 सूबों को स्वराज्य प्रदान किया गया।
|-
| 79
| 1720 ई॰
| बाजीराव प्रथम पेशवा बने, सैय्यद बन्धुओं का अन्त, [[मराठा|मराठों]] का उत्तरी अभियान प्रारम्भ।
|-
| 80
| 1723 ई॰
| [[शिवाजी]] के गुरु समर्थ रामदास की मृत्यु, पेशवा का [[मालवा]] पर आक्रमण।
|-
| 81
| 1724 ई॰
| सआदत ख़ाँ अवध का सूबेदार नियुक्त, दक्षिण में निज़ाम स्वतंत्र।
|-
| 82
| 1725 ई॰
| शुजाउद्दीन बंगाल का सूबेदार।
|-
| 83
| 1731 ई॰
| गॉटनबर्ग में सम्राट फ़्रेडरिक द्वारा 'स्वीडिश ईस्ट इंडिया' का गठन।
|-
| 84
| 1735 ई॰
| मुग़ल बादशाह द्वारा पेशवा बाजीराव प्रथम को [[मालवा]] के शासक के रूप में स्वीकृति।
|-
| 85
| 1738 ई॰
| गोस्वामी [[तुलसीदास]] ([[रामचरितमानस]] क रचयिता) का निधन।
|-
| 86
| 1739–40 ई॰
| [[दिल्ली]] पर [[नादिरशाह]] का आक्रमण, कोहिनूर हीरा एवं तख़्तेताऊस नादिरशाह के क़ब्ज़े में, खुरासान में नादिरशाह की उसके ही सेनापतियों के द्वारा हत्या।
|-
| 87
| 1740 ई॰
| सरफ़राज ख़ाँ की हत्या कर अलीवर्दी ख़ाँ बंगाल का नवाब बना, बालाजी बाजीराव पेशवा बने, अरकाट पर [[मराठा|मराठों]] का आक्रमण।
|-
| 88
| 1742 ई॰
| बंगाल पर [[मराठा|मराठों]] का आक्रमण, डूप्ले [[पांण्डिचेरी]] का गवर्नर नियुक्त।
|-
| 89
| 1744 ई॰
| [[यूरोप]] में [[फ्राँस]] तथा [[इंग्लैण्ड]] के बीच युद्ध आरम्भ, दोनों के विभिन्न उपनिवेशों में तनाव तथा संघर्ष।
|- 
| 90
| 1746–48 ई॰
| प्रथम [[कर्नाटक]] (आंग्ल-फ़्राँसीसी) युद्ध।
|-
| 91
| 1745 ई॰
| रूहेलखण्ड रुहिल्लों के अधिकार में।
|-
| 92
| 1746 ई॰
| ला बूर्डोने के नेतृत्व में फ़्राँसीसियों का [[चेन्नई]] पर अधिकार।
|-
| 93
| 1747 ई॰
| [[अहमदशाह अब्दाली]] का भारत पर आक्रमण।
|-
| 94
| 1748 ई॰
| [[हैदराबाद]] के निज़ाम आसफ़जाह की मृत्यु, पुत्र नासिर जंग तथा मुजफ़्फ़र जंग में सत्ता के लिए संघर्ष, संघर्ष के कारण निज़ाम का प्रभाव क्षीण तथा गद्दी के लिए [[कर्नाटक]] के नवाब चंदा साहिब तथा नवाब अनवरुद्दीन के बीच संघर्ष।
|-
| 95
| 1748–51 ई॰
| [[अहमदशाह अब्दाली]] का [[अफ़ग़ानिस्तान]] और [[पंजाब]] पर अधिकार, मुहम्मदशाह की मृत्यु के पश्चात् अहमदशाह मुग़ल बादशाह बना (1748)।
|-
| 96
| 1749 ई॰
| [[यूरोप]] में ब्रिटिश और फ़्राँसीसियों के बीच 'एक्स-ला-शापेल' की सन्धि, भारत में अंग्रेज़ी और फ़्राँसीसी कम्पनियों में भी युद्ध विराम, फ़्राँसीसियों द्वारा [[चेन्नई]] अंग्रेज़ों को वापस, शाहू की मृत्यु तथा [[रामराज]] का छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक।
|-
| 97
| 1750–1754 ई॰
| द्वितीय कर्नाटक युद्ध, डूप्ले की सहायता से चंदा साहिब की अनवरूद्दीन पर विजय, [[हैदराबाद]] की निज़ामत मुजफ़्फ़र जंग को दिलाने के लिए चंदा साहिब तथा डुप्ले का नासिर जंग पर सम्मिलित हमला, नासिर जंग को 600 सैनिकों की सहायता, [[कर्नाटक]] की गद्दी के लिए मुहम्मद अली को भी अंग्रेज़ी मदद।
|-
| 98
| 1751  ई॰ 
| अरकाट के क़िले पर राबर्ट क्लाइब का अधिकार, जिससे फ़्राँसीसी त्रिचरापल्ली से हटे, मुजफ़्फ़रजंग की मृत्यु, सलावत जंग निज़ाम बना, अलीवर्दी ख़ाँ की [[मराठा|मराठों]] से सन्धि।
|-
| 99
| 1754  ई॰ 
| डूप्ले फ़्राँस वापस, गोडेहू नया फ़्राँसीसी डायरेक्टर जनरल, गोडेहू तथा अंग्रेज़ गवर्नर सांडर्स के बीच सन्धि, दोनों का भारतीय रियासतों के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का निर्णय, फ़्राँसीसियों द्वारा अंग्रेज़ समर्थित मुहम्मद अली कर्नाटक का नवाब स्वीकृत, आलमगीर द्वितीय मुग़ल बादशाह बना।
|-
| 100
| 1756 ई॰ 
| अलीवर्दी ख़ाँ की मृत्यु, सिराजुद्दौला बंगाल की गद्दी पर आसीन तथा [[कलकत्ता]] पर अधिकार, तीसरा कर्नाटक युद्ध।
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| 101
| 1757 ई॰ 
| प्लासी की लड़ाई ([[23 जून]]) में अंग्रेज़ों द्वारा सिराजुद्दौला पराजित, मीरजाफ़र नवाब बनाया गया ([[28 जून]]), अंग्रेज़ों का [[कलकत्ता]] पर पुनः अधिकार, सिराजुद्दौला को मृत्युदण्ड ([[2 जुलाई]]), अंग्रेज़ों का राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित।
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| 102
| 1758 ई॰ 
| फ़्राँसीसी गवर्नर लाली का भारत आगमन, अंग्रेज़ों के विरुद्ध अभियान आरम्भ, फोर्ट सेंट डेविड पर क़ब्ज़ा, [[पंजाब]] पर [[मराठा|मराठों]] का अधिकार।
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| 103
| 1759 
| बंगाल में अंग्रेज़ों द्वारा डच पराजित, [[बीदर]] का युद्ध, गजीउद्दीन द्वारा आलमगीर द्वितीय की हत्या, शाहआलम द्वितीय बादशाह बना (1759-1806)।
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| 104
| 1760 ई॰
| वांडीवास के युद्ध में अंग्रेज़ों के हाथों फ़्राँसीसी पराजित, क्लाइब [[इंग्लैण्ड]] वापस, मीर क़ासिम बंगाल का नवाब बना।
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| 105
| 1761 ई॰ 
| [[अहमदशाह अब्दाली]] तथा [[मराठा|मराठों]] के बीच पानीपत का तीसरा युद्ध (14 जनवरी), मराठे पराजित, फ़्राँसीसियों द्वारा [[पांण्डिचेरी]] अंग्रेज़ों को समर्पित, पेशवा बाजीराव का निधन, माधवराज सिंहासनारूढ़, हैदर अली [[मैसूर]] का नवाब, [[अवध]] का नवाब शुजाउद्दौला वज़ीर बना।
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| 106
| 1762 ई॰
| माधवराव के सिंहासनारूढ़ होने के उपरान्त रघुनाथ राव द्वारा निज़ाम से मदद की माँग।
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| 107
| 1763 ई॰ 
| अंग्रेज़ों द्वारा [[पांण्डिचेरी]] फ़्राँसीसियों को वापस, बंगाल एवं [[बिहार]] पर मीर क़ासिम का अधिकार समाप्त, मीर क़ासिम निष्कासित, मीरजाफ़र पुनः नबाब बना, रघुनाथ राव का सत्ता पर क़ब्ज़ा, माधवराव बन्दी।
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| 108
| 1764 ई॰ 
| बक्सर का युद्ध, शाह आलम, शुजाउद्दौला तथा क़ासिम की संयुक्त सेनायें अंग्रेज़ों से पराजित।
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| 119
| 1765 ई॰ 
| क्लाइब द्वारा दूसरी बार पुनः बंगाल का गवर्नर बनकर वापस आया, शुजाउद्दौला शाहआलम तथा [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] के मध्य [[इलाहाबाद]] की सन्धि, शाहआलम ने [[बिहार]], बंगाल तथा [[उड़ीसा]] की दीवानी कम्पनी को सौंपी, मीरजाफ़र की मृत्यु।
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| 110
| 1766 ई॰ 
| निज़ाम ने उत्तरी सरकार (Northern Sarkars) क्षेत्र अंग्रेज़ों को दिया।
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| 111
| 1767 ई॰ 
| क्लाइब [[इंग्लैण्ड]] वापस, वेरेलस्ट बंगाल का गवर्नर बना।
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| 112
| 1767–69 ई॰ 
| [[मैसूर युद्ध|प्रथम मैसूर युद्ध]], अंग्रेज़ों ने अपमानजनक शर्तों पर [[हैदरअली]] से सन्धि की, हैदर अली का [[चेन्नई]] अभियान।
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| 113
| 1769 ई॰ 
| निज़ाम और [[मराठा|मराठों]] के साथ अंग्रेज़ों की [[चेन्नई]] सन्धि।
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| 114
| 1770 ई॰ 
| बंगाल में भीषण दुर्भिक्ष, पेरिस में दिवालिया हो जाने के कारण फ़्राँसीसी [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] भंग।
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| 115
| 1771 ई॰ 
| [[मराठा|मराठों]] का [[हैदरअली]] पर आक्रमण, [[दिल्ली]] पर [[मराठा|मराठों]] का क़ब्ज़ा, शाहआलम को अंग्रेज़ों के बन्धन से मुक्ति।
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| 116
| 1772 ई॰ 
| वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्न नियुक्त, [[मराठा|मराठों]] का रुहेलखण्ड पर आक्रमण, भारतीय मामलों के लिए ब्रिटिश संसद की दो संसदीय समितियों का गठन, पेशवा माधवराव की मृत्यु, नारायण राव पेशवा बना पर ही शीघ्र मृत्यु, [[अवध]] के नवाब और रुहिल्लों का [[मराठा|मराठों]] के विरुद्ध समझौता, कम्पनी द्वारा द्वैध शासन के समाप्ति की तथा खुद दीवान का कार्य अपने हाथों में लेने की घोषणा।
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| 117
| 1772–1833 ई॰ 
| [[राजा राममोहन राय]] का जीवनकाल।
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| 118
| 1773 ई॰ 
| ब्रिटिश संसद द्वारा रेग्युलेटिंग एक्ट पारित, कम्पनी पर संसद का आंशिक नियंत्रण, [[चेन्नई]] तथा [[बम्बई]] प्रेसीडेन्सियों पर [[कलकत्ता]] प्रेसीडेन्सी का आंशिक नियंत्रण, रघुनाथ राव पेशवा बना, अंग्रेज़ों और [[अवध]] के नवाब के बीच रुहेलखण्ड पर संयुक्त रूप से चढ़ाई का समझौता।
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| 119
| 1774 ई॰ 
| वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्नर जनरल बना, [[कलकत्ता]] में पहले उच्चतम न्यायालय की स्थापना, नारायण राव पेशवा बना।
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| 120
| 1775 ई॰ 
| कम्पनी और [[अवध]] के वज़ीर आसफ़ुद्दौला के बीच (एक-दूसरे के विरुद्ध कार्यवाही न करने की) मैत्री सन्धि, नवाब ने अंग्रेज़ों से सैन्य सहायता लेने के बदले 2,60,000 रुपये प्रतिमाह देना स्वीकार किया, नन्द कुमार पर मुक़दमा तथा मृत्युदण्ड (6 मई), रघुनाथ राव तथा अंग्रेज़ों के बीच [[सूरत]] की सन्धि।
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| 121
| 1775–1782 ई॰ 
| प्रथम आंग्ल [[मराठा]] युद्ध।
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| 122
| 1776 ई॰ 
| अंग्रेज़ों (कर्नल आप्टन) तथा [[मराठा|मराठों]] (रघुनाथ राव के विरोधियों) के बीच पुरन्दर की सन्धि।
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| 123
| 1777 ई॰ 
| सन् 1857 के विद्रोही वीर कुँवर सिंह का जन्म।
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| 124
| 1778 ई॰
| [[यूरोप]] में अंग्रेज़-फ़्राँस युद्ध, भारत में फ़्राँसीसी उपनिवेशों पर अंग्रेज़ों का अधिकार।
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| 125
| 1779 ई॰ 
| [[मराठा|मराठों]] तथा अंग्रेज़ों के बीच बड़गाँव समझौता (Convention of Wadgaon) [[मराठा|मराठों]] ने 1773 में खोए हुए क्षेत्र पुनः प्राप्त किए, हैदर अली, [[हैदराबाद]] के निज़ाम तथा [[मराठा|मराठों]] अंग्रेज़ों का विरोध करने को एकजुट।
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| 126
| 1780  ई॰ 
| कैप्टन पोफम के नेतृत्व में कम्पनी का [[ग्वालियर]] पर अधिकार, [[मैसूर युद्ध|द्वितीय मैसूर युद्ध]] प्रारम्भ, हैदर अली द्वारा [[कर्नाटक]] ध्वस्त, महाराजा रणजीत सिंह का जन्म, जेम्स हिक्की द्वारा 'बंगाल गजट' का प्रकाशन।
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| 127
| 1781 ई॰ 
| कम्पनी ने [[बनारस]] के राजा चेतसिंह को गद्दी से हटाया, पोर्टोनोवा में हैदर अली पराजित, रेग्युलेंटिग एक्ट में संशोधन, वारेन हेस्टिंग्स द्वारा 'कलकत्ता मदरसा' की स्थापना, बंगाल में 'बोर्ड आफ़ रेवेन्यू' की स्थापना।
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| 128
| 1782 ई॰ 
| अंग्रेज़, [[मराठा]] और हैदर अली के बीच 'सल्बाई की सन्धि' हैदर अली की मृत्यु, बंगाल की खाड़ी में अंग्रेज़ों तथा फ़्राँसीसियों के बीच नौसेनिक युद्ध, अंग्रेज़ों की मदद से आसफ़ुद्दौला द्वारा [[अवध]] की बेगमों से धन उगाही।
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| 129
| 1782–99 ई॰ 
| [[टीपू सुल्तान]] [[मैसूर]] का शासक बना।
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| 130
| 1783 ई॰ 
| फाक्स का इंडिया बिल ब्रिटिश संसद में अस्वीकृत।
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| 131
| 1784 ई॰ 
| [[टीपू सुल्तान]] के साथ 'मंगलौर की सन्धि', द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध की समाप्ति, भारतीय मामलों के लिए 'बोर्ड आफ़ कंट्रोल' की स्थापना हेतु पिट का इंडिया एक्ट ब्रिटिश संसद में पारित, 'एसियाटिक सोसाइटी आफ़ बंगाल' की स्थापना।
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| 132
| 1785 ई॰ 
| वारेन हेस्टिंग्स का त्यागपत्र, [[पंजाब]] में सिखों का आधिपत्य, [[दिल्ली]] पर महादजी सिंधिया का अधिकार।
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| 133
| 1786–1793 ई॰
| लार्ड कार्नवालिस बंगाल का गवर्नर जनरल, गवर्नर जनरल को अपने परिषद् के निर्णय को निरस्त करने की व्यवस्था।
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| 134
| 1787 ई॰ 
| [[टीपू सुल्तान]] ने पेरिस और कुस्तुनतुनिया में दूत भेजा, [[मराठा]], निज़ाम तथा टीपू के बीच सन्धि, मराठा लाभान्वित, विलियम विलबरफ़ोर्स द्वारा 'दासता-विरोधी (Anti-slavery) लीग' की स्थापना।
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| 135
| 1788 ई॰ 
| ग़ुलाम क़ादिर रुहिल्ला का [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा, ग़ुलाम क़ादिर ख़ान द्वारा शाहआलम द्वितीय को नेत्रहीन बनाया गया, बेदार बख़्त दिल्ली की गद्दी पर आसीन।
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| 136
| 1788–1795 ई॰ 
| वारेन हेस्टिंग्स पर महाभियोग।
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| 137
| 1789–90 ई॰
| [[टीपू सुल्तान]] का श्रावणकोर पर अधिकार।
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| 138
| 1789–1802 ई॰
| [[मराठा|मराठों]] का दिल्ली पर अधिकार।
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| 139
| 1790–92 ई॰ 
| [[मैसूर युद्ध|तृतीय मैसूर युद्ध]] ([[टीपू सुल्तान]] और अंग्रेज़, [[मराठा]] की संयुक्त सेना के बीच)।
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| 140
| 1792 ई॰ 
| श्रीरंगपट्टम की सन्धि के साथ [[मैसूर युद्ध|तृतीय मैसूर युद्ध]] समाप्त, [[पंजाब]] में रणजीत सिंह सुकरचकिया-मिसल के मुखिया, जोनाथन डंकन द्वारा [[वाराणसी]] में राजकीय संस्कृत महाविद्यालय (बाद में संस्कृत विश्वविद्यालय) की स्थापना।
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| 141
| 1793–1798 ई॰ 
| बंगाल के गवर्नर जनरल सर जॉन शोर का कार्यकाल।
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| 142
| 1793 ई॰
| बंगाल में भू-राजस्व का स्थायी बंदोबस्त, ब्रिटिश संसद द्वारा भारत में युद्ध नियंत्रण विधेयक पारित। [[पाण्डिचेरी]] पर अंग्रेज़ों का अधिकार, कम्पनी के चार्टर का नवीनीकरण।
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| 143
| 1794 ई॰ 
| [[पूना]] में महादजी सिंधिया (शिंदे) का निधन।
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| 144
| 1795 ई॰ 
| ख़र्दा के युद्ध में निज़ाम का [[मराठा|मराठों]] के समक्ष समर्पण, इन्दौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर का निधन, जोनाथन डंकन [[बम्बई]] का गवर्नर नियुक्त।
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| 145
| 1796 ई॰ 
| पेशवा माधवराव नारायण की मृत्यु, बाजीराव द्वितीय पेशवा नियुक्त, अंग्रेज़ों द्वारा [[श्रीलंका]] को डचों से मुक्त कराया गया।
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| 146
| 1797 ई॰ 
| [[अहमद शाह अब्दाली]] के पोते जमान शाह का [[पंजाब]] पर आक्रमण। [[लाहौर]] पर अधिकार। [[अवध]] में नवाब आसफ़ुद्दौला की मृत्यु। वज़ीर अली नये नवाब (अवध), श्रीरंगपट्टम में 60 फ़्राँसीसियों द्वारा 'जैकोबिन क्लब' की स्थापना।
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| 147
| 1798–1805 ई॰ 
| लार्ड वेलेजली बंगाल का गवर्नर-जनरल।
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| 148
| 1798 ई॰ 
| आजिद अली को हटाकर सआदत अली [[अवध]] का नवाब बना, निज़ाम द्वारा आश्रम-सन्धि पर हस्ताक्षर, [[टीपू सुल्तान]] के विरुद्ध अंग्रेज़, पेशवा और निज़ाम में एकता, टीपू ने फ़्राँसीसी उपनिवेश मारिशस को दूत भेजा, नेपोलियन बोनापार्ट का [[मिस्र]] अभियान।
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| 149
| 1799 ई॰ 
| नेपोलियन के काहिरा से लिखे पत्र में [[टीपू सुल्तान]] को अंग्रेज़ों से मुक्ति दिलाने का आश्वासन। [[मैसूर युद्ध|चौथे मैसूर युद्ध]] में टीपू की मृत्यु। [[मैसूर]] विभाजन। मैसूर राजवंशज कृष्णराज गद्दी पर आसीन। जमान शाह द्वारा रणजीत सिंह [[लाहौर]] का सूबेदार नियुक्त। मैल्कम के नेतृत्व में अंग्रेज़ दूतमंण्डल [[ईरान]] पहुँचा। विलियम केरी द्वारा सेरामपुर में बैप्टिस्ट मिशन स्थापित।
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13:20, 25 जून 2011 के समय का अवतरण