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| {{सूचना बक्सा पर्यटन
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| |चित्र=Khwaja-Garib-Nawaz-Dargah.jpg
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| |विवरण=अजमेर तारागढ़ की पहाड़ी, जिसके शिखर पर क़िला है, निचली ढलानों पर यह शहर स्थित है। पर्वतीय क्षेत्र में बसा अजमेर अरावली पर्वतमाला का एक हिस्सा है, जिसके दक्षिण-पश्चिम में लूनी व पूर्वी हिस्से में बनास की सहायक नदियाँ बहती हैं। मुग़लों की बेगम और शहजादियाँ यहाँ अपना समय व्यतीत करती थी।
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| |राज्य=[[राजस्थान]]
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| |ज़िला=[[अजमेर ज़िला]]
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| |निर्माता=[[राजा अजयदेव चौहान]]
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| |स्वामित्व=
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| |प्रबंधक=
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| |निर्माण काल=
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| |स्थापना=सन 1100 ई. में स्थापित
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| |भौगोलिक स्थिति=26.27° N 74.42° E
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| |मार्ग स्थिति=
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| |प्रसिद्धि=[[ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह अजमेर|ख्वाज़ा की दरगाह]]
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| |कब जाएँ=वर्षा ऋतु
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| |यातायात=ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा
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| |हवाई अड्डा=
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| |रेलवे स्टेशन=अजमेर जंक्शन
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| |बस अड्डा=
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| |कैसे पहुँचें=अजमेर पहुँचने के लिए सबसे बेहतर विकल्प रेल मार्ग है। दिल्ली से दिल्ली-अहमदाबाद एक्सप्रेस द्वारा आसानी से अजमेर पहुँचा जा सकता है। रेलमार्ग के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से निजी वाहन द्वारा भी बेहरोड और जयपुर होते हुए अजमेर पहुँचा जा सकता है।
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| |क्या देखें=[[अजमेर पर्यटन|पर्यटन स्थल]]
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| |कहाँ ठहरें=[[अजमेर प्रवास]]
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| |क्या खायें=
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| |क्या ख़रीदें=
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| |एस.टी.डी. कोड=145
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| |ए.टी.एम=
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| |सावधानी=
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| |मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Ajmer,+rajasthan&ie=UTF8&hq=&hnear=Ajmer,+Rajasthan&ll=26.453361,74.63974&spn=0.568029,1.234589&z=10 गूगल मानचित्र]
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| |संबंधित लेख=
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| |पाठ 1=
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 2=
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| |शीर्षक 2=
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| |अन्य जानकारी=
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| {| class="wikitable" border="1"
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| ! किताब का नाम
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| ! लेखक का नाम
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| | गगनचुम्बी इमारतें
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| | समकालीन कोलकाता की रूपरेखा में कई स्थानों पर गगनचुम्बी इमारतें और ऊँचे बहुमंज़िला खण्ड विद्यमान हैं। नगर-परिदृश्य तेज़ी से परिवर्तित हुआ है।
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| | चौरंगी क्षेत्र
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| | मध्य कोलकाता का चौरंगी क्षेत्र, जो कभी भव्य आवासों की पंक्ति था, कार्यालयों, होटलों और दुकानों में बदल गया है।
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| | उत्तरी और मध्य कोलकाता
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| | उत्तरी और मध्य कोलकाता में आज भी इमारतें मुख्यतः दो या तीन मंज़िल ऊँची होती हैं।
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| | दक्षिण व दक्षिण-मध्य कोलकाता
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| | दक्षिण व दक्षिण-मध्य कोलकाता में बहुमंज़िला इमारतें अधिक प्रचलित हो गई हैं।
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| | स्मारक
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| | कोलकाता के स्थापत्य स्मारकों में पश्चिमी प्रभाव अधिक झलकता है।
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| |केडलस्टोन हाल
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| |राजभवन (राज्यपाल का निवास स्थान) डर्बीशायर के केडलस्टोन हाल का प्रतिरूप है।
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| |क्लॉथ हॉल
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| |उच्च न्यायालय इप्रेस, बेल्जियम के क्लॉथ हॉल से साम्य रखता है।
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| |टाउन हॉल
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| |डोरिक-हेलेनिक मण्डप के साथ टाउन हॉल यूनानी शैली में है।
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| |सेन्ट पॉल गिरजाघर
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| |सेन्ट पॉल गिरजाघर स्थापत्य इंडो-गॉथिक शैली में है।
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| |बिल्डिंग गॉथिक शैली
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| |शीर्ष पर मूर्तियों के साथ राइटर्स बिल्डिंग गॉथिक शैली का है।
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| |भारतीय संग्रहालय
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| |भारतीय संग्रहालय इतालवी शैली में है।
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| |भव्य गुम्बद
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| |प्रधान डाकघर में भव्य गुम्बदों के साथ कोरिथियाई स्तम्भ हैं।
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| |शहीद मीनार
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| |शहीद मीनार (ऑक्टरलोनी मान्यूमेंट) के ख़ूबसूरत स्तम्भ 50 मीटर ऊँचे हैं। इसका आधार मिस्र, स्तम्भ सीरियाई और गुम्बद तुर्की शैली में है।
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| |विक्टोरिया मेमोरियल
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| |विक्टोरिया मेमोरियल पश्चिमी शास्त्रीय प्रभाव के मुग़ल स्थापत्य के साथ मिश्रण के प्रयास को प्रदर्शित करता है।
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| |नाखुदा मस्जिद
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| |नाखुदा मस्जिद, [[आगरा]] के [[सिकन्दरा]] स्थित अकबर के मक़बरे के आधार पर बनाई गई है।
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| |बिड़ला तारागृह
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| |बिड़ला तारागृह (प्लेनिटेरियम), साँची के स्तूप (बौद्ध अवशेष गोलक) पर आधारित है।
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| |पश्चिम बंगाल विधानसभा
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| |पश्चिम बंगाल विधानसभा भवन आधुनिक स्थापत्य शैली की एक भव्य इमारत है।
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| |रामकृष्ण मिशन सांस्कृतिक संस्थान
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| |स्वतंत्रता पश्चात्त के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण, रामकृष्ण मिशन सांस्कृतिक संस्थान, पश्चिमोत्तर भारत की प्राचीन महल स्थापत्य शैली में बना है।
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