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| ==भूगोल सामान्य ज्ञान==
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| <quiz display=simple>
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| {कौन-सा खगोलीय पिण्ड 'रात की रानी' कहलाता है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 252, प्र. 156)
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| +[[चन्द्रमा]]
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| -[[बृहस्पति ग्रह|बृहस्पति]]
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| -[[मंगल ग्रह|मंगल]]
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| -[[प्लूटो ग्रह|प्लूटो]]
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| ||[[चित्र:Moon.jpg|right|100px|चन्द्रमा]]'चन्द्रमा' [[पृथ्वी]] का एकमात्र उपग्रह है, जो वायुमंडल विहीन है और जिसकी पृथ्वी से दूरी 3,84,365 कि.मी. है। इसके [[प्रकाश]] को पृथ्वी पर आने में 1.3 सेकंड का समय लगता है। चन्द्रमा, पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 27 दिन और 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर एक घूर्णन करता है। यही कारण है कि चन्द्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से चन्द्रमा का 57% भाग देखा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चन्द्रमा]]
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| {निम्न में से [[आकाश]] का सबसे चमकदार [[तारा]] कौन-सा है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 253, प्र. 168)
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| -प्रोक्सिमा सेंचुरी
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| -बर्नार्ड
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| -नेबुला
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| +सिरियस
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| {[[हैली धूमकेतु]] का आवर्तकाल कितना होता है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 253, प्र. 169)
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| -66 वर्ष
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| +76 वर्ष
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| -86 वर्ष
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| -96 वर्ष
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| ||[[चित्र:Halleys-comet- 1986.jpg|right|120px|हैली धूमकेतु-1986]]'हैली धूमकेतु' सबसे प्रसिद्घ पुच्छल तारा है। इसका नाम प्रसिद्घ खगोलशास्त्री एडमंड हैली के नाम पर रखा गया है। हैली का कहना था कि जो धूमकेतु 1682 में दिखायी दिया था, यह वही धूमकेतु है, जो सन 1531 व 1607 में भी दिखायी पड़ा था। उन्होंने गणना द्वारा भविष्यवाणी की कि [[हैली धूमकेतु]] 1758 के अन्त के समय पुन: दिखायी पड़ेगा। यह पुच्छल तारा नवम्बर 1835, अप्रैल 1910, और फ़रवरी 1986 में दिखायी पड़ा। यह पुन: 2061 में दिखायी पड़ेगा, क्योंकि यह 75-76 सालो में [[पृथ्वी]] के पास आता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हैली धूमकेतु]]
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| {[[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की तीन संदेन्द्री परतों में ऊपर से दूसरी परत का नाम क्या है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 254, प्र. 08)
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| -सियाल
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| +सीमा
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| -निफे
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा [[मरुस्थल]] कौन-सा है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 278, प्र. 02)
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| -अटाकामा
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| +[[थार मरुस्थल|थार]]
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| -कालाहारी
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| -कोलोरैडो
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| ||[[चित्र:Thar desert.jpg|right|120px|थार मरुस्थल]]'थार मरुस्थल' [[राजपूताना]] और [[सिन्धु नदी]] की घाटी के निचले भाग के मध्य में फैला हुआ है। इस मरुस्थल में एक बूँद [[जल]] नहीं मिलता। यह [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच की सीमा रेखा भी बनाता है। [[थार मरुस्थल]] हर साल आधा किलोमीटर की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है। आने वाले वक़्त में यह [[भारत]] के भू-उपयोग का नक्शा ही बदल देगा। 'इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' (इसरो) की ताजा रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि कल तक [[राजस्थान]] की पहचान रहे थार मरुस्थल ने अब [[हरियाणा]], [[पंजाब]], [[उत्तर प्रदेश]] तथा [[मध्य प्रदेश]] तक अपने पाँव पसार लिए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[थार मरुस्थल|थार]]
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| {धरातल पर 1° [[अक्षांश]] की दूरी निम्न में से किसके बराबर होती है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 256, प्र. 06)
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| |type="()"}
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| -11 कि.मी.
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| -21 कि.मी.
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| +111 कि.मी.
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| -121 कि.मी.
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| {वह काल्पनिक रेखा जो [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] को दो भागों में बाँटती है, क्या कहलाती है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 256, प्र. 09)
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| |type="()"}
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| +[[भूमध्य रेखा]]
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| -[[कर्क रेखा]]
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| -[[मकर रेखा]]
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||'[[विषुवत रेखा]]' या '[[भूमध्य रेखा]]' [[पृथ्वी]] की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह रेखा पृथ्वी को दो गोलार्द्धों, उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध में विभाजित करती है। इस रेखा पर प्राय: पूरे वर्षभर दिन और रात की अवधि बराबर होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भूमध्य रेखा]]
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| {[[भारत]] का प्रामाणिक समय किस स्थान से निश्चित किया जाता है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 257, प्र. 11)
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| |type="()"}
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| -[[मुम्बई]]
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| -[[दिल्ली]]
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| +[[इलाहाबाद]]
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| -[[कानपुर]]
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| ||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|right|120px|संगम, इलाहाबाद]]इलाहाबाद, दक्षिणी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[उत्तरी भारत]] में स्थित है। यह [[गंगा नदी|गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] नदी पर बसा हुआ है। गंगा और यमुना के संगम के लिए भी इलाहाबाद बहुत प्रसिद्ध है। [[भारत]] का मानक याम्योत्तर ग्रीनविच से 82.5° पूर्व है, जिसका अर्थ है कि हमारा [[मानक समय]], [[ग्रीनविच मानक समय]] से साढ़े पाँच घंटे आगे है। भारत में पूर्वी देशान्तर, जो कि [[इलाहाबाद]] के निकट नैनी से गुजरती है, के समय को मानक समय माना गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इलाहाबाद]]
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| {निम्न में से किस स्थान का प्रामाणिक समय एवं स्थानीय समय लगभग एक समान है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 258, प्र. 13)
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| |type="()"}
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| -[[नई दिल्ली]]
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| +नैनी
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| -[[अहमदाबाद]]
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| -[[राँची]]
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| {निम्न में से कौन-सी घटना धरातल पर नहीं घटती है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 260, प्र. 28)
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| |type="()"}
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| -[[ज्वालामुखी]]
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| -अपक्षय
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| -अपरदन
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| +[[सुनामी]]
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| ||[[चित्र:Tsunami-1.jpg|right|120px|सुनामी का एक दृश्य]]'सुनामी' एक समुद्री हवा है, जो बड़े पैमाने पर समुद्री पानी में हलचल पैदा कर देती है। [[सुनामी]] जापानी शब्द है, जिसकी उत्पत्ति दो शब्दों- 'सू' (हार्बर) और 'नामी' (वेब) से हुई है, जिसका आशय [[जापान]] में ‘बन्दरगाह की लहरें’ से है। सुनामी लहरों की श्रृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है, जो तब उत्पन्न होती हैं, जब [[समुद्र]] या झील में [[जल]] की व्यापक मात्रा तेजी से विस्थापित होती है। सुनामी तीन प्रकार की होती है- दूरस्थ सुनामी, क्षेत्रीय सुनामी और स्थानीय सुनामी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनामी]]
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| {मानसून शब्द का क्या तात्पर्य है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 267, प्र. 11)
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| |type="()"}
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| -हवाओं का सदा एक ओर ही बहना
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| -हवाओं का बहुत तेज़ी से बहना
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| +हवाओं के रूख का बदलना
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| -हवाओं का बहुत धीमी गति से बहना
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| {किस [[महाद्वीप]] को 'श्वेत महाद्वीप' के नाम से जाना जाता है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 272, प्र. 04)
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| |type="()"}
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| -[[यूरोप]]
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| -[[अफ़्रीका]]
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| -[[ऑस्ट्रेलिया]]
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| +[[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]]
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| ||[[चित्र:Antarctica.jpg|right|120px|अंटार्कटिका]]'अंटार्कटिका महाद्वीप' सातों महाद्वीपों में से सबसे ठंडा [[महाद्वीप]] है। अत्यधिक बर्फ की उपस्थिति के कारण 'श्वेत महाद्वीप' कहलाने वाला अंटार्कटिका [[पृथ्वी]] का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह [[एशिया]], [[अफ़्रीका]], उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ़ से आच्छादित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंटार्कटिका महाद्वीप|अंटार्कटिका]]
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| {[[बांग्लादेश]] में किस नदी को 'पद्मा' के नाम से पुकारा जाता है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 287, प्र. 02)
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| |type="()"}
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| -[[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]]
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| +[[गंगा नदी|गंगा]]
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| -[[कावेरी नदी|कावेरी]]
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| -[[कोसी नदी|कोसी]]
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| ||[[चित्र:Haridwar2.jpg|right|120px|गंगा नदी, हरिद्वार]][[बिहार]] राज्य में [[गंगा नदी]] की मुख्य सहायक नदियाँ [[हिमालय]] क्षेत्र की तरफ़ से [[गंडक नदी|गंडक]], बूढ़ी गंडक, [[कोसी नदी|कोसी]] तथा घुघरी हैं। दक्षिण की तरफ़ से इसकी मुख्य सहायक नदी [[सोन नदी|सोन]] है। यहाँ से यह नदी [[राजमहल पहाड़ियाँ|राजमहल पहाड़ियों]] का चक्कर लगाती हुई दक्षिण-पूर्व में फरक्का तक पहुँचती है, जो इस डेल्टा का सर्वोच्च बिन्दु है। यहाँ से गंगा [[भारत]] में अन्तिम राज्य [[पश्चिम बंगाल]] में प्रवेश करती है, जहाँ उत्तर की तरफ़ से इसमें महानंदा मिलती है, समूचे पश्चिम बंगाल और [[बांग्लादेश]] में स्थानीय आबादी गंगा को '[[पद्मा नदी|पद्मा]]' कहकर पुकारती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[थार मरुस्थल|थार]]
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| {[[भारत]] की सबसे लम्बी स्थलीय सीमा किस देश के साथ में है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 326, प्र. 47)
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| |type="()"}
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| -[[चीन]]
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| -[[पाकिस्तान]]
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| +[[बांग्लादेश]]
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| -[[म्यांमार]]
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा एक पत्तन [[गुजरात]] में पोत के तोड़ने एवं मरम्मत हेतु प्रसिद्ध है?(ल्युसेंट सा.ज्ञा., पृ. 291, प्र. 09)
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| |type="()"}
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| -[[पोरबन्दर]]
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| -पीपावाव
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| +[[पाटन]]
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| -[[माण्डवी]]
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| ||'पाटन' या 'पाटण' [[गुजरात]] का एक नगर है, जो महसाणा से 25 मील {{मील|मील=25}} दूर है। स्थानीय जनश्रुति है कि [[महाभारत]] में उल्लिखित हिडिंबवन [[पाटन]] के निकट ही स्थित था और [[पाण्डव]] [[भीम]] ने [[हिडिंब]] राक्षस को मारकर उसकी बहिन [[हिडिंबा]] से यहीं [[विवाह]] किया था। पाटन के खण्डहर सहस्त्रलिंग झील के किनारे स्थित हैं। इसकी खुदाई में अनेक बहुमूल्य स्मारक मिले हैं- इनमें मुख्य हैं- भीमदेव प्रथम की रानी उदयमती की बाव या बावड़ी, रानी महल और पार्श्वनाथ का मंदिर।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाटन]]
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| </quiz>
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