"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
(पृष्ठ को खाली किया)
टैग: रिक्त
 
(6 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 890 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
==झारखण्ड सामान्य ज्ञान==
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>
{दक्षिण की ओर से [[झारखण्ड]] किस राज्य से घिरा हुआ है?
|type="()"}
-[[पश्चिम बंगाल]]
-[[उत्तर प्रदेश]]
-[[बिहार]]
+[[उड़ीसा]]
||[[चित्र:View-Of-Jharkhand.jpg|right|120px|झारखण्ड का एक दृश्य]]झारखण्ड का कुल क्षेत्रफल 79,714 वर्ग कि.मी. है, जो [[भारत]] के कुल क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है। इसमें 152 शहर एवं 32,615 गाँव है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से पूरे राज्य को पाँच प्रमण्डलों एवं 22 ज़िलों में विभाजित किया गया है। झारखण्ड राज्य पूर्व में [[पश्चिम बंगाल]], पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] और [[छत्तीसगढ़]], उत्तर में [[बिहार]] तथा दक्षिण में [[उड़ीसा]] से घिरा हुआ है। इस राज्य की लम्बाई (उत्तर से दक्षिण) 380 किमी. और चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम) 463 किमी. है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]]


{[[झारखण्ड]] राज्य से गुजरने वाली [[कोलकाता]]-[[दिल्ली]] रेल लाइन कब प्रारम्भ हुई थी?
|type="()"}
+[[1864]] ई.
-[[1866]] ई.
-[[1875]] ई.
-[[1880]] ई.
{[[झारखण्ड]] में '[[डिमना झील जमशेदपुर|डिमना झील]]' कहाँ पर स्थित है?
|type="()"}
+[[जमशेदपुर]]
-[[हज़ारीबाग़]]
-[[गिरिडीह]]
-[[धनबाद]]
||[[चित्र:Dimna-Lake-Jamshedpur.jpg|right|120px|डिमना झील, जमशेदपुर]]लौहनगरी के नाम से विख्‍यात [[जमशेदपुर]] केवल [[झारखण्ड]] में नहीं, बल्कि पूरे विश्‍व पटल पर चर्चित है। इसे 'टाटानगर' के नाम से भी जाना जाता है। पर्यटन की दृष्टि से टाटानगर का महत्‍व अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी है। टिस्‍को, टेल्‍को जैसे अंतर्राष्‍टीय स्‍तर के कारखानों के अलावा [[डिमना झील जमशेदपुर|डिमना झील]], [[जुबली पार्क जमशेदपुर|जुबली पार्क]], दलमा पहाड़, हुडको लेक, मोदी पार्क, कीनन स्‍टेडियम आदि ऐसी जगह हैं, जहाँ पर्यटक घूम सकते और प्रकृति के मनोहारी दृश्यों का आनन्द ले सकते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जमशेदपुर]]
{निम्नलिखित में से किस स्थान से कर्क रेखा गुजरती है?
|type="()"}
-[[मलूटी]]
-[[चारक खुर्द धनबाद|चारक खुर्द]]
+[[नेतरहाट]]
-इनमें से कोई नहीं
||'नेतरहाट' [[झारखण्ड]] राज्य के [[राँची]] नगर से 154 कि.मी. की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित है, जो घने वनों से ढका हुआ है। यह एक सुन्दर पहाड़ी स्थल है, जिसे 'क्वीन ऑफ़ छोटा नागपुर' के नाम से भी जाना जाता हैं। इस स्थान से कर्क रेखा भी गुजरती है। [[नेतरहाट]] राज्य का सबसे ठंडा स्थल है। यह समुद्र तल से 3700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और गर्मी के मौसम के दौरान रहने के लिए एक सुंदर व आदर्श स्‍थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेतरहाट]]
{निम्न में से कौन-सा एक [[झारखण्ड]] राज्य का [[लोकनृत्य]] है?
|type="()"}
+लुरिसेरी
-[[सरहुल नृत्य|सरहुल]]
-[[गिद्दा नृत्य|गिद्दा]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[झारखण्ड]] के सांस्कृतिक क्षेत्र अपने-अपने भाषाई क्षेत्रों से जुड़े हैं। [[हिन्दी]], [[संथाली भाषा|संथाली]], मुंडा, हो, कुडुख, [[मैथिली भाषा|मैथिली]], माल्तो, कुरमाली, खोरठा और [[उर्दू भाषा|उर्दू]] भाषाएँ यहाँ पर बोली जाती है। [[भोजपुरी]] बोली का लिखित [[साहित्य]] न होने के बावजूद इसका उल्लेखनीय मौखिक लोक साहित्य है। [[मगही बोली|मगही]] की भी समृद्ध लोक परम्परा है। अधिकांश जनजातीय गाँवों में एक नृत्यस्थली होती है। पइका, छउ, जदुर, नचनी, नटुआ, अग्नि, छोकरा, संथाल, जामदा, घटवारी, महता, सोहारी और लुरिसेरी यहाँ के प्रसिद्ध लोकनृत्य हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]]
{'[[मुग़ल काल]]' में [[झारखण्ड]] को किस नाम से जाना जाता था?
|type="()"}
-खूँटकुट्टी
-डागरा
+खुखरा
-पाइका
{[[झारखण्ड]] को किस [[मुग़ल]] शासक ने सर्वप्रथम अपना करदाता प्रदेश बनाया?
|type="()"}
-[[हुमायूँ]]
+[[अकबर]]
-[[जहाँगीर]]
-[[औरंगज़ेब]]
||[[चित्र:Tajmahal-03.jpg|right|120px|ताजमहल, आगरा]]अकबर का बचपन माँ-बाप के स्नेह से रहित [[अस्करी]] के संरक्षण में [[माहम अनगा]], जौहर शम्सुद्दीन ख़ाँ एवं जीजी अनगा की देख-रेख में [[कंधार]] में बीता था। [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में आज [[अकबर]] का नाम काफ़ी प्रसिद्ध है। उसने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया, सभी जाति-वर्गों के लोगों को एक समान माना और उनसे अपने मित्रता के सम्बन्ध स्थापित किये थे। अकबर ने अपने शासनकाल में सारे [[भारत]] को एक साम्राज्य के अंतर्गत लाने का प्रयास किया, जिसमें वह काफ़ी हद तक सफल भी रहा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अकबर]]
{[[झारखण्ड]] के राजा दुर्जनशाल को गिरफ़्तार करके कहाँ रखा गया था?
|type="()"}
-[[दिल्ली]]
-[[आगरा]]
+[[ग्वालियर]]
-[[पंजाब]]
||[[चित्र:Jai-Vilas-Palace.jpg|right|120px|जय विलास पेलेस, ग्वालियर]]'ग्वालियर' [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। यह शहर और इसका क़िला [[उत्तर भारत]] के प्राचीन शहरों का केन्द्र रहे हैं। [[ग्वालियर]] अपने पुरातन ऐतिहासिक संबंधों, दर्शनीय स्थलों और एक बड़े सांस्कृतिक, औद्योगिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस शहर को उसका नाम उस ऐतिहासिक पत्थरों से बने क़िले के कारण दिया जाता है, जो एक अलग-थलग, सपाट शिखर वाली तीन किलोमीटर लंबी तथा 90 मीटर ऊँची पहाड़ी पर बना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ग्वालियर]]
{[[झारखण्ड]] राज्य में सर्वप्रथम 'कांग्रेस कमेटी' का गठन किस वर्ष किया गया?
|type="()"}
+[[1920]] ई.
-[[1922]] ई.
-[[1924]] ई.
-[[1926]] ई.
{'[[असहयोग आन्दोलन]]' के समय [[झारखण्ड]] में किस स्थान पर राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की गई थी?
|type="()"}
-[[राँची]]
+डाल्टेनगंज
-[[हज़ारीबाग़]]
-रामगढ़
{'[[हज़ारीबाग़ अभयारण्य]]' कब स्थापित हुआ था?
|type="()"}
-[[1952]] ई.
+[[1955]] ई.
-[[1957]] ई.
-[[1959]] ई.
||[[चित्र:Hazaribag-National-Park.jpg|right|100px|हज़ारीबाग़ अभयारण्य]][[झारखण्ड]] के शहर [[हज़ारीबाग़]] में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से एक '[[हज़ारीबाग़ अभयारण्य]]' भी है। यह अभयारण्य पूर्वोत्तर [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिमी झारखण्ड राज्य में [[पटना]]-[[राँची]] मुख्य मार्ग पर हज़ारीबाग़ नगर से 18 कि.मी. दूर स्थित है। हज़ारीबाग़ अभयारण्य एक संरक्षित क्षेत्र है। यहाँ देश-विदेश से आने वाले पर्यटक वन्यजीव अभयारण्य की सैर कर सकते हैं। [[1955]] में स्थापित यह अभयारण्य 186 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है और साथ ही बहुत विशाल और ख़ूबसूरत है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हज़ारीबाग़ अभयारण्य]]
{वृहत्तर [[झारखण्ड]] की माँग सर्वप्रथम किसने उठाई थी?
|type="()"}
-ठेवले उराँव
+[[जयपाल सिंह]]
-जी.एल. उराँव
-दिशुम गुरु
{[[झारखण्ड]] [[भारत]] के कुल कितने राज्यों को स्पर्श करता है?
|type="()"}
-4 राज्य
+5 राज्य
-6 राज्य
-7 राज्य
{निम्नलिखित में से [[झारखण्ड]] राज्य की राजधानी है-
|type="()"}
-[[राजमहल]]
-[[जमशेदपुर]]
+[[राँची]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:View-Of-Ranchi.jpg|right|120px|राँची का एक दृश्य]]राँची पश्चिम-मध्य, [[झारखण्ड]] राज्य, पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह शहर [[स्वर्ण रेखा नदी]] के किनारे घाटी में स्थित है और नवगठित झारखण्ड राज्य की राजधानी है। मुख्य रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा होने के कारण यह शहर, इस क्षेत्र का [[कृषि]], [[कपास]] व [[चाय]] के व्यापार का केन्द्र है। रांची नगरपालिका की स्थापना [[1969]] ई. में की गई थी। यहाँ सैन्य छावनी, रेडियम व लाख शोध संस्थान और दो मानसिक चिकित्सालय भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राँची]]
{भौगोलिक दृष्टि से [[झारखण्ड]] राज्य की आकृति किस प्रकार की है?
|type="()"}
-त्रिभुजाकार
+चतुर्भुजाकार
-गोलाकार
-आकृतिहीन
</quiz>
|}
|}
__NOTOC__
==झारखण्ड सामान्य ज्ञान==
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>
{किस [[मुग़ल]] बादशाह की मृत्यु के बाद [[झारखण्ड]] स्वतंत्र हो गया था?(संख्या-263, प्रश्न नं.- 14)
|type="()"}
+[[औरंगज़ेब]]
-[[फ़र्रुख़सियर]]
-[[बहादुरशाह जफ़र|बहादुरशाह जफ़र प्रथम]]
-[[जहाँगीर]]
||[[चित्र:Aurangzebs-Tomb.jpg|right|100px|औरंगज़ेब का मक़बरा]][[औरंगज़ेब]] ने [[राजपूत|राजपूतों]] के प्रति [[धर्म]] के क्षेत्र में अनुदारयता की नीति अपनायी। [[क़ुरान]] का कट्टर समर्थक होने के नाते वह अन्य धर्मों मुख्यतः [[हिन्दू धर्म]] के प्रति बहुत असहिष्णु था। उसने [[12 अप्रैल]], 1679 ई. को हिन्दुओं पर दोबारा '[[जज़िया कर]]' लगाया। सर्वप्रथम जज़िया कर मारवाड़ पर लागू किया गया। धार्मिक क्रिया-कलापों, त्यौहारों एवं उत्सवों को प्रतिबन्धित करते हुए औरंगज़ेब ने हिन्दुओं से 'तीर्थयात्रा कर' पुनः वसूलना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में [[हिन्दू]] मंदिरों को तोड़ने का आदेश देकर नवीन एवं पुराने मंदिरों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया। औरंगज़ेब की इन नीतियों का राजपूतों के ऊपर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]]
{[[झारखण्ड]] राज्य में 'छोटा नागपुर केसरी' कौन कहलाते हैं?(संख्या-263, प्रश्न नं.- 11)
|type="()"}
-शेख़ भिखारी
-भोलानाथ सिंह
+राम नारायण सिंह
-इनमें से कोई नहीं
{[[झारखण्ड]] का प्रथम जनजातीय विद्रोह कौन-सा था?(संख्या- 263, प्रश्न नं.- 17)
|type="()"}
-[[सन्थाल विद्रोह]]
-[[मुण्डा विद्रोह]]
+पहाड़िया विद्रोह
-इनमें से कोई नहीं
{निम्नलिखित में से कौन-सा मन्दिर [[रजरप्पा]] में स्थित है?
|type="()"}
+[[छिन्नमस्तिका मंदिर]]
-[[नौलखा मंदिर देवघर|नौलखा मंदिर]]
-[[कौलेश्वरी देवी मन्दिर]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Chinnamasta Temple.jpg|right|120px|छिन्नमस्तिका मंदिर, रजरप्पा]][[झारखण्ड]] की राजधानी [[राँची]] से क़रीब 80 कि.लो. की दूरी पर स्थित [[छिन्नमस्तिका मंदिर|माँ छिन्नमस्तिका मंदिर]] [[रजरप्पा]] में स्थित है। भैरवी-भेड़ा और [[दामोदर नदी]] के संगम पर स्थित मंदिर की उत्तरी दीवार के साथ रखे शिलाखंड पर दक्षिण की ओर मुख किए माता छिन्नमस्तिका के दिव्य स्वरूप का दर्शन होता है। [[असम]] स्थित माँ [[कामाख्या मंदिर]] के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा [[शक्तिपीठ]] है। यहाँ शादियाँ भी कराई जाती हैं। मंदिर के अन्दर शिलाखंड में माँ की तीन आँखें हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छिन्नमस्तिका मंदिर]]
{[[झारखण्ड]] राज्य में कहाँ के सैनिकों ने सबसे पहले विद्रोह किया?(संख्या- 264, प्रश्न नं.- 18)
|type="()"}
-[[हज़ारीबाग़]]
-रामगढ़
+डोरण्डा
-[[पलामू]]
{'चतरा युद्ध' कब हुआ था?(संख्या- 264, प्रश्न नं.- 21)
|type="()"}
-[[20 अक्टूबर]], [[1857]] ई.
-[[21 अक्टूबर]], [[1857]] ई.
+[[22 अक्टूबर]], [[1857]] ई.
-[[12 अक्टूबर]], [[1857]] ई.
{[[झारखण्ड]] में सर्वप्रथम [[कांग्रेस]] कमेटी का गठन किस वर्ष हुआ था?(संख्या- 264, प्रश्न नं.- 25)
|type="()"}
+[[1920]] ई.
-[[1922]] ई.
-[[1924]] ई.
-[[1926]] ई.
{निम्नलिखित में से किस स्थान को 'झारखण्ड का प्रवेश द्वार' कहा जाता है?
|type="()"}
-[[देवघर]]
+[[चतरा]]
-[[गिरिडीह]]
-[[दुमका]]
||'चतरा' [[झारखण्ड]] का बहुत ही ख़ूबसूरत स्‍थान है। इसे 'झारखंड का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है।  यहाँ पर जंगलों, प्राचीन मन्दिरों, नदियों, झरनों और वन्य जीव अभयारण्यों की सैर की जा सकती है। यहाँ के जंगलों में वन्य जीवों को आसानी से देखा जा सकता है। वन्य जीवों के अलावा इन जंगलों में विविध प्रकार के औषधीय वृक्ष और जड़ी-बुटियाँ भी पाई जाती हैं। [[चतरा]] के 'द्वारी झरने' में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस झरने में [[स्नान]] करने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चतरा]]
{[[असहयोग आन्दोलन]] के दौरान किस स्थान पर राष्टीय विद्यालय के स्थापना की गई थी?(संख्या- 264, प्रश्न नं.- 27)
|type="()"}
-[[राँची]]
+डाल्टेनगंज
-[[हज़ारीबाग़]]
-रामगढ़
{'ऑल इंडिया झारखण्ड स्टूडेन्ट यूनियन' का गठन किस स्थान पर हुआ था?(संख्या- 265, प्रश्न नं.- 14)
|type="()"}
-[[धनबाद]]
-[[राँची]]
-[[बोकारो]]
+[[जमशेदपुर]]
||[[चित्र:Dimna-Lake-Jamshedpur.jpg|right|120px|डिमना झील, जमशेदपुर]]जमशेदपुर शहर, [[पूर्वी सिंहभूम ज़िला]], [[झारखण्ड]] राज्य, जो कि [[बिहार]] से अलग होकर बना नवगठित राज्य है, पूर्वोत्तर [[भारत]], स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के संगम पर स्थित है। 'टाटानगर' के नाम से विख्यात इस शहर की स्थापना [[1907]] ई. में उद्योगपति [[जमशेदजी टाटा]] ने की थी। बाद में यह तेज़ी से एक महत्त्वपूर्ण नगर बन गया। यहाँ 'नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेट्री' स्थित है। 'ऑल इंडिया झारखण्ड स्टूडेन्ट यूनियन' का गठन भी जमशेदपुर में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जमशेदपुर]]
{'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' के संस्थापक कौन हैं?(संख्या- 266, प्रश्न नं.- 20)
|type="()"}
-कड़िया मुण्डा
+शिबू सोरेन
-बाबूलाल मराण्डी
-ललित उराँव
{[[झारखण्ड]] राज्य में सबसे अधिक [[वर्षा]] कहाँ होती है?(संख्या- 268, प्रश्न नं.- 6)
|type="()"}
-[[धनबाद]]
-[[हज़ारीबाग़]]
-[[राँची]]
+[[नेतरहाट]]
||'नेतरहाट' [[झारखण्ड]] राज्य के [[रांची]] नगर से 154 कि.मी. की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित है। यह घने वनों से पूरी तरह से ढका हुआ है। यह एक सुन्दर पहाड़ी स्थल है, जिसे 'क्वीन ऑफ़ छोटा नागपुर' के नाम से भी जाना जाता हैं। इस स्थान से कर्क रेखा भी गुजरती है। [[नेतरहाट]] झारखण्ड राज्य का वह स्थान है, जहाँ राज्य की सबसे ज़्यादा [[वर्षा]] होती है, साथ ही यह राज्य का सबसे ठंडा स्थान भी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेतरहाट]]
{[[बिहार]] एवं [[झारखण्ड]] को विभाजित करने वाली नदी कौन-सी है?(संख्या- 269, प्रश्न नं.- 24)
|type="()"}
+[[गंगा]], [[सोन नदी|सोन]]
-[[दामोदर नदी|दामोदर]]
-[[गण्डक नदी|गण्डक]]
-[[कोसी नदी|कोसी]]
{सर्वोच्च [[पर्वत]] शिखर [[झारखण्ड]] में कौन-सा है?(संख्या- 269, प्रश्न नं.- 32)
|type="()"}
+[[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ]]
-[[सिंहभूमि|सिंहभूम]]
-[[धनबाद]]
-[[हज़ारीबाग़]]
||[[चित्र:Parasnath-Hills.jpg|right|100px|पारसनाथ पहाड़ी, झारखंड]]'पारसनाथ पहाड़ी' [[झारखण्ड]] राज्य के [[बोकारो]] शहर में स्थित है। बोकारो में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से [[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो|पारसनाथ पहाड़ी]] भी एक है। यह पहाड़ी झारखण्ड राज्य की सबसे ऊँची पहाड़ी है। [[गिरिडीह]] स्थित इस पहाड़ी की ऊँचाई लगभग 4,440 फीट है। ये पूरी पहाड़ी जंगल से घिरी हुई है। इसकी प्राकृतिक छटा बहुत ही अद्भुत है। पहाड़ी पर [[जैन धर्म]] का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल स्थित है, जिस पर जैन धर्म के 20 [[तीर्थंकर|तीर्थंकारों]] के चरण चिह्न अंकित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पारसनाथ पहाड़ी बोकारो]]
{[[जूट]] की भाँति राज्य में उत्पादित रेशे की फ़सल कहलाती है-(संख्या- 270, प्रश्न नं.- 3)
|type="()"}
-पटसन
+मेस्टा
-सनई
-उपरोक्त में से कोई नहीं
</quiz>
|}
|}
__NOTOC__

09:28, 18 अप्रैल 2024 के समय का अवतरण