"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
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{'महमूद बेगड़ा' किस राज्य का प्रसिद्ध सुल्तान था?
|type="()"}
-[[मालवा]]
-[[गुजरात]]
+[[ख़ानदेश]]
-[[जौनपुर]]
||[[तुग़लक़ वंश]] के पतन के समय [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] के सूबेदार 'मलिक अहमद राजा फ़ारूक़ी' ने [[नर्मदा नदी]] एवं [[ताप्ती नदी]] के बीच 1388 ई. में [[ख़ानदेश]] की स्थापना की और साथ ही [[फ़ारूक़ी वंश]] की नींव रखी। इसका नाम ख़ानदेश इस लिए पड़ा, क्योंकि यहाँ के सभी सुल्तानों ने 'ख़ान' की उपाधि ग्रहण की और शासन किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ख़ानदेश]]
{प्रसिद्ध 'विरुपाक्ष मंदिर' कहाँ अवस्थित है?
|type="()"}
-भद्राचलम
-चिदम्बरम
+[[हम्पी]]
-श्रीकालहस्ति
||[[चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi.jpg|right|100px|विरुपाक्ष मन्दिर]]'विरुपाक्ष मंदिर' को 'पंपापटी मंदिर' भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है। [[हम्पी]] के कई आकर्षणों में से यह मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय [[कृष्णदेव राय]] ने 'गोपुड़ा' का निर्माण करवाया था। भगवान 'विठाला' या भगवान [[विष्णु]] को यह मंदिर समर्पित है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]]
{[[अकबर]] द्वारा बनवाई गई कौन-सी इमारत का नक्शा [[बौद्ध विहार]] की तरह है?
|type="()"}
+पंचमहल
-दीवान ए ख़ास
-जोधाबाई का महल
-[[बुलंद दरवाजा]]
{'गुलबदन बेगम' निम्न में से किसकी पुत्री थीं?
|type="()"}
+[[बाबर]]
-[[हुमायूँ]]
-[[शाहजहाँ]]
-[[औरंगज़ेब]]
||[[चित्र:Babar.jpg|बाबर|100px|right]]14 फ़रवरी, 1483 ई. को फ़रग़ना में 'ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर' का जन्म हुआ था। [[बाबर]] अपने पिता की ओर से [[तैमूर]] का पाँचवा एवं माता की ओर से [[चंगेज़ ख़ाँ]] ([[मंगोल]] नेता) का चौदहवाँ वंशज था। उसका परिवार तुर्की जाति के 'चग़ताई वंश' के अन्तर्गत आता था। बाबर अपने पिता 'उमर शेख़ मिर्ज़ा' की मृत्यु के बाद 11 वर्ष की आयु में शासक बना था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाबर]]
{'गोविन्द महल', जो [[हिन्दू]] वास्तुकला का अप्रतिम उदाहरण है, कहाँ स्थित है?
|type="()"}
+दतिया
-[[खजुराहो]]
-[[ओरछा]]
-[[ग्वालियर]]
{किस [[सिक्ख]] गुरु ने [[गुरु नानक]] की जीवनी लिखी थी?
|type="()"}
-[[गुरु अंगद देव]] ने
-गुरु रामदास ने
-गुरु अमरदास ने
+गुरु अर्जुनदेव ने
{दक्षिण अफ़्रीका में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम क्या था?
|type="()"}
-नवजीवन
+इंडियन ओपिनियन
-हरिजन
-अफ़्रीकन न्यूज
{कवि [[मोहम्मद इक़बाल]], जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा' लिखा, [[भारत]] के किस स्थान से संबंधित हैं?
|type="()"}
-[[दिल्ली]]
-[[उत्तर प्रदेश]]
-[[पंजाब]]
+[[कश्मीर]]
||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[किंवदंती]] है कि, महर्षि [[कश्यप]], [[श्रीनगर]] से तीन मील दूर 'हरि-पर्वत' पर रहते थे, जहाँ आजकल [[कश्मीर की घाटी]] है। वहाँ अति प्राचीन प्रागैतिहासिक काल में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी, जिसके पानी को निकालकर महर्षि कश्यप ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]]
{वर्ष 1919 ई. में [[जलियाँवाला बाग़]] हत्याकांड कहाँ पर हुआ?
|type="()"}
+[[अमृतसर]]
-[[नागपुर]]
-[[चंडीगढ़]]
-[[कलकत्ता]]
||[[चित्र:Golden-Temple-Amritsar-3.jpg|स्वर्ण मंदिर, अमृतसर|100px|right]]अमृतसर अनेक त्रासदियों और दर्दनाक घटनाओं का गवाह रहा है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार [[अमृतसर]] के [[जलियांवाला बाग़]] में ही हुआ था। इसके बाद [[भारत]]-[[पाकिस्तान]] के बीच जिस समय बंटवारा हुआ, उस समय भी अमृतसर में बड़ा नर संहार व हत्याकांड हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अमृतसर]]
{[[काकोरी काण्ड|'काकोरी ट्रेन डकैती कांड']] के नायक कौन थे?
|type="()"}
+[[राम प्रसाद बिस्मिल]]
-[[भगत सिंह]]
-[[बटुकेश्वर दत्त]]
-बरकतुल्ला
||[[चित्र:Ram-Prasad-Bismil.jpg|राम प्रसाद बिस्मिल|100px|right]]पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के [[शाहजहाँपुर]] ज़िले में 11 जून, 1897 को हुआ। यह वह समय था, जब देश में राष्ट्रीय आन्दोलन ज़ोरों पर था। देश में ब्रिटिश हुक़ूमत के ख़िलाफ़ एक ऐसी लहर उठने लगी थी, जो पूरे [[अंग्रेज़]] शासन को लीलने के लिए बेताब हो चली थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राम प्रसाद बिस्मिल]]
{उपन्यास 'दुर्गेश नन्दनी' के लेखक कौन हैं?
|type="()"}
-[[रवीन्द्र नाथ टैगोर]]
-स्वर्ण कुमारी
+[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
-तारकनाथ गंगोपाध्याय
||[[चित्र:Bankim-Chandra-Chatterjee.jpg|बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|100px|right]]'बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय' ने [[साहित्य]] के क्षेत्र में कुछ कविताएँ लिखकर प्रवेश किया। उस समय [[बांग्ला भाषा]] में गद्य या उपन्यास कहानी की रचनाएँ कम लिखी जाती थीं। बंकिम ने इस दिशा में पथ-प्रदर्शक का काम किया। 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने 'दुर्गेश नंदिनी' नाम का उपन्यास लिखा। इस ऐतिहासिक उपन्यास से ही साहित्य में उनकी धाक जम गई। फिर उन्होंने 'बंग दर्शन' नामक साहित्यिक पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
{[[चरक]] किसके राज-चिकित्सक थे?
|type="()"}
-[[हर्षवर्धन]]
-[[चन्द्रगुप्त मौर्य]]
-[[अशोक]]
+[[कनिष्क]]
||[[चित्र:Kanishka-Coin.jpg|कनिष्क का सिक्का|100px|right]]कनिष्क के संरक्षण में न केवल [[बौद्ध धर्म]] की उन्नति हुई, अपितु अनेक प्रसिद्ध विद्वानों ने भी उसके राजदरबार में आश्रय ग्रहण किया। वसुमित्र, पार्श्व और [[अश्वघोष]] के अतिरिक्त प्रसिद्ध [[बौद्ध]] विद्वान [[नागार्जुन बौद्धाचार्य|नागार्जुन]] भी उसका समकालीन था। नागार्जुन बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध दार्शनिक हुआ है, और [[महायान]] सम्प्रदाय का प्रवर्तक उसी को माना जाता है। उसे भी [[कनिष्क]] का संरक्षण प्राप्त था। [[आयुर्वेद]] का प्रसिद्ध आचार्य [[चरक]] भी उसके आश्रय में पुष्पपुर में निवास करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कनिष्क]]
{[[गुप्त]] शासकों द्वारा जारी किए गए [[चाँदी]] के सिक्के क्या कहलाते थे?
|type="()"}
+रुपक
-कार्षापण
-दीनार
-पण
{'विजय स्तंभ' कहाँ स्थित है?
|type="()"}
+[[चित्तौड़गढ़]]
-[[दिल्ली]]
-[[झाँसी]]
-[[फ़तेहपुर सीकरी]]
||[[चित्र:Kirti-Stambh-Chittorgarh-1.jpg|कीर्ति स्तम्भ, चित्तौड़गढ़|100px|right]][[चित्तौड़गढ़]] के सात सात दरवाज़े बहुत प्रसिद्ध हैं। इन दरवाज़ों के नाम हैं—पद्मपोल, भैरवपोल, हनुमानपोल, गणेशपोल, जोठलापोल और रामपोल। भैरवपोल के पास जयमल और कल्लू राठौर के स्मारक हैं। रामपोल के ही निकट पलालेश्वर है, जहाँ [[राणा साँगा]] की कई तोपे रखी हैं। निकटस्थ शांतिनाथ के [[जैन धर्म|जैन]] मन्दिर को [[मुग़ल]] शासकों ने विध्वंस कर दिया था। वीरांगना [[पन्ना धाय]] का महल 'रानीमहल' के निकट ही है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चित्तौड़गढ़]]
{[[कश्मीर]] पर लगभग 50 वर्ष तक शासन करने वाली 'रानी दिद्दा' किस वंश की थीं?
|type="()"}
-[[कर्कोटक वंश]]
-[[उत्पल वंश]]
+[[लोहार वंश]]
-इनमें से कोई नहीं
||लोहार वंश का संस्थापक 'संग्रामराज' था। संग्रामराज के बाद 'अनन्त' इस वंश का शासक हुआ। उसने अपने शासन काल में सामन्तों के विद्रोह को कुचला। उसके प्रशासन में उसकी पत्नी रानी 'सूर्यमती' सहयोग करती थी। अनन्त का पुत्र 'कलश' एक कमज़ोर शासक था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोहार वंश]]
</quiz>
|}
|}
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10:05, 13 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण