"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4": अवतरणों में अंतर

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==इतिहास==
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[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] का प्रथम शासक कौन था, जिसने [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ालियों]] के साथ संधि की?
|type="()"}
-[[हरिहर प्रथम]]
-[[बुक्का द्वितीय]]
-[[देवराय द्वितीय]]
+[[कृष्णदेव राय]]
||[[अरब]] एवं [[फ़ारस]] से होने वाले घोड़ों के व्यापार, जिस पर [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ालियों]] का पूर्ण अधिकार था, को बिना रुकावट के चलाने के लिए [[कृष्णदेव राय]] को पुर्तग़ाली शासक 'अल्बुकर्क' से संधि करनी पड़ी। पुर्तग़ालियों की [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] के साथ सन्धि के अनुसार, वे केवल विजयनगर को ही घोड़े बेचेंगे। उसने उसे भटकल में क़िला बनाने के लिए अनुमति इस शर्त पर प्रदान की कि, वे [[मुसलमान|मुसलमानों]] से [[गोवा]] छीन लेंगे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णदेव राय]]
{[[बीजापुर]] का 'गोल गुम्बज' किस शासक का मक़बरा है?
|type="()"}
-[[अली आदिलशाह प्रथम|आदिलशाह प्रथम]]
-[[इसमाइल आदिलशाह]]
+[[मुहम्मद आदिलशाह]]
-इनमें से कोई नहीं
{[[महाभारत]] का [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] में अनुवाद [[बंगाल]] के किस सुल्तान ने कराया?
|type="()"}
-अलाउद्दीन हुसैन शाह
-[[राजा गणेश]]
+नुसरत शाह
-इनमें से कोई नहीं
{प्रसिद्ध 'विजय विट्ठल मन्दिर', जिसके 56 तक्षित स्तंभ संगीतमय स्वर निकालते हैं, कहाँ अवस्थित है?
|type="()"}
-[[वेल्लोर]]
-मद्राचलम
+[[हम्पी]]
-[[श्रीरंगम]]
||[[चित्र:Hampi-5.jpg|हम्पी के अवशेष|100px|right]][[कृष्णदेव राय]] के शासनकाल में बनाया गया प्रसिद्ध 'हजाराराम मन्दिर' विद्यमान [[हिन्दू]] मन्दिरों की वास्तुकला के पूर्णतम नमूनों में से एक है। मन्दिर की दीवारों पर [[रामायण]] के सभी प्रमुख दृश्य बड़ी सुन्दरता से उकेरे गये हैं। यह मन्दिर राज परिवार की स्त्रियों की [[पूजा]] के लिये बनवाया गया था। 'विट्ठलस्वामी मन्दिर' भी [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] शैली का एक सुन्दर नमूना है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]]
{'जाति पाति पूछै नहीं कोई, हरि का भजै सो हरि का होई' - ये पंक्तियाँ किसकी हैं?
|type="()"}
+[[रामानंद]]
-[[कबीर]]
-[[तुलसी]]
-[[सूरदास|सूर]]
||वैष्णवाचार्य स्वामी [[रामानंद]] का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु 'राघवानंद' के विशिष्टा 'द्वैतमत' का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न [[तीर्थ|तीर्थों]] की यात्रा कीं। तीर्थाटन से लौटने पर अनेक गुरु-भाइयों ने यह कहकर रामानंद के साथ भोजन करने से इंकार कर दिया कि, इन्होंने तीर्थाटन में छुआछूत का विचार, नहीं किया होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामानंद]]
{[[हल्दीघाटी]] का युद्ध कब लड़ा गया?
|type="()"}
-1526 ई. में
+1576 ई. में
-1605 ई. में
-1660 ई. में
{निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे प्राचीन [[वाद्य यंत्र]] है?
|type="()"}
-[[सितार]]
-[[तबला]]
-सरोद
+[[वीणा]]
||[[चित्र:Veena.jpg|वीणा|100px|right]]वीणा एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है, जिसका प्रयोग 'शास्त्रीय संगीत' में किया जाता है। [[वीणा]] एक [[तत वाद्य]] है। प्राचीन ग्रन्थों में गायन के साथ वीणा की संगति का उल्लेख मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वीणा]]
{[[भारत]] का प्रथम [[गवर्नर-जनरल]] कौन था?
|type="()"}
-[[वारेन हेस्टिंग्स]]
-[[लॉर्ड इरविन|इरविन]]
+[[लॉर्ड विलियम बैंटिक|विलियम बैंटिक]]
-[[लॉर्ड कैनिंग]]
{[[भारत]] में सबसे पहला सूती वस्त्र मिल किस शहर में स्थापित किया गया था?
|type="()"}
-[[सूरत]]
-[[अहमदाबाद]]
+[[बंबई]]
-[[कोलकाता]]
||[[चित्र:Nariman-Point-Mumbai.jpg|नरीमन पाइंट, मुम्बई|100px|right]]सूती वस्त्र उद्योग, जिसके कारण 19वीं शताब्दी में [[अहमदाबाद]] नगर समृद्ध हुआ, अब भी महत्त्वपूर्ण है, लेकिन अब इसका पतन हो रहा है, क्योंकि कई सूती वस्त्र मिलों को रूग्ण इकाई घोषित कर दिया गया है। नए विकासशील उद्योगों में [[धातु]], रसायन, वाहन, इलेक्ट्रानिक्स, इंजीनियरिंग और कई प्रकार के सहायक उद्यम शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंबई]]
{अकालों को रोकने तथा अकाल पीड़ितों की सहायता हेतु [[भारत]] सरकार ने 'अकाल संहिता' कब प्रचारित की?
|type="()"}
-1879
-1881
+1883
-1885
{[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] की सबसे पहली महिला अध्यक्ष थीं-
|type="()"}
-[[सरोजनी नायडू]]
-भीखाजी कामा
+[[एनी बेसेंट]]
-[[विजयलक्ष्मी पंडित]]
||[[चित्र:Annie-Besant-2.jpg|एनी बेसेंट|100px|right]]एनी बेसेंट भारतीयों की स्वतंत्रता की ज़बरदस्त पक्षधर थीं। 1914 में उन्होंने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया और 1917 में निर्वाचन समिति द्वारा [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] की अध्यक्ष चुनी गईं। आमतौर पर पार्टी का अधिवेशन समाप्त होने पर राजनीतिक दल के अध्यक्ष निजी जीवन में व्यस्त हो जाते थे, लेकिन [[एनी बेसेंट]] ने पूरे वर्ष देश के अलग-अलग हिस्सों में घूमकर पार्टी को संगठित करने का कार्य किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एनी बेसेंट]]
{'पंजाब केसरी' का ख़िताब किसको दिया गया था?
|type="()"}
-[[रणजीत सिंह]]
-सरदास बलदेव सिंह
-[[भगत सिंह]]
+[[लाला लाजपत राय]]
||[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|लाला लाजपत रायलाला लाजपत राय|100px|right]]लाला लाजपत राय (जन्म-[[28 जनवरी]], [[1865]], मृत्यु- [[17 नवंबर]], [[1928]])। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले [[लाला लाजपत राय]] राय 'पंजाब केसरी' कहे जाते हैं। लाला लाजपत राय [[भारत]] के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाने के लिये अपने प्राणों का बलिदान किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लाला लाजपत राय]]
{[[गांधीजी]] ने किस क़ानून को 'काला कानून' कहा था?
|type="()"}
+[[रॉलेट एक्ट]]
-माण्टेग्यू घोषणा
-हंटर आयोग
-कम्युनल अवार्ड
{[[हड़प्पा सभ्यता]] किस युग की थी?
|type="()"}
+कांस्य युग
-[[पाषाण काल]]
-नवपाषाण युग
-लौह युग
{[[जैन साहित्य]] को क्या कहा जाता है?
|type="()"}
+[[आगम]]
-निगम
-ग्रंथ
-बखार
</quiz>
|}
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10:05, 13 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण