"साँचा:सूक्ति और कहावत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<noinclude>[[Category:सूक्ति और कहावत के साँचे]]</noinclude>
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
|-</noinclude>
| style="background:transparent;"|
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| <font color="#003366">सूक्ति और कहावत</font>
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>

06:12, 15 मई 2011 के समय का अवतरण

सूक्ति और कहावत
  • तिलक-गीता का पूर्वार्द्ध है ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’, और उसका उत्तरार्द्ध है ‘स्वदेशी हमारा जन्मसिद्ध कर्तव्य है’। स्वदेशी को लोकमान्य बहिष्कार से भी ऊँचा स्थान देते थे। -महात्मा गाँधी
  • अंतर्राष्ट्रीयता तभी पनप सकती है जब राष्ट्रीयता का सुदृढ़ आधार हो। - श्यामाप्रसाद मुखर्जी .... और पढ़ें