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| {[[भारत]] के स्वदेशी आंदोलन के दौरान लिखा गया गीत "आमार सोनार बाँसला" ने [[बांग्लादेश]] को उसके स्वतंत्रता संग्राम में प्रोत्साहित किया और उसे बांग्लादेश ने राष्ट्रीय गान के रूप में अपनाया। यह गीत किसने लिखा था? (पृ. सं. 29)
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| -रजनीकांत सेन
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| -द्विजेन्द्रलाल रॉय
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| -मुकुन्द दास
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| +[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]]
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| ||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|right|100px|रवीन्द्रनाथ ठाकुर]]रवीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। उन्हें [[1913]] में [[साहित्य]] के लिए 'नोबेल पुरस्कार' प्रदान किया गया था। दो-दो राष्ट्रगानों के रचयिता [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] पारंपरिक ढांचे के लेखक नहीं थे। वे एकमात्र ऐसे [[कवि]] थे, जिनकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। [[भारत]] का राष्ट्रगान- "[[जन गण मन]]" और [[बांग्लादेश]] का राष्ट्रीय गान "आमार सोनार बांग्ला" गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। वे वैश्विक समानता और एकांतिकता के पक्षधर थे। [[ब्रह्मसमाज|ब्रह्मसमाजी]] होने के बावज़ूद उनका दर्शन एक अकेले व्यक्ति को समर्पित रहा। चाहे उनकी ज़्यादातर रचनाऐं [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] में लिखी हुई हों।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]]
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है? (पृ. सं. 25)
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| +गुलबदन बेगम - हुमायूँनामा
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| -ख्वान्द मीर - क़ानून-ए-हुमायूँनी
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| -[[जियाउद्दीन बरनी]] - [[तारीख-ए-फिरोजशाही]]
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| -ख्वाजा कला - तज्किर-ए-हुमायूँ एवं अकबर
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| {[[भारत]] में चिश्ती सूफ़ियों ने 'विलायत' नामक संस्था विकसित की, जिसका उद्देश्य निम्नलिखित में से किस एक से था? (पृ. सं. 19
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| +राज्य नियंत्रण से मुक्त आध्यात्मिक क्षेत्र
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| -सूफ़ियों का आवास
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| -खानकाह अनुशासन
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| -सूफ़ियों का अंतिम विश्राम स्थल
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| {निम्नलिखित में से कौन-सी प्रथा चतुष्टय वेदोत्तर काल में प्रचलित हुई? (पृ. सं. 17)
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| -[[धर्म]], अर्थ, काम, मोक्ष
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| +[[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]], [[शूद्र]]
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| -[[ब्रह्मचर्य]], गृहस्थाश्रम, [[वानप्रस्थ संस्कार|वानप्रस्थ]], संन्यास
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| -[[इन्द्र]], [[सूर्य देव|सूर्य]], [[रुद्र|रूद्र]], मरूत्
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| {'[[डांडी यात्रा]]' के साथ निम्नलिखित में से क्या प्रारम्भ हुआ?(पृ. सं. 15)
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| -[[होमरूल लीग आंदोलन]]
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| -[[असहयोग आंदोलन]]
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| +[[सविनय अवज्ञा आंदोलन]]
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| -[[भारत छोड़ो आंदोलन]]
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| ||[[चित्र:Statue-of-Gandhiji-2.jpg|right|100px|महात्मा गांधी]]सन [[1929]] ई. तक [[भारत]] को [[ब्रिटेन]] के इरादों पर शक़ होने लगा कि वह '[[औपनिवेशिक स्वराज्य]]' प्रदान करने की अपनी घोषणा पर अमल करेगा कि नहीं। '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' ने लाहौर अधिवेशन- 1929 ई. में घोषणा कर दी कि उसका लक्ष्य [[भारत]] के लिए पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करना है। [[महात्मा गांधी]] ने अपनी इस माँग पर ज़ोर देने के लिए [[6 अप्रैल]], [[1930]] ई. को '[[सविनय अविज्ञा आन्दोलन]]' छेड़ा। क़ानूनों को जानबूझ कर तोड़ने की इस नीति का कार्यान्वयन औपचारिक रूप से उस समय हुआ, जब महात्मा गांधी ने अपने कुछ चुने हुए अनुयायियों के साथ '[[साबरमती आश्रम]]' से समुद्र तट पर स्थित 'डांडी' नामक स्थान तक कूच किया और वहाँ पर लागू नमक क़ानून को तोड़ा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सविनय अवज्ञा आंदोलन]]
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| {'[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]' के दौरान '[[रौलेट एक्ट]]' ने किस कारण से सार्वजनिक रोष उत्पन्न किया? (पृष्ठ संख्या-15)
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| -इसने [[धर्म]] की स्वतंत्रता को कम किया।
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| -इसने भारतीय परमपरागत शिक्षा को दबाया।
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| +इसने लोगों को बिना मुकदमा चलाए जेल भेजने के लिए अधिकृत किया।
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| -इसने श्रमिक संघ (ट्रेड यूनियन) की गतिविधियों को नियंत्रित किया।
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| ||'[[रौलेट एक्ट]]' [[8 मार्च]], [[1919]] ई. को लागू किया गया था। केन्द्रीय विधानमण्डल में [[फ़रवरी]], [[1919]] ई. में दो विधेयक लाये गये थे। पारित होने के उपरान्त इन विधेयकों को 'रौलेट एक्ट' या 'काला क़ानून' के नाम से जाना गया। भारतीय नेताओं द्वारा कड़ाई से विरोध करने के बाद भी रौलेट एक्ट विधेयक लागू कर दिया गया। इस विधेयक में की गयी व्यवस्था के अनुसार मजिस्ट्रेटों के पास यह अधिकार सुरक्षित था कि वह किसी भी संदेहास्पद स्थिति वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करके उस पर मुकदमा चला सकता था। इस प्रकार अपने इस अधिकार के साथ [[अंग्रेज़]] सरकार किसी भी निर्दोष व्यक्ति को दण्डित कर सकती थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रौलेट एक्ट]]
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| {'अभिनव भारत' नामक संस्था किसके द्वारा संगठित की गयी थी? (पृ. सं. 21
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| -अजीत सिंह
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| -[[लाला हरदयाल]]
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| -श्यामजी कृष्ण शर्मा
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| +[[विनायक दामोदर सावरकर]]
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| ||[[चित्र:Vinayak-Damodar-Savarkar.jpg|right|100px|वी. डी. सावरकर]]'विनायक दामोदर सावरकर' न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे, बल्कि एक भाषाविद, बुद्धिवादी, [[कवि]], राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, इतिहासकार और ओजस्वी वक्ता भी थे। उनके इन्हीं गुणों ने उन्हें महानतम लोगों की श्रेणी में उच्च पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया था। [[विनायक दामोदर सावरकर]] साधारणतया 'वीर सावरकर' के नाम से विख्यात थे। [[1940]] ई. में वीर सावरकर ने [[पूना]] में ‘अभिनव भारती’ नामक एक ऐसे क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य आवश्यकता पड़ने पर बल-प्रयोग द्वारा स्वतंत्रता प्राप्त करना था। आज़ादी के वास्ते काम करने के लिए उन्होंने एक गुप्त सोसायटी भी बनाई थी, जो 'मित्र मेला' के नाम से जानी गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विनायक दामोदर सावरकर]]
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| {'[[मत्तविलास प्रहसन]]' नामक नाटक के रचयिता कौन थे? (पृ. सं. 26
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| -[[हर्षवर्धन|हर्ष]]
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| -[[वीर राजेन्द्र]]
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| -[[जयदेव]]
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| +[[महेन्द्र वर्मन प्रथम|महेन्द्र वर्मन]]
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| {किसकी पदावधि में महिलाओं तथा बच्चों की कार्यावधि के घंटों को सीमित करने तथा स्थानीय शासन को आवश्यक नियम बनाने और प्राधिकृत करने के लिए प्रथम फ़ैक्टरी अधिनियम का अभिग्रहण किया गया? (पृ. सं. 29
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| |type="()"}
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| -[[लॉर्ड लिटन]]
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| -[[लॉर्ड विलियम बैंटिक|लॉर्ड बैंटिक]]
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| +[[लॉर्ड रिपन]]
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| -[[लॉर्ड कैनिंग]]
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| {[[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने [[गोवा]] पर अधिकार किस वर्ष किया? (पृ. सं. 28
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| |type="()"}
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| -1500 ई.
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| -1508 ई.
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| +1510 ई.
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| -1512 ई.
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| {'सीरी' नामक नगर की स्थापना किसने की थी? (पृ. सं. 26
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| |type="()"}
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| -[[कैकुबाद]]
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| -[[जलालुद्दीन ख़िलजी]]
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| +[[अलाउद्दीन ख़िलजी]]
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| -[[ग़यासुद्दीन ख़िलजी]]
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| {निम्नलिखित में से किसने [[भारत]] में प्रथम [[अंग्रेज़ी भाषा]] का [[समाचार पत्र]] प्रकाशित किया? (पृ. सं. 25
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| |type="()"}
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| -[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]]
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| -गंगाधर भट्टाचार्य
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| +मृत्युंजय विद्यालंकार
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| -[[राजा राममोहन राय]]
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| {[[भारत]] में पश्चिमी शिक्षा पद्धति का मैग्नाकार्टा निम्नलिखित में से कौन सा था? (पृ. सं. 23
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| |type="()"}
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| -पब्लिक इंस्ट्रक्शन कमिटी, 1823 की रिपोर्ट
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| -1833 का [[चार्टर एक्ट]]
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| +[[वुड का घोषणा पत्र|सर चार्ल्स वुड का घोषणा पत्र]]
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| -[[हंटर शिक्षा आयोग|हंटर कमीशन की रिपोर्ट]]
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| {[[विजयनगर साम्राज्य]] में पुलिस का वेतन निम्नलिखित किस एक में से दिया जाता था? (पृ. सं. 19
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| |type="()"}
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| +वेश्यालयों से होने वाली आय से
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| -सामान पर लगने वाले कर से
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| -भू-राजस्व से
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| -मदिरा की दुकानों से होने वाली प्राप्ति से
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| {मूर्ति पूजा का आरम्भ कब से माना जाता है? (पृ. सं. 17)
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| |type="()"}
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| +पूर्व आर्य काल
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| -[[उत्तर वैदिक काल]]
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| -[[मौर्य काल]]
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| -[[कुषाण काल]]
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| </quiz>
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