"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर

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{[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] स्थित अमृतधारा झरना किस मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है?
|type="()"}
+[[शिव]] मन्दिर
-[[विष्णु]] मन्दिर
-[[कामदेव]] मन्दिर
-[[पार्वती]] मन्दिर
||[[चित्र:Statue-Shiva-Bangalore.jpg|right|100px|शिव मूर्ति, बैंगलूर]]'अमृतधारा जलप्रपात' कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो [[हसदो नदी]] पर स्थित है। [[भारत]] में [[कोरिया ज़िला|कोरिया]] ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। पूरे भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरी पड़ी है। अमृतधारा जलप्रपात कोरिया में सबसे प्रसिद्ध झरनो मे से एक है। यह झरना एक बहुत ही शुभ [[शिव]] मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी बहुत मान्यता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]


{[[छत्तीसगढ़]] राज्य के प्रथम [[इस्पात]] फ़ाउण्ड्री के संस्थापक कौन थे?
|type="()"}
-कांजी भाई मोरारजी देसाई
+विनोद कुमार शुक्ल
-सुधाकर बाबू रेड्डी
-शरद कोठारी
{अमृतधारा जलप्रपात किस नदी पर स्थित है?
|type="()"}
+[[हसदो नदी]]
-[[महानदी]]
-[[तान्दुला नदी]]
-[[पैरी नदी]]
||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|right|120px|हसदो नदी]][[हसदो नदी]] [[छत्तीसगढ़]] राज्य में [[कोरबा ज़िला|कोरबा]] के कोयला क्षेत्र में तथा [[चांपा]] के मैदान में प्रवाहित होने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है। इसका उदगम स्थल [[कोरिया ज़िला|कोरिया]] की पहाड़ियाँ हैं। 'अमृतधारा जलप्रपात' कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो हसदो नदी पर स्थित है। छत्तीसगढ़ में कोरिया [[भारत]] में ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। पूरे भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह जगह पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरी पड़ी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हसदो नदी]]
{पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय किस नगर में स्थित है?
|type="()"}
+[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
-[[दन्तेवाड़ा]]
-[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]]
||[[छत्तीसगढ़]] का दुर्ग एक प्रमुख [[कृषि]] बाज़ार है। यहाँ [[चावल]] एवं अरहर दाल की मिलें भी हैं। दुर्ग सर्वाधिक चना उत्पादन में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में प्रथम है। भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद इस शहर का ओद्योगिक केंद्र के रूप में महत्त्व बढ़ गया। यहाँ के लघु उद्योगों में पीतल और कांसे का काम (फुलकारी उत्पादन), तेल पेराई, धान कुटाई एवं बुनाई सहकारिता उद्योग शामिल हैं। शहर में 'पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय' से संबध्द कई महाविद्यालयों से अलावा एक पॉलीटेक्निक और अन्य तकनीकी संस्थान हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]]
{'इस्पात नगरी' के नाम से किस नगर को जाना जाता है?
|type="()"}
-[[रायपुर]]
-[[कोरबा ज़िला|कोरबा]]
-[[जशपुर ज़िला|जशपुर]]
+भिलाई
{[[छत्तीसगढ़]] के किस सम्भाग में सर्वाधिक आदिवासी विकास खण्ड पाये जाते हैं?
|type="()"}
-[[रायपुर]]
+[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
-[[चांपा]]
||[[चित्र:Bastar-District-Map.jpg|right|120px|बस्तर ज़िले का मानचित्र]]शिक्षा के क्षेत्र में [[छत्तीसगढ़]] ने धीरे-धीरे विकास की गति को अपनाया है। हालांकि इस राज्य का [[बस्तर ज़िला]] अन्य ज़िलों की अपेक्षा साक्षरता की निम्न दर रखता है। शायद इसकी वजह यह है कि यहाँ आदिवासी लोगों की संख्या सर्वाधिक है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो छत्तीसगढ़ की शिक्षा पद्धति में [[संस्कृत]] का महत्त्वपूर्ण स्थान है। महंत वैष्णवदास जी संस्कृत शिक्षा के बड़े प्रेमी थे। शिक्षा के प्रसार-प्रचार के लिए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
{स्वतंत्रता के उपरान्त [[छत्तीसगढ़]] में प्रारम्भ होने वाला रेल खण्ड कौन-सा है?
|type="()"}
+चांपा-कोरबा
-अभनपुर-राजिम
-रायगढ़-झारसुगड़ा
-रायपुर-जोंक
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य का राजकीय पक्षी किसे घोषित किया गया है?
|type="()"}
-कोयल
-[[मोर]]
+पहाड़ी [[मैना]]
-गोरैया
||[[चित्र:Starling.jpg|right|110px|मैना]]छत्तीसगढ़ राज्य में 3 राष्ट्रीय पार्क और 11 वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी हैं, जहाँ विंटर सीजन के लिए जंगल सफारी और कैंपिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ राज्य में [[कांगेर घाटी नेशनल पार्क|कांकेर घाटी]], [[अचानकमार वन्य जीवन अभयारण्य|अचानकमार]], बारनवापारा और चित्रकोट, मैनपाट जैसे स्थल एडवेंचर के लिए विकसित किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में 'पहाड़ी मैना' को राजकीय पक्षी का गौरव प्रदान किया गया है। बारनवापारा राज्य का प्रथम पक्षी विहार था, जिसे ब्रिटिशकाल में विकसित किया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
{[[छत्तीसगढ़]] शासन द्वारा सामाजिक सुरक्षा व निराश्रितों को दी जाने वाली पेन्शन राशि का आधा हिस्सा किस रूप से दिये जाने का निर्णय लिया गया है?
|type="()"}
+इन्दिरा सूचना शक्ति योजना
-इन्दिरा दक्ष कन्या योजना
-इन्दिरा विविध ज्ञान योजना
-इन्दिरा संकेन्द्रण योजना
{सीता नदी राष्ट्रीय अभयारण्य कहाँ स्थित है?
|type="()"}
+[[रायपुर]]
-[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]]
-जगदलपुर
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
||[[चित्र:Raipur-District-Map.jpg|right|100px|रायपुर ज़िले का मानचित्र]]रायपुर छुट्टियाँ बिताने के लिए एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है। [[रायपुर]] के पर्यटन स्थलों में नगरघड़ी प्रसिद्ध है। यहाँ हर घंटे के बाद छत्तीसगढ़ी लोक [[संगीत]] सुना जा सकता है। चम्पारन, संत [[वल्लभाचार्य]] का मन्दिर, तुरतुरिया झरना आदि यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल है। [[छत्तीसगढ़]] राज्य के प्रमुख अभयरण्यों में से एक 'सीता नदी राष्ट्रीय अभयारण्य' रायपुर में ही स्थित है, जो यहाँ की प्रगति और आने वाले पर्यटकों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]]
{जामुल सीमेन्ट फ़ैक्ट्री कहाँ स्थित है?
|type="()"}
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]] में
+[[बस्तर ज़िला|बस्तर]] में
-[[कोरिया ज़िला|कोरिया]] में
-जांजगीर-[[चांपा]] में
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] ज़िले से सर्वाधिक कौन-सा [[खनिज]] [[पदार्थ]] प्राप्त होता है?
|type="()"}
+[[ताँबा]]
-कोयला
-[[लोहा]]
-अभ्रक
||[[चित्र:Copper.jpg|right|100px|ताँबा]][[खनिज]] संपदा से ही [[छत्तीसगढ़]] को सालाना 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। [[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के देवभोग में [[हीरा|हीरे]] के भंडार हैं। छत्तीसगढ़ [[भारत]] के खनिज समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, लौह अयस्क, [[तांबा]], फ़ॉस्फ़ेट, [[मैंगनीज़]], बॉक्साइट, कोयला, एसबेस्टॅस और अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं। तांबे की सर्वाधिक मात्रा [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] से प्राप्त होती है। यहाँ कोयला समृद्ध [[कोरबा ज़िला|कोरबा]] में तीन तापविद्युत संयंत्र हैं, और अन्य कई संयंत्र लगाने की योजना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]]
{[[तीरथगढ़ जलप्रपात]] से किस नदी का [[जल]] गिरता है?
|type="()"}
+कांगेर नदी
-[[हसदो नदी]]
-[[शिवनाथ नदी]]
-[[इन्द्रावती नदी]]
||[[छत्तीसगढ़]] राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक़्क़ाशीदार मंदिर, [[बौद्ध]] स्थल, जलप्रपात, पर्वतीय [[पठार]], रॉक पेंटिंग और गुफ़ाएँ हैं। बस्तर अपनी अनोखी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के साथ पर्यटकों को एक नई ताजगी प्रदान करता हो। [[चित्रकूट जलप्रपात]] से [[इंद्रावती नदी]] का [[जल]] 96 फुट ऊंचाई से गिरता है। कांगेर नदी के सौ फुट की ऊंचाई से गिरने से बने [[तीरथगढ़ जलप्रपात]] नयनभिराम दृश्य उपस्थित करते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
{'[[दंतेश्वरी मंदिर|दंतेश्वरी मन्दिर]]' [[छत्तीसगढ़]] के किस ज़िले में स्थित है?
|type="()"}
+[[दन्तेवाड़ा]]
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
-जगदलपुर
-[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
||[[चित्र:Dantewada-District-Map.jpg|right|120px|दंतेवाड़ा ज़िले का मानचित्र्]][[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] में रतनपुर का 'महामाया मंदिर', डूंगरगढ में 'बंबलेश्वरी देवी मंदिर', दन्तेवाड़ा में '[[दंतेश्वरी देवी मंदिर]]' और छठी से दसवीं शताब्दी में [[बौद्ध धर्म]] का प्रमुख केंद्र रहा 'सिरपुर' भी महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। महाप्रभु [[वल्लभाचार्य]] का जन्मस्थान चंपारण, खूटाघाट जल प्रपात, मल्लाहार में 'डिंडनेश्वरी देवी मंदिर', [[अचानकमार वन्य जीवन अभयारण्य|अचानकमार अभयारण्य]], [[रायपुर]] के पास उदंति अभयारण्य, [[कोरबा ज़िला|कोरबा ज़िले]] में पाली और कंडई जलप्रपात भी पर्यटकों के मनपसंद स्थल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
{सिरपुर किस [[धर्म]] का महत्त्वपूर्ण स्थल था?
|type="()"}
+[[बौद्ध धर्म]]
-[[जैन धर्म]]
-[[हिन्दू धर्म]]
-[[ईसाई धर्म]]
||[[चित्र:Buddha-National-Museum-Delhi.jpg|right|80px|बुद्ध प्रतिमा]][[छत्तीसगढ़]] राज्य का 'सिरपुर' छठी से दसवीं शताब्दी तक [[बौद्ध धर्म]] के लिए विख्यात था। यहाँ पर बौद्ध धर्म का बहुत प्रसार-प्रचार हुआ था। आज भी अनेक [[बौद्ध]] अवशेष यहाँ मौजूद हैं। [[चांपा]] का साबरी मंदिर, शिवरीनारायण का नरनारायण मंदिर, रंजिम का राजीव लोचन और कुलेश्वर मंदिर, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और [[जंजगीर-चम्पा ज़िला|जंजगीर]] का [[विष्णु]] मंदिर यहाँ के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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09:28, 18 अप्रैल 2024 के समय का अवतरण