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| {[[जहांगीर]] कालीन मुग़ल चित्र शैली का सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रकार था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-39
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| -[[अब्दुस्समद]]
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| +[[उस्ताद मंसूर|मंसूर]]
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| -बसावन
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| -फर्रुख कुलमान
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| ||[[उस्ताद मंसूर]] को 'मंसूर' नाम से भी जाना जाता था, जो मुग़ल दरबार का एक प्रसिद्ध चित्रकार था। मुग़ल बादशाह जहाँगीर ने उसे संरक्षण प्रदान किया था।
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| {[[जहांगीर]] काल की चित्रकला में विशेष चित्रण हुआ है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-61,प्रश्न-40
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| -[[बाबरनामा]] का
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| +पशु-पक्षी का
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| -[[रामायण]] का
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| -अनवर-ए-सुहेली का
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| ||भारतीय चित्रकला में प्रसिद्ध पक्षी-चित्रकार [[उस्ताद मंसूर|मंसूर]] था। जहाँगीर के शासन काल में मंसूर द्वारा श्रेष्ठ पशु-पक्षी के चित्र बनाए गए।
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| {[[रबींद्रनाथ टैगोर]] के चित्र किस शैली के हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-85,प्रश्न-65
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| -[[मुगल कालीन चित्रकला|मुगल शैली]]
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| -[[कंपनी शैली]]
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| +आधुनिक शैली
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| -बंगाल शैली
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| ||[[रबींद्रनाथ टैगोर]] भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप से पश्चिमी देशों का परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर पर उन्हें आधुनिक [[भारत]] का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है।
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| {सबसे प्रसिद्ध पॉप कलाकार कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-147,प्रश्न-66
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| -जैक्सन पोलॉक
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| -वासरली
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| +एंडी वरहोल
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| -पॉल क्ली
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| {'रस मीमांसा' ग्रंथ की रचना की है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-20
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| -अभिनव गुप्त ने
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| -[[रामचंद्र शुक्ल|प्रो. रामचंद्र शुक्ल]] ने
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| -[[शंकराचार्य]] ने
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| +[[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] ने
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| ||'रस मीमांसा' ग्रंथ की रचना [[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]] ने की है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[आचार्य रामचंद्र शुक्ल]]
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| {किस कलाकार ने अपना कॅरियर सिनेमा पोस्टर और कट आउट पेंटर के रूप में आरंभ किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-21
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| -[[सतीश गुजराल]]
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| -एन.एफ. बेंद्रे
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| +[[एम.एफ. हुसैन]]
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| -एफ.एन. सूजा
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| ||[[एम.एफ. हुसैन]] ने अपने कॅरियर की शुरुआत सिनेमा पोस्टर और कट आउट पेंटर के रूप में की।
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| {'[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]]' के चित्रों में किस प्रसार का [[रंग]] अधिक प्रयोग किया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-7
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| -खनिज रंग
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| -जलरंग
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| -रासायनिक रंग
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| +सोना-चांदी रंग
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| {[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर|अबनीन्द्रनाथ टैगोर]] का जन्म हुआ था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-20
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| +जोरासांको में
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| -[[दिल्ली]] में
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| -[[बंबई]] में
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| -[[कलकत्ता]] में
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| ||[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] का जन्म [[7 अगस्त]], [[1871]] को [[कलकत्ता]] (अब कोलकत्ता) के जोरासांको में तथा मृत्यु [[5 दिसंबर]], [[1951]] को हुई थी।
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| {यूरोपीय शैली से प्रभावित परंतु भारतीय विषयों को चित्रधार मान कर कार्य किया- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-18
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| -[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] ने
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| -[[जामिनी राय]] ने
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| -[[एम.एफ. हुसैन]] ने
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| +[[राजा रवि वर्मा]] ने
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| ||[[राजा रवि वर्मा]] [[भारत]] के विख्यात [[चित्रकार]] थे। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिन्दू महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता है। इस संग्रहालय में उनके चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है।
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| {उस चित्रकार का नाम बताइए जो एक प्रसिद्ध [[मूर्तिकार]] भी थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-27
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| -राफेल सैंजियो
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| -कैरेजियो
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| -एंड्रिया डेल सालो
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| +माइकेल एंजिलो
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| ||माइकेल एंजिलो ने 'आदम की उत्पत्ति' नामक चित्र बनाया था।
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| {कला में कुलीन व्यक्तित्व, मौलिकता का अंकन तथा आध्यात्मिक जीवन में धर्म के क्षीण प्रभाव के कारण कला में व्यक्तिवादिता किस काल में देखने को मिलती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-111,प्रश्न-61
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| |type="()"}
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| -[[मध्य काल]] में
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| -प्राचीन काल में
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| -गोथिक काल में
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| +पुनरुत्थान काल में
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| ||पुनरुत्थान काल में कला में कुलीन व्यक्तित्व, मौलिकता का अंकन तथा आध्यात्मिक जीवन में धर्म के क्षीण प्रभाव के कारण कला में व्यक्तिवादिता देखने को मिलती है।
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| {'द मार्निंग बाथ' का चित्रकार था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-30
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| -सुजूकी
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| +डेगा
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| -रेनुआ
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| -पॉल सेजां
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| ||'द मार्निंग बाथ' चित्र एडगर डेगा द्वारा 1883 में बनाया गया। यह पेंटिंग पेस्टल रंग तकनीक से चित्रित है।
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| {किस राजवंश के उत्थान काल में [[अजंता की गुफा|अजंता की गुफ़ा]] में फ्रेस्को चित्र को चित्रित किया गया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-25
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| |type="()"}
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| +[[गुप्त राजवंश|गुप्त]]
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| -[[मौर्य राजवंश|मौर्य]]
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| -[[ब्रिटिश साम्राज्य|ब्रिटिश]]
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| -[[शुंगवंश|शुंग]]
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| ||[[गुप्त राजवंश]] के उत्थान काल में अजंता की गुफा में फ्रेस्को चित्र (भित्तिचित्र) को चित्रित किया गया। भारतीय चित्रकला का गुप्तकाल से विशेष संबंध है, गुप्तकालीन चित्रकला का उदाहरण [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] एवं [[बाघ की गुफ़ाएँ|बाघ की गुफाओं]] में मिलता है।
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| {किस कलाकार ने पेस्टल रंगों तथा गतिशील फ़ोटोग्राफ़िक आकृतियों के द्वारा चित्र निर्माण कार्य किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-37
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| -मोने
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| -वान गॉग
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| -पिकासो
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| +एडगर डेगा
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| ||एडगर डेगा ने पेस्टल रंगों तथा गतिशील फ़ोटोग्राफ़िक आकृतियों के द्वारा चित्र निर्माण का कार्य किया। डेगा एक प्रभाववादी चित्रकार थे। उनकी चित्रित मानव आकृति व्यक्तित्व से ओत-प्रोत है। उनके चित्रों से सामाजिक अंतर स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं। इनके चित्र अत्यंत जीवंत प्रतीत होते हैं।
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| {आदिमानव चित्र बनाने के लिए किन [[रंग|रंगों]] का प्रयोग करते थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-165,प्रश्न-60
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| +जानवरों की चर्बी में रंग मिलाकर
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| -खड़िया मिट्टी
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| -गेरू के रंग
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| -[[काला रंग]]
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| ||आदिमानव गुफ़ाओं के अंदर रंगों से सनी तूलिका तथा नुकीले कठोर पत्थरों से चित्र उकेरते थे। [[रंग|रंगों]] को वह जानवरों की चर्बी द्वारा बनाते थे तथा [[प्रकाश]] के लिए चर्बी को जलाते भी थे। इसके अलावा आदिमानव चित्रांकन के लिए कई तरह के रंगों का उपयोग करते थे। अधिकतर रंग गेरू से बनाए जाते थे, जिनकी अलग-अलग रंगतें होती थीं। खड़िया [[मिट्टी]] की तरह की रंगीन मिट्टी का उपयोग वे चित्र बनाने के लिए करते थे। आग जलाना सीखने के बाद वे हड्डी को जलाकर [[काला रंग]] भी बना लेते थे। लकड़ी के कोयले का प्रयोग भी कभी-कभी करते थे।
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