"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
(पृष्ठ को '{| class="bharattable-pink" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> </quiz> |} |}' से बदल रहा है।)
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 41 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
|
|
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{किशनगढ़ चित्रण किस राज्य से संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-54,प्रश्न-1
|type="()"}
-उत्तर प्रदेश
-बिहार
+राजस्थान
-जयपुर
||किशनगढ़ चित्रशैली का संबंध राजस्थान राज्य से है। जोधपुर के राजा महाराणा उदय सिंह के आठवें पुत्र किशन सिंह के नाम पर उनके लिए आवंटित जागीर को किशनगढ़ के नाम से विकसित किया गया।
{बंगाल शैली के प्रमुख चित्रकार थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-19
|type="()"}
-नंदलाल बोस
+अबनीन्द्रनाथ टैगोर
-अमृता शेरगिल
-के.एन. मजूमदार
{रवि वर्मा जाने जाते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-16
|type="()"}
+पौराणिक चित्रों के लिए
-प्राकृतिक दृश्य चित्रों के लिए
-पशु-पक्षी चित्रों के लिए
-ऐतिहासिक चित्रों के लिए
{'डेविड' की मूर्ति किस मूर्तिकार ने बनाई थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-25
|type="()"}
-लियोनार्दो
-रॉडिन
+माइकेल एंजिलो
-रेनॉयर
||माइकेल एंजिलो ने 'आदम की उत्पत्ति' नामक चित्र बनाया था।
{प्रारंभिक पुनर्जागरण काल की 'डेविड' मूर्ति का मूर्तिकार था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-59
|type="()"}
-नन्नी दि बैंको
-लोरेंजो
+दोनोतेल्लों
-घिबर्ती
||1408-1409 ई. में दोनातेल्लो (1386-1466 ई.) ने संगमरमर में डेविड की मूर्ति बनाई जिस पर कुछ गोथिक प्रभाव है। उसकी वास्तविक वीर पुरुष की रचना फ्लोरेंस की सेंट मार्क की मूर्ति है जिससे उसे प्रसिद्ध मिली। वेरोचिओ ने भी 'डेविड' मूर्ति बनाई। दोनातेल्लो द्वारा निर्मित डेविड की मूर्ति से वेरोचिओ द्वारा निर्मित डेविड की मूर्ति में जो अंतर है वह ओजमयता तथा सम्मात्रा का अंतर है। उसकी अश्वारुढ़ प्रतिमाओं में गति, तनाव और शक्ति का प्रभावपूर्ण सामंजस्य मिलता है।
{फ्रांस के किस कलाकार ने नर्तकियों को अपने चित्रण की विषय-वस्तु बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-119,प्रश्न-29
|type="()"}
-डेविड
+डेगा
-माने
-गोया
{अजंता की अनुकृति का कार्य सर्वप्रथम किसने किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-23
|type="()"}
+मेजर गिल
-जान ग्रिफिथ्स
-लेडी हेरिंघम
-नंदलाल बोस
||अजंता गुफाओं के भित्तिचित्रों की अनुकृतियां सर्वप्रथम राबर्ट गिल नामक चित्रकार द्वारा बनाई गईं।
{कांगड़ा चित्रकला के संरक्षक संसारचंद के कला प्रेम की चर्चा एक अंग्रेज यात्री ने सुंदर शब्दों में की है, इसका नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-16
|type="()"}
-हेनरी मूर
-ओ.हेनरी
-वाल्टर स्काट
+मूर क्रापट
||कांगड़ा चित्रकला के संरक्षक संसारचंद के कला प्रेम की चर्चा 1820 ई. में भारत आए प्रसिद्ध यात्री मूर क्राफ्ट ने की है।
{कांगड़ा चित्रकला के संरक्षक संसारचंद के कला प्रेम की चर्चा एक अंग्रेज यात्री ने सुंदर शब्दों में की है, इसका नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-16
|type="()"}
-हेनरी मूर
-ओ.हेनरी
-वाल्टर स्काट
+मूर क्रापट
||कांगड़ा चित्रकला के संरक्षक संसारचंद के कला प्रेम की चर्चा 1820 ई. में भारत आए प्रसिद्ध यात्री मूर क्राफ्ट ने की है।
{कांगड़ा शैली के चित्रों में मुख्य चित्रण है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-19
|type="()"}
+कृष्ण-राधा के प्रेम का
-राम-सीता के प्रेम का
-शिव-पर्वती के प्रेम का
-कामदेव एवं रति के प्रेम का
||कांगड़ा शैली के चित्रकारों का प्रिय विषय 'राधा-कृष्ण' के चित्रण था। कांगड़ा शैली के संरक्षक राजा संसारचंद वैष्णव धर्म के अनुयायी और कृष्ण भक्त थे। उनका प्रश्रय पाकर चित्रकारों ने कृष्ण-लीला जैसे विषय को अपनी रुचि के अनुरूप चित्रित किया। कृष्ण से बढ़कर नायक उनकी दृष्टि में नहीं था। यही कारण है कि समस्त पहाड़ी कला-कृतियों में कृष्ण-कृतियों में कृष्ण का चित्रण छाया रहा। कृष्ण संबंधी अनेक कांगड़ा चित्र संसार भर के संग्रहालयों में देखे जा सकते हैं।
{नवप्रभाववाद का जनक था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-40
|type="()"}
-आगस्ते रेन्वार
-पॉल सिन्याक
-पॉल सेजां
+जॉर्ज सोरा
||'नवप्रभाववाद' का संस्थापक जॉर्ज सोरा था। नवप्रभाववाद की अवधि 1884-1886 ई. थी। इसमें तेल व कैनवास की सहायता से चित्रों को उकेरा गया।





12:33, 7 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण