"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
(पृष्ठ को '{| class="bharattable-pink" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> </quiz> |} |}' से बदल रहा है।)
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 48 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 7: पंक्ति 7:




{[[पटना चित्रकला|पटना शैली]] चित्रों का दूसरा नाम क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-2
|type="()"}
+[[कंपनी शैली]]
-बंगाल शैली
-मुगल-राजपूत शैली
-बिहार शैली
||[[पटना चित्रकला|पटना कला]] शैली का विकास यूरोपीय एवं भारतीय शैली के सम्मिश्रण से हुआ। इसका दूसरा नाम 'कंपनी शैली' भी है। अंग्रेजी प्रशासन तथा व्यापार का विशिष्ट केंद्र होने के कारण [[पटना]] में अंग्रेज़ व्यापारी, धनाढ्य तथा कंपनी के अधिकारी निवास करते थे। इनके आश्रय में अलाकार 'एंग्लो इंडियन स्टाइल' चित्रण करते थे। 'अर्द्ध-यूरोपीय ढंग' से पूर्व-पाश्चात्य मिश्रण के आधार पर पटना शैली में पशु-पक्षी, प्राकृतिक चित्र, लघु चित्र, भारतीय जनमानस तथा पारिवारिक चित्र बनाए गए। पटना शैली के कलाकारों ने अबरक (अभ्रक) के पत्रों पर अतिलघु चित्रों का निर्माण आरंभ किया।
{[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] रचित '[[गीतांजलि]]' के लिए चित्रण-कार्य किया था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-83,प्रश्न-44
|type="()"}
+[[नंदलाल बोस]]
-गगनेन्द्रनाथ ठाकुर
-[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]]
-[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]]
||[[नंदलाल बोस]] ने [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] की साहित्यिक कृतियों के लिए चित्रण कार्य किया था,  जिसमें [[गीतांजलि]] के लिए किया गया चित्रण महत्त्वपूर्ण है।
{प्रागैतिहासिक चित्रों में किसका महत्त्व है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-162,प्रश्न-38
|type="()"}
+रेखा
-[[रंग]]
-रेखा-रंग
-प्रकृति


</quiz>
</quiz>
|}
|}
|}
|}

12:33, 7 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण