"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर

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{[[जामिनी राय]] का जन्म कब हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-71
|type="()"}
+1887 में
-1897 में
-1877 में
-1880 में
||[[जामिनी राय]] एक भारतीय [[चित्रकार]] हैं। वे [[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] के शिष्य थे। इनका जन्म [[11 अप्रैल]], [[1887]] को पश्चिमी बंगाल के बांकुरा जिले के बेलियातोर ग्राम में हुआ था। [[24 अप्रैल]], [[1972]] को इनकी मृत्यु हुई। उन्हें वर्ष [[1954]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया।


{प्रख्यात चित्र 'सर्कस' के [[चित्रकार]] हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-44
|type="()"}
-दिनकर कौशिक
-अर्पणा कौर
+जॉर्ज सोरा
-[[अंजलि इला मेनन]]
||प्रख्यात चित्र 'सर्कस' के चित्रकार जॉर्ज सोरा हैं। नवप्रभाववाद के प्रणेता सोरा ने तैल रंगों से लगभग 250 अध्ययन-चित्र बनाए। सोरा की [[कला]] की तुलना दक्ष गृहिणी के गृहकार्य से की जा सकती है। सूत्र रूप में सोरा की शैली के तीन प्रमुख पहलू हैं-नैसर्गिक, आकारों का सरलीकृत, ज्यामितीय तथा मूल रंगों का समाकार बिंदुओं में रंगांकन।


{[[वात्स्यायन]] के 'कामसूत्र' में कितनी कलाओं का उल्लेख है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-27
|type="()"}
+चौंसठ
-साठ
-बहत्तर
-सत्तर
||'कामसूत्र' [[वात्स्यायन]] द्वारा लिखा गया [[भारत]] का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।
{निम्नलिखित में से कौन [[ललित कला अकादमी]] का पब्लिकेशन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-97
|type="()"}
+समकालीन कला
-कथ्यरूप
-हंस
-आजकल
||[[ललित कला अकादमी]] का पब्लिकेशन 'समकालीन कला' है जिसका प्रकाशन वर्ष [[1982]] में शुरू हुआ।
{चित्र में प्राण आता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-46
|type="()"}
-रंग से
-रेखा से
-लय से
+उक्त सभी से
||चित्र में प्राण प्रवाह रंग, रेखा और लय के संयोजन से होता है, सतत आंतरिक एकीकरण में ही चित्र भावपूर्ण होता है और लय चित्र का प्राण ही नहीं बल्कि उसके आकार और आलेखन आदि की अंतिम अवस्था भी होती है।
{'मोनालिसा' चित्र किसने बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-41
|type="()"}
-राफेल
-मोने
+[[लियोनार्डो दा विंची]]
-फ्रा-फिल्लिप्पो-लिप्पी
||मोनालिया इटैलियन चित्रकार [[लियोनार्डो दा विंची]] द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है।
{सूर्यमुखी चित्रित किया है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-54
|type="()"}
-पिकासो ने
+वान गॉग ने
-गॉगिन ने
-राफेल ने
||'[[सूरजमुखी]] के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी ([[लंदन]]) में रखा हुआ है।
{'3 मई' किस [[चित्रकार]] की रचना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-75
|type="()"}
+गोया
-पिकासो
-मोने
-कूर्बे
||'3 मई' चित्र के [[चित्रकार]] गोया हैं। इनका चित्र '2 मई' भी प्रसिद्ध है। युद्ध के विषय पर उन्होंने 'युद्ध के दृष्परिणाम' नाम से कुछ तैल चित्र भी बनाए जिनमें से 'दो मई' एवं 'तीन मई' विशेष प्रसिद्ध हैं और वे उनके समाजवादी चित्रण की स्फोटकता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
{पॉल सेजां किस  कला आंदोलन के अंतर्गत आते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-67
|type="()"}
-[[प्रभाववाद]]
-उत्तरप्रभाववाद
+नवप्रभाववाद
-स्वच्छंदवाद
||पॉल सेजां का जन्म 1839 ई. में एजा प्रिवांस में हुआ था। बीसवीं सदी की कला पर सेजां का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा, इसलिए इन्हें 'आधुनिक कला का जन्मदाता' कहा जाता है। चित्रकार सोरा, वान गॉग एवं गॉगिन, सेजां आदि थे जिन्हें उत्तर प्रभाववादी के नाम से विश्लेषित किया गया। ये सभी कलाकार प्रभाववाद से असंतुष्ट थे। सेजां ने अपने अधिकांश विख्यात चित्र 1870 ई. से 1900 ई. के मध्य बनाए।


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12:33, 7 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण