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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'ऑप्टिकल मिक्सचर' किस आंदोलन से संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-118,प्रश्न-24
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| +प्रभाववाद
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| -यथार्थवाद
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| -बिंदुवाद
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| -प्रतीकवाद
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| ||'ऑप्टिकल मिक्सचर' प्रभाववादी कला आंलोदन से संबंधित है। इसमें एक जीवंत सतह तैयार करते हुए, रंगों को यथासंभव कम मिश्रित करते हुए पास-पास लगाया जाता है। रंगों का दृश्य मिश्रण दर्शकों की आंखों में होता है।
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| {[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता गुफ़ाओं]] में 'एक हजार बुद्ध' किस संख्या की गुफ़ा में चित्रित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-19
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| |type="()"}
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| -19
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| -27
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| +2
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| -18
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| ||[[अजंता की गुफ़ा]] संख्या 2 में 'एक हजार बुद्ध' का चित्र है।
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| {महाराजा संसारचंद एक चित्र शैली के प्रमुख पोषक उन्नायक रहे, वह शैली है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-74,प्रश्न-13
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| -[[गुलेरी चित्रकला|गुलेर]]
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| +[[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा]]
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| -कोटा
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| -[[बूंदी चित्रकला|बूंदी]]
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| ||महाराजा संसारचंद (1775-1823 ई.) में [[पहाड़ी चित्रकला]] शैली को संरक्षण प्रदान किया। [[कांगड़ा चित्रकला|कांगड़ा शैली]] (पहाड़ी शैली) राजा संसारचंद के समय विकसित हुई। कटोच राजवंश के संसारचंद चित्र में प्रेमी, साहित्य प्रेमी तथा सगीत के मर्मझ थे। संसारचंद के समय कांगड़ा चित्रकला उन्नति के शिखर पर थी। कांगड़ा शैली के प्रमुख चित्रकारी केंद्र गुलेर, नूरपुर, तोंरा, सुजानपुर तथा नादौर थे।
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| {'द स्कूल ऑफ़ एथेंस' के [[चित्रकार]] हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-31
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| -रेम्ब्रां
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| -मंच
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| -टिशियन
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| +राफेल
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| ||पुनरुत्थानवादी चित्रकार (इटालियन) राफेक सैंजिओ के प्रमुख चित्र हैं- सैनिक का स्वप्न, स्कूल ऑफ़ एथेंस, क्रूसीफिक्शन, सिस्टीन मेडोना, मेडोना ऑफ़ द गोल्ड फिंचम परनासस, ज्यूरिस प्रूडेंस, द मैरिज ऑफ़ वर्जिन, ट्रांसफिगरेशन इत्यादि।
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| {माने के चित्र 'ओलम्पिया' में स्त्री की लेटी हुई आकृति किसकी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-120,प्रश्न-34
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| -राजकुमारी
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| +वेश्या
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| -चित्रकार की पत्नी
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| -सामंती औरत
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| ||एडवर्ड माने द्वारा चित्रित 'ओलम्पिया-1863' में वेश्या का चित्रांकन किया गया है।
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| {रेमंड डयुशॉ विलों की 'हार्स' शीर्षक की मूर्ति किससे बनी है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-129,प्रश्न-37
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| -स्टील
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| +कांसा
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| -ग्रेनाइट
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| -मार्बल
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| ||रेमंड डयुशॉ विलों की 'हार्स' शीर्षक की मूर्ति कांसा से बनी है। इन्होंने 'हार्स' शीर्षक की मूर्ति वर्ष [[1914]] में बनाई थी। रेमंड डयुशॉ आधुनिक कलाकारों में से एक थे जिन्होंने [[मूर्तिकला]] में क्यूबिज्म सिद्धांत को लागू किया। 'द लार्ज हार्स' या 'हार्स' नामक मूर्ति उनकी सर्वश्रेष्ठ कृति है, जिसे फिलाडेल्फिया म्यूजियस आर्ट में रखा गया है। इन्होंने स्टोन मूर्तिकला तथा ब्रांज मूर्ति कला दोनों पर अपनी मजबूत क्षमता प्रदर्शित की। ये पुटेआक्स तथा डी ओर समूह के सदस्य भी थे।
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| {प्रगतिवादी समूह के कलाकार गायतोंड़े जाने जाते थे इस रूप में- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-144,प्रश्न-47
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| |type="()"}
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| +पेंटर
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| -प्रिंट मेकर
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| -[[मूर्तिकार]]
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| -धातु ढलाईकार
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| ||प्रगतिवादी समूह के कलाकार 'गायतोंड़े' (जो बाद में 'बॉम्बे ग्रुप' नामक नए समूह से जुड़ गए थे) एक पेंटर के रूप में जाने जाते थे। इन्होंने वस्तु- जनित संयोजन और श्रेष्ठ पोत का निर्माण किया।
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| {सर्वाधिक सामंजस्य उत्पन्न करने वाले वर्ण हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-159,प्रश्न-14
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| |type="()"}
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| -[[पीला रंग|पीला]]-[[नारंगी रंग|नारंगी]]
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| +[[लाल रंग|लाल]]-[[हरा रंग|हरा]]
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| -[[सफेद रंग|सफेद]]-[[काला रंग|काला]]
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| -[[लाल रंग|लाल]]-[[सफेद रंग|सफेद]]
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| ||सर्वाधिक सामंजस्य उत्पन्न करने वाले वर्ष हैं- [[लाल रंग|लाल]]-[[हरा रंग|हरा]], सर्वाधिक सामंजस्य उत्पन्न करने वाले वर्ण प्रकृति में पाए जाते हैं जो देखने में काफी सुखद महसूस होते हैं। रंग चक्र में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में रहने वाले रंग पूरक रंग कहलाते हैं। जैसे- [[लाल रंग|लाल]] और [[हरा रंग|हरा]]।
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| {दो बिन्दुओं के मध्य की दूरी को कहते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-164,प्रश्न-53
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| -आकार
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| -संयोजन
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| +रेखा
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| -लय
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| ||दो बिंदुओं के मध्य की दूरी की 'रेखा' कहते है यानि रेखा दो बिंदुओं या दो सीमाओं के बीच की दूरी है, जो बहुत सूक्ष्म होती है तथा गति का दिशा-निर्देश करती है।
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| {पेस्टल [[रंग|रंगों]] के लिए उपयुक्त [[काग़ज़]] क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-54
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| |type="()"}
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| -चिकना सफेद
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| -मोटा हस्त निर्मित
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| +भूरा खुरदुरा
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| -टेक्स्चर्ड कागज
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| ||पेस्टल चित्रण हेतु खुरदुरा व कड़ा धरातल अधिक उपयुक्त होता है। प्राय: विभिन्न घूमिल रंगतों की चित्रभूमि पर पेस्टल रंगों से चित्रण किया जाता है।
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| {[[जामिनी राय]] का जन्म कब हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-86,प्रश्न-71
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| |type="()"}
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| +1887 में
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| -1897 में
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| -1877 में
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| -1880 में
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| ||[[जामिनी राय]] एक भारतीय [[चित्रकार]] हैं। वे [[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] के शिष्य थे। इनका जन्म [[11 अप्रैल]], [[1887]] को पश्चिमी बंगाल के बांकुरा जिले के बेलियातोर ग्राम में हुआ था। [[24 अप्रैल]], [[1972]] को इनकी मृत्यु हुई। उन्हें वर्ष [[1954]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया।
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| {प्रख्यात चित्र 'सर्कस' के [[चित्रकार]] हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-44
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| |type="()"}
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| -दिनकर कौशिक
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| -अर्पना कोर
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| +जॉर्ज सोरा
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| -अंजलि ईला मेनन
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| ||प्रख्यात चित्र 'सर्कस' के चित्रकार जॉर्ज सोरा हैं। नवप्रभाववाद के प्रेणता सोरा ने तैल रंगों से लगभग 250 अध्ययन-चित्र बनाए। सोरा की कला की तुलना दक्ष गृहिणी के गृहकार्य से की जा सकती है। सूत्र रूप में सोरा की शैली के तीन प्रमुख पहलू हैं-नैसर्गिक, आकारों का सरलीकृत, ज्यामितीय तथा मूल रंगों का समाकार बिंदुओं में रंगांकन।
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| {वात्स्यायन के 'कामसूत्र' में कितनी कलाओं का उल्लेख है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-157,प्रश्न-27
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| |type="()"}
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| +चौंसठ
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| -साठ
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| -बहत्तर
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| -सत्तर
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| ||'कामसूत्र' वात्स्यायन द्वारा लिखा गया [[भारत]] का एक 'कामशास्त्र ग्रंथ' है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए जाना जाता है। वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धांतों तथा प्रयोग की विस्तृत व्याख्या एवं विवेचना की गई है।
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| {निम्नलिखित में से कौन [[ललित कला अकादमी]] का पब्लिकेशन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-97
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| |type="()"}
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| +समकालीन कला
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| -कथ्यरूप
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| -हंस
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| -आजकल
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| ||[[ललित कला अकादमी]] का पब्लिकेशन 'समकालीन कला' है जिसका प्रकाशन वर्ष [[1982]] में शुरू हुआ।
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| {चित्र में प्राण आता है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-46
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| |type="()"}
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| -रंग से
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| -रेखा से
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| -लय से
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| +उक्त सभी से
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| ||चित्र में प्राण प्रवाह रंग, रेखा और लय के संयोजन से होता है, सतत आंतरिक एकीकरण में ही चित्र भावपूर्ण होता है और लय चित्र का प्राण ही नहीं बल्कि उसके आकार और आलेखन आदि की अंतिम अवस्था भी होती है।
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| {'मोनालिसा' चित्र किसने बनाया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-108,प्रश्न-41
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| |type="()"}
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| -राफेल
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| -मोने
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| +[[लियोनार्डो दा विंची]]
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| -फ्रा-फिल्लिप्पो-लिप्पी
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| ||मोनालिया इटैलियन चित्रकार [[लियोनार्डो दा विंची]] द्वारा 1508-06 ई. के मध्य चित्रित की गई। इस चित्र की पृष्ठभूमि में प्राकृतिक दृश्य चित्र दर्शाया गया है। वर्तमान में यह पेरिस के लूव्र संग्रहालय में है।
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| {सूर्यमुखी चित्रित किया है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-122,प्रश्न-54
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| |type="()"}
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| -पिकासो ने
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| +वान गॉग ने
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| -गॉगिन ने
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| -राफेल ने
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| ||'[[सूरजमुखी]] के फूल' का चित्र विन्सेंट वान गॉग द्वारा चित्रित एक प्रसिद्ध चित्र है। वर्तमान में यह चित्र नेशनल गैलरी ([[लंदन]]) में रहा हुआ है।
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| {'[[3 मई]]' किस [[चित्रकार]] की रचना है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-176,प्रश्न-75
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| |type="()"}
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| +गोया
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| -पिकासो
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| -मोने
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| -कूर्बे
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| ||'3 मई' चित्र के [[चित्रकार]] गोया हैं। इनका चित्र '2 मई' भी प्रसिद्ध है। युद्ध के विषय पर उन्होंने 'युद्ध के दृष्परिणाम' नाम से कुछ तैल चित्र भी बनाए जिनमें से 'दो मई' एवं 'तीन मई' विशेष प्रसिद्ध हैं और वे उनके समाजवादी चित्रण की स्फोटकता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
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| {पॉल सेजां किस कला आंदोलन के अंतर्गत आते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-124,प्रश्न-67
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| |type="()"}
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| -प्रभाववाद
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| -उत्तरप्रभाववाद
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| +नवप्रभाववाद
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| -स्वच्छंदवाद
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| ||पॉल सेजां का जन्म 1839 ई. में एजा प्रिवांस में हुआ था। बीसवीं सदी की कला पर सेजां का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा, इसलिए इन्हें 'आधुनिक कला का जन्मदाता' कहा जाता है। चित्रकार सोरा, वान गॉग एवं गॉगिन, सेजां आदि थे जिन्हें उत्तर प्रभाववादी के नाम से विश्लेषित किया गया। ये सभी कलाकार प्रभाववाद से असंतुष्ट थे। सेजां ने अपने अधिकांश विख्यात चित्र 1870 ई. से 1900 ई. के मध्य बनाए।
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