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'''युवराज सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]- ''Yuvraj Singh'' जन्म- [[12 दिसम्बर]], [[1981]], [[चंडीगढ़]]) [[भारत]] के महान [[क्रिकेट]] खिलाड़ी हैं। इन्होंने 20-20 विश्व कप [[2007]] में [[इंग्लैंड]] के खिलाफ 6 गेंदों में 6 छक्के मारे थे, और 20-20 में 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी उनके नाम है। युवराज सिंह को विश्व कप [[2011]] में अहम भूमिका निभाने में मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
'''समोसा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Samosa'') तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन तथा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है।


== परिचय ==
{{main|युवराज सिंह का जीवन परिचय}}
युवराज सिंह का जन्म [[12 दिसम्बर]], [[1981]] को [[चंडीगढ़]] में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। इनके पिता योगराज सिंह है जो कि एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर रह चुके है साथ ही ये पंजाबी फ़िल्म के अभिनेता भी हैं। युवराज सिंह की माता शबनम सिंह है। इनके भाई जोरावर सिंह है। युवराज सिंह को बचपन में [[टेनिस]] और रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में रुचि थी और वे इसमें काफी अच्छे भी थे। इन्होंने नेशनल अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती थी। इन्हें इन खेलों में ज्यादा रूचि थी किन्तु इनके पिता यह नहीं चाहते थे। युवराज को क्रिकेट खेलने के लिए कहा करते थे। वे युवराज को इसके लिए रोज ट्रेनिंग भी देते थे। इनके पिता चाहते थे कि युवराज उनकी ही तरह एक फ़ास्ट गेंदबाज बने किन्तु युवराज स्केटर  बनना चाहते थे। युवराज सिंह ने अपनी पढ़ाई [[चंडीगढ़]] के ही देव पब्लिक स्कूल से की। इन्होंने चाइल्ड स्टार के रूप में दो फ़िल्मों ‘मेहंदी सगण दी’ एवं ‘पट सरदार’ में भी काम किया। कुछ सालों बाद माता–पिता का तलाक़ हो गया और युवराज सिंह अपनी माता शबनम सिंह के साथ रहने लगे। इस तरह इनका शुरूआती जीवन बीता।
==कैरियर==
{{main|युवराज सिंह का कैरियर}}


युवराज सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर– 12 से [[नवंबर]] सन [[1995]]-[[1996]] में [[जम्मू]] और [[कश्मीर]]– 16 के खिलाफ की। इसके बाद सन [[1996]]-[[1997]] में इन्होंने पंजाब अंडर– 19 से [[हिमाचल प्रदेश]] के खिलाफ मैच खेला। इसी तरह इन्होंने सन [[2000]] तक [[भारत]] में राष्ट्रीय लेवल में मैच खेले। इसके बाद इन्होंने सन 2000 में ही अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप, जिसमें मोहम्मद कैफ़ की कप्तानी में [[भारत]] ने जीत हासिल की थी, युवराज ने अपने ऑल राउंड प्रदर्शन से ‘प्लेयर ऑफ़ दी टूर्नामेंट अवार्ड’ हासिल किया। युवराज के अंडर-19 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते उन्हें आई सी सी (ICC) नॉकआउट ट्राफी के लिए भारतीय टीम में चयनित किया
गया। यहाँ से उन्होंने अपना पहला वन डे अन्तर्राष्ट्रीय मैच के खिलाफ खेला। लेकिन यह टूर्नामेंट में [[भारत]] की जीत नहीं हुई किन्तु युवराज का इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन रहा।
इसी टूर्नामेंट में युवराज ने [[ऑस्ट्रेलिया]] के खिलाफ 82 बॉल्स में 84 रन बनाये। इसके अलावा इसी टूर्नामेंट में [[श्रीलंका]] के खिलाफ भी इनका बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा।


युवराज के लाइफ की सबसे बड़ी इनिंग जो कि वे कभी नहीं भूल सकते, जब वे [[जुलाई]] सन [[2002]] में [[इंग्लैंड]] के खिलाफ नेटवेस्ट सीरीज में खेले थे। इंग्लैंड ने [[भारत]] के खिलाफ फाइनल्स में 324 रन का लक्ष्य बनाया, उस समय भारत ने बहुत अच्छी शुरुआत की किन्तु एक के बाद एक विकेट गिनने के कारण भारत का स्कोर बहुत कम हुआ, भारत का स्कोर 135/5 था जब [[सचिन तेंदुलकर]] आउट हो गए।
समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्राय: मसालेदार भुने या पके हुए सूखे [[आलू]], या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीं- कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्राय: तिकोना होता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं। ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ्रीका का सींग, उत्तर अफ्रीका एवं दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित हैं। समोसा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है। 


तब युवराज ने इस मैच में कप्तान मोहम्मद कैफ़ के साथ पार्टनरशिप कर बेहतरीन प्रदर्शन दिया। उनकी बेहतरीन बैटिंग से इस मैच को जगा दिया, और [[भारत]] की जीत हुई। युवराज ने सन [[2003]] में [[बांग्लादेश]] के खिलाफ अपना पहला शतक बनाया। लेकिन उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन [[ऑस्ट्रेलिया]] के खिलाफ रहा, जब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ मैच था। युवराज ने 119 बॉल्स में 139 रन का स्कोर किया। युवराज का अगला शतक (110बॉल्स में 114 रन्स) वेस्टइंडीज के खिलाफ रहा, जहाँ भारत राउंड रोबिन लीग के अंतिम मैच में भारी दबाव था।
कुछ इतिहासकारों का कहना है कि दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुंचा। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौरान स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। 14 वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो. बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मंूगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं 16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र बकायदा मिलता है।


सन [[2005]] – [[2006]] में [[दक्षिण अफ्रीका]], [[पाकिस्तान]] एवं [[इंग्लैंड]] के खिलाफ हुई लगातार 3 सीरीज में युवराज को “मैन ऑफ़ दा सीरीज” का ख़िताब दिया गया। इसमें युवराज में 15 मैच में 3 शतक और 4 अर्द्धशतक लगाये। सितम्बर सन [[2007]] में राहुल द्रविण के इस्तीफे के बाद [[महेंद्र सिंह धोनी]] कप्तान के रूप में चुने गए, उसी समय युवराज को भारतीय क्रिकेट में उप कप्तान के रूप में चुना गया।
को यहाँ पढ़ें| नवंबर सन 2007 में युवराज ने पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन दिया.
पाकिस्तान के खिलाफ़ हुई सीरीज में युवराज ने 5 मैच में 4 अर्द्धशतक लगाकर “मैन ऑफ़ दा
सीरीज” की ट्राफी हासिल की. वन डे में इनका बहुत ही अच्छा प्रदर्शन रहा, ये टेस्ट मैच में
नियमित रूप से खिलाड़ी नहीं थे किन्तु किसी खिलाड़ी के घायल होने की जगह पर उन्हें रखा
गया था. इन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच सन 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सौरव गांगुली की
जगह पर खेला, किन्तु टेस्ट टीम में अपनी जगह नहीं बना सके. युवराज ने अपने टेस्ट खाते में 3
शतक और 3 अर्द्धशतक बनाये और उनके तीनों शतक पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में थे. इस
तरह इनका कैरियर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चलता जा रहा है.


  * *युवराज सिंह वर्ल्ड कप्स एवं T – 20 वर्ल्ड कप्स में*


राहुल द्रविण के इस्तीफे के बाद युवराज का नाम भारतीय क्रिकेट टीम के उप कप्तान के रूप में
[[भारत]] में समोसे को स्ट्रीट फूड कहा जाता है, समोसे का इजाद न भारत ने किया है और समोसा वर्ड भी हिंदी नहीं है, बल्कि पर्शियन शब्द है। समोसा भारत में मध्य एशिया की पहाडिय़ों से गुजऱते हुए पहुंचा जिस क्षेत्र को आज ईरान कहते हैं।  इसका असली नाम सम्बुसक है। मध्य एशियाई देशों में इसे सोम्सा कहा जाता है। अफरिकन देशों में इसे सम्बुसा कहा जाता है।
सामने आया. T -20 वर्ल्ड कप 2007 में इन्हें एक हार्ड हिट्टर बल्लेबाज के रूप में टीम में
शामिल किया गया. इस वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले भारत की इंग्लैंड के साथ 7 मैच सीरीज
हुई, जिसमें इंग्लैंड के मस्कारंयूस ने युवराज के एक ओवर पर 5 सिक्स लगाये थे. यह युवराज से
सहन नहीं हुआ. 12 सितम्बर सन 2007 को T – 20 वर्ल्डकप की शुरुआत हुई. 19 सितम्बर को
भारत का इंग्लैंड के खिलाफ मैच था, जिसमें भारत की करो या मरो जैसी स्थिति हो गई थी
एवं मैच सिर्फ 17 ओवर का था, तब युवराज स्ट्राइक पर थे और बोलिंग स्टुअर्ट ब्रॉड कर रहे
थे. युवराज ने 6 बॉल्स में 6 छक्के लगाये एवं मात्र 12 बॉल्स में अपना अर्द्धशतक पूरा किया.
उस समय का T -20 वर्ल्ड कप भारत के नाम हुआ. वे इस टूर्नामेंट के टॉप परफोर्मर भी रहे.


इसके बाद बहुत सी सीरीज हुई, जिसमें इनका प्रदर्शन अच्छा रहा बहुत से कप्स इन्होंने जीते
तथा बहुत से मैच में युवराज कुछ खास प्रदर्शन न दिखा सके. इसके बाद ICC वर्ल्ड कप सन
2011 में युवराज ने 4 बार ‘मैन ऑफ़ दा मैच अवार्ड’ जीता. जिसके चलते इन्हें ‘मैन ऑफ़ दा
टूर्नामेंट’ का भी अवार्ड मिला. सन 2011 में ही युवराज अपनी अब तक की जिन्दगी के सबसे
कठिन पड़ाव से गुजर रहे थे, जब उन्हें यह पता चला कि उन्हें बाएँ लंग में कैंसर हुआ है जोकि
स्टेज – 1 में था. वे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए US के बोस्टन में कैंसर रिसर्च सेंटर में गए.
लगभग 1 साल के अंदर ही इनका इलाज पूरा हो गया, और वे अप्रैल सन 2012 में भारत वापस
आ गए. ठीक होने के बाद युवराज ने T – 20 मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला. इस तरह इनका
वर्ल्ड कप्स और T – 20 वर्ल्ड कप्स में प्रदर्शन रहा.


युवराज सिंह आईपीएल में*
समोसे का यह सफर बड़ा निराला रहा है। समोसे की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ।
 
युवराज सिंह आईपीएल के शरुआती 2 सीजन में किंग्स 11 पंजाब टीम के कप्तान बने. यह टीम
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा और बिज़नस मैगनेट नेस वाडिया की थी. उस वक्त ये आईपीएल
के सबसे महंगे खिलाड़ी थे. इन्होंने बहुत से ODI’s मैच खेले जिसमे उन्होंने भारतीय टीम को जीत
दिलाई. क्रिकेट के इतिहास में ये सबसे बेहतरीन फील्डर में से एक माने जाते हैं. युवराज, जोकि
मूल रूप से बॉल के बड़े हिट्टर के रूप में जाने जाते है, आईपीएल में उनका यह अंदाज देखने को
नहीं मिला. लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें थी किन्तु वे उनकी उम्मीदों में खड़े नहीं उतर पाए.
इस कारण अगले सीजन में इस टीम की कप्तानी कुमार संगकारा को दे दी गई. सन 2011 के
आईपीएल में एक न्यू टीम पुणे वारियर्स आई. इस टीम में युवराज को ख़रीदा गया और वे इस
टीम के कप्तान चुने गए. इसमें युवराज ने 14 मैच में 343 रन्स का स्कोर किया. किन्तु कुछ
controvarsy के चलते सन 2012 में यह टीम आईपीएल में नहीं दिखी.
 
इसके बाद सन 2014 में युवराज को 14 करोड़ में रोयल चंल्लेंजर्स बैंगलोर टीम ने ख़रीदा, किन्तु
किंगफ़िशर के एक एम्प्लोयी ने युवराज को लैटर लिखा कि वे इस टीम के लिए न खेले. इसके बाद
सन 2015 में युवराज को दिल्ली डेरडेविल्स टीम ने 16 करोड़ में ख़रीदा. सन 2016 में युवराज
को सनरैसर हैदराबाद ने 7 करोड़ में ख़रीदा. इस टीम में युवराज का काफ़ी अच्छा प्रदर्शन
रहा. इन्होंने 23 बॉल्स में 38 रन्स बनाये. इस तरह इनका आईपीएल में अब तक का सफर रहा.
 
युवराज सिंह के खेलने का तरीका*
 
युवराज सिंह बाएँ हाथ से खेलने वाले बल्लेबाज हैं, और स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बोलिंग करते
हैं. इसके जरिये वे अपने कैरियर में आगे बढ़े. स्पिन बोलर की तुलना में वे तेज बोलर द्वारा की
बॉल्स को अच्छे से खेलते हैं, सन 2005 के इंडियन ऑइल कप युवराज के कैरियर का टर्निंग पॉइंट
था. युवराज बहुत ही अच्छे फील्डर हैं और इनका फील्डिंग के दौरान स्टंप पर लक्ष्य बहुत अच्छा
है. युवराज एक आक्रामक तेज बल्लेबाज हैं जिनका स्ट्राइक रेट T – 20 में 150 से ज्यादा का
और 90 के आस – पास का ODI’s में है. इन्हें विस्फोटक बल्लेबाज भी कहा जाता है. जब
युवराज सिंह फॉर्म में आते है तब उनका मैच देखते ही बनता है क्यूकि उस वक्त वे बहुत ही
आसानी से 4’s और 6’s लगा देते है. सूत्रों की माने तो कहा जाता है कि युवराज ने सन
1999 के बाद से सबसे ज्यादा रन आउट किये हैं. इस तरह युवराज के खेलने का तरीका है जिसे
लोग बहुत पसंद करते है.
 
* *युवराज सिंह की उपलब्धियाँ**(Yuvraj Singh Achievements) –*
 
युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत ही शानदार खिलाड़ी है जिस वजह से इन्होंने अपने
जीवन में बहुत सी उपलब्धियां हासिल की. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
 
* सन 2007 के ICC वर्ल्डकप T -20 मैच में इन्होंने 6 बॉल में 6 सिक्सेस लगाये.
  * ये पहले आल राउंडर बने जिन्होंने सिंगल वर्ल्डकप में 300 से ज्यादा रन्स और 15 से ज्यादा
    विकेट्स लिए.
  * सन 2011 के ICC वर्ल्डकप में इन्हें “मैन ऑफ़ दा टूर्नामेंट का अवार्ड” मिला.
  * इन्हें सन 2012 में भारत के राष्ट्रपति “श्री प्रणव मुखर्जी” द्वारा भारत का दूसरा
    सबसे बड़ा खेल रत्न अवार्ड “अर्जुन” अवार्ड से नवाजा गया.
  * इन्हें सन 2014 में “पदम्श्री” अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
  * फरवरी सन 2014 में इन्हें साल के सबसे प्रेरनादायी खिलाड़ी के रूप में FICCI अवार्ड के
    साथ सम्मानित किया गया.
 
*युवराज सिंह का क्रिकेट के अलावा व्यक्तिगत जीवन*
 
युवराज सिंह क्रिकेटर होने के साथ – साथ असल जिन्दगी में भी बहुत पॉपुलर हैं. इन्होंने बहुत
से टीवी एड्स में भी काम किया. जिसमें ये ब्रांड्स एम्बेसडर भी रहे. युवराज ने बहुत से मैच में
‘मैन ऑफ़ दा मैच’ का खिलाब जीता, जिसके चलते इनकी फीमेल फेन फोल्लोविंग ज्यादा थी. इस
वजह से उनके बहुत से अफ्फैर भी रहे. अफवाहों के चलते यह पता चला है कि युवराज के बहुत ही
अभिनेत्रियों के साथ अफेयर्स थे किन्तु सन 2015 में इन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री हेज़ल कीच के
साथ सगाई की एवं हालहि में 30 नवंबर सन 2016 को युवराज ने हेज़ल कीच के साथ शादी कर
ली. इस तरह इनका अब तक का व्यक्तिगत जीवन बीता.
 
  * *युवराज सिंह के जीवन के कुछ रोचक तथ्य*
 
युवराज सिंह के जीवन के कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं-
 
  * युवराज सिंह बचपन में रोलर स्केटिंग और टेनिस में बहुत ही अच्छे थे, इन्होंने रोलर स्केटिंग
    में नेशनल U – 11 चैंपियनशिप भी जीती.
  * युवराज के पिता फॉर्मर भारतीय क्रिकेटर और पंजाबी फ़िल्म के अभिनेता हैं.
  * युवराज ने बचपन में बाल कलाकार के रूप में 2 पंजाबी फिल्म्स ‘पट सरदार’ और ‘मेहेन्दी
    सगण दी’ में काम किया.
  * युवराज सिंह को बचपन से ही दुसरे खेलों में रुचि थी किन्तु इनके पिता ने इन्हें क्रिकेट के
    लिए ही जोर दिया. नवजोत सिंह सिन्धु युवराज के कोच बने, किन्तु उनकी बैटिंग में कोई
    भी इम्प्रूवमेंट नहीं हुई तब इनके पिता ने कोच के रूप में इन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ाया.
  * शुरुआत में इनके पिता ने इन्हें ट्रेन किया इसके बाद इन्हें मुंबई के एल्फ – वेंगसरकर क्रिकेट
    एकेडमी में भेज दिया गया.
  * दिसम्बर सन 1999 में युवराज ने बिहार के खिलाफ मैच खेल कर U- 19 कूच बिहार ट्राफी
    में 3 शतक लगाकर 404 बॉल्स में 358 रन्स बनाये. सबसे दिलचस्प बात यह है कि उस समय
    MS धोनी बिहार की टीम से थे.
  * जब युवराज बहुत ही कम उम्र के थे तक उनके पिता का तलाक़ हो गया और युवराज अपनी
    माँ के साथ रहने लगे.
  * उनका मानना है कि 12 उनका लकी नंबर है.
  * सबसे पहले अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में युवराज को 21 लाख रूपये का चेक मिला जिसे
    उन्होंने अपनी माँ को घर खरीदने के लिए दिया.
  * सन 2007 ICC T -20 वर्ल्डकप में इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 6 बॉल्स में 6 छक्के मार कर
    एक इतिहास कायम कर दिया.
  * सचिन तेंदुलकर के बाद, युवराज ही एक मात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें इंग्लिश काउंटी टीम
    यॉर्कशायर द्वारा साइंड किया गया.
  * सन 2011 के वर्ल्डकप के बाद इन्हें पता चला कि इन्हें लंग कैंसर है किन्तु वे कमजोर नहीं
    पड़े और कीमोथेरेपी के जरिये वे ठीक हो कर वापस भी लौट आये.
  * युवराज ने वौइस् आर्टिस्ट के रूप में बॉलीवुड एनिमेटेड फ़िल्म ‘जम्बो’ में काम किया.
  * युवराज सिंह, सचिन तेंदुलकर को अपना प्रेरणास्त्रोत समझते हैं.
  * युवराज ने अपने बाएँ हाथ के बाइसेप में रोमन में “XII” टेटू बनवाया है.
  * युवराज ने कैंसर से पीढित रोगियों के लिए youwecan की स्थापना की.
  * सन 2013 में युवराज ने अपनी ऑटोबायोग्राफी “दा टेस्ट ऑफ़ माय लाइफ : क्रिकेट से
    लेकर कैंसर तक और उससे वापस” रिलीज़ की.

12:27, 5 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

समोसा (अंग्रेज़ी: Samosa) तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन तथा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है।


समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्राय: मसालेदार भुने या पके हुए सूखे आलू, या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीं- कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्राय: तिकोना होता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं। ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ्रीका का सींग, उत्तर अफ्रीका एवं दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित हैं। समोसा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है।

कुछ इतिहासकारों का कहना है कि दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुंचा। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौरान स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। 14 वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो. बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मंूगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं 16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र बकायदा मिलता है।


भारत में समोसे को स्ट्रीट फूड कहा जाता है, समोसे का इजाद न भारत ने किया है और समोसा वर्ड भी हिंदी नहीं है, बल्कि पर्शियन शब्द है। समोसा भारत में मध्य एशिया की पहाडिय़ों से गुजऱते हुए पहुंचा जिस क्षेत्र को आज ईरान कहते हैं। इसका असली नाम सम्बुसक है। मध्य एशियाई देशों में इसे सोम्सा कहा जाता है। अफरिकन देशों में इसे सम्बुसा कहा जाता है।


समोसे का यह सफर बड़ा निराला रहा है। समोसे की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ।