"धर्माचार्य": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<!-- सबसे पहले इस पन्ने को संजोएँ (सेव करें) जिससे आपको यह दिखेगा कि लेख बनकर कैसा लगेगा -->
[[चित्र:{{PAGENAME}}|thumb|{{PAGENAME}} लिंक पर क्लिक करके चित्र अपलोड करें]]
{{पुनरीक्षण}}<!-- कृपया इस साँचे को हटाएँ नहीं (डिलीट न करें)। इसके नीचे से ही सम्पादन कार्य करें। -->
'''आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है'''
==हिंदू धर्माचार्य==
==हिंदू धर्माचार्य==
हिंदू धर्म को दो दृष्टिकोण से देखा जाता है एक व्यक्तिगत विकास दूसरा आध्यात्मिक विकास . वैयक्तिक विकास के लिये षोडस संस्कारों के सम्पादन की ज़वाबदेही कर्मकांडियों पर होती है जबकि धर्म की तात्विक मीमांसा का उत्तरदायित्व धर्माचार्यों का है.
[[हिंदू धर्म]] को दो दृष्टिकोण से देखा जाता है-
# व्यक्तिगत विकास  
# आध्यात्मिक विकास  
व्यक्तिगत विकास के लिये [[संस्कार|षोडस संस्कारों]] के सम्पादन की जवाबदेही कर्मकांडियों पर होती है जबकि धर्म की तात्विक मीमांसा का उत्तरदायित्व धर्माचार्यों का है।
===कर्मकांड===
===कर्मकांड===
[http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A4%B9_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0 सोलह संस्कारों] के क्रियांवयन को पुरोहित सम्पन्न कराते हैं जो उनका व्यवसाय भी है ऐसा माना जाता है.
सोलह संस्कारों के क्रियांवयन को [[पुरोहित]] सम्पन्न कराते हैं जो उनका व्यवसाय भी है ऐसा माना जाता है।
====अध्यात्म====
====अध्यात्म====
हिंदू धर्म दर्शन का आधार आत्मिक उन्नयन है जिसे आध्यात्मिक प्रक्रिया माना गया है. आध्यात्म धर्म के तात्विक विश्लेषण का क्रियात्मक स्वरूप है. जिसे आस्था,त्याग और चिंतन  की उपक्रियाओं से होकर गुज़रना होता है. इस प्रक्रिया के निष्णात धर्माचार्य होते हैं जो अपने अनुयाईयों को साधना के ज़रिये आत्मिक-शुचिता प्रदान करते हैं.    
हिंदू धर्म [[दर्शन]] का आधार आत्मिक उन्नयन है जिसे आध्यात्मिक प्रक्रिया माना गया है। अध्यात्म धर्म के तात्विक विश्लेषण का क्रियात्मक स्वरूप है। जिसे आस्था, त्याग और चिंतन  की उपक्रियाओं से होकर गुज़रना होता है। इस प्रक्रिया के निष्णात धर्माचार्य होते हैं जो अपने अनुयाईयों को साधना के ज़रिये आत्मिक-शुचिता प्रदान करते हैं।    
=====धर्माचार्य=====
 
<!-- कृपया इस संदेश से ऊपर की ओर ही सम्पादन कार्य करें। ऊपर आप अपनी इच्छानुसार शीर्षक और सामग्री डाल सकते हैं -->


<!-- यदि आप सम्पादन में नये हैं तो कृपया इस संदेश से नीचे सम्पादन कार्य न करें -->




{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
[[Category:धर्माचार्य]]
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
[[Category:दर्शन कोश]][[Category:अध्यात्म]]
[[Category:नया पन्ना मार्च-2013]]
[[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
 
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

12:13, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

हिंदू धर्माचार्य

हिंदू धर्म को दो दृष्टिकोण से देखा जाता है-

  1. व्यक्तिगत विकास
  2. आध्यात्मिक विकास

व्यक्तिगत विकास के लिये षोडस संस्कारों के सम्पादन की जवाबदेही कर्मकांडियों पर होती है जबकि धर्म की तात्विक मीमांसा का उत्तरदायित्व धर्माचार्यों का है।

कर्मकांड

सोलह संस्कारों के क्रियांवयन को पुरोहित सम्पन्न कराते हैं जो उनका व्यवसाय भी है ऐसा माना जाता है।

अध्यात्म

हिंदू धर्म दर्शन का आधार आत्मिक उन्नयन है जिसे आध्यात्मिक प्रक्रिया माना गया है। अध्यात्म धर्म के तात्विक विश्लेषण का क्रियात्मक स्वरूप है। जिसे आस्था, त्याग और चिंतन की उपक्रियाओं से होकर गुज़रना होता है। इस प्रक्रिया के निष्णात धर्माचार्य होते हैं जो अपने अनुयाईयों को साधना के ज़रिये आत्मिक-शुचिता प्रदान करते हैं।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख