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| {{सूचना बक्सा गीत गज़ल
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| |चित्र=
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| |चित्र का नाम=
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| |फ़िल्म=
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| |एलबम= ग़ज़ल पैकार
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| |गायक=
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| |गायिका= मुन्नी बेगम
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| |शायर= हसन रज़ा
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| |संगीतकार=
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| |गीतकार=
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| |अभिनेता=
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| |अभिनेत्री=
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| |वर्ष=
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| |संगीत कंपनी= एच.एम.वी
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| |श्रेणी=
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| |संबंधित लेख=
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 1=
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| |शीर्षक 2=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=
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| |बाहरी कड़ियाँ= [http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10134-Best_Of_Munni_Begum/ आवारगी में हद से (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
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| <poem>आवारगी में हद से गुज़र जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार तो घर जाना चाहिये
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| मुझसे बिछड़ कर इन दिनों किस रंग में हैं वो
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| ये देखने रक़ीब के घर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| उस बुत से इश्क कीजिये लेकिन कुछ इस तरह
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| पूछे कोई तो साफ मुकर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| अफ़सोस अपने घर का पता हम से खो गया
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| अब सोचना ये है कि किधर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| बैठे हैं हर फसील पे कुछ लोग ताक में
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| अच्छा है थोड़ी देर से घर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| रब बेमिसाल वज़्म का मौसम भी गया
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| अब तो मेरा नसीब संवर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| नादान जवानी का ज़माना गुज़र गया
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| अब आ गया बुढ़ापा सुधर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| बैठे रहोगे दश्त में कब तक हसन रज़ा
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| जीना अगर नहीं है तो मर जाना चाहिये
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| लेकिन कभी कभार ...
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| ==बाहरी कड़ियाँ==
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| *[http://www.musicindiaonline.com/#/album/51-Urdu_Ghazals/10134-Best_Of_Munni_Begum/ आवारगी में हद से (म्यूज़िक इन्डिया ऑनलाइन)]
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| *[http://www.youtube.com/watch?v=jHJjb1S0CpM&feature=related आवारगी में हद से (यू ट्यूब विडियो)]
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