साँचा:कवि प्रदीप के प्रसिद्ध गीत

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कवि प्रदीप के प्रमुख गीत
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ऐ मेरे वतन के लोगों कंगन सूनी पड़ी रे सितार कंगन
नाचो नाचो प्यारे मन के मोर पुनर्मिलन साबरमती के संत जागृति
हम लाये हैं तूफ़ान से जागृति आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ जागृति
चल अकेला चल अकेला संबंध चल चल रे नौजवान बंधन
चने जोर गरम बाबू बंधन पीयू पीयू बोल प्राण पपीहे बंधन
रुक न सको तो जाओ बंधन खींचो कमान खींचो अंजान
झूले के संग झूलो झूला न जाने किधर आज मेरी नाव चली रे झूला
मैं तो दिल्ली से दुल्हन लाया रे झूला आज मौसम सलोना सलोना रे झूला
मेरे बिछड़े हुए साथी झूला दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है किस्मत
कितना बदल गया इंसान नास्तिक चलो चलें माँ जागृति
तेरे द्वार खड़ा भगवान वामन अवतार दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले दशहरा
पिंजरे के पंछी रे नागमणि कोई लाख करे चतुराई चंडी पूजा
इंसान का इंसान से हो भाईचारा पैग़ाम ओ दिलदार बोलो एक बार स्कूल मास्टर
हाय रे संजोग क्या घड़ी दिखलाई कभी धूप कभी छाँव चल मुसाफ़िर चल कभी धूप कभी छाँव
धीरे धीरे आरे बदल किस्मत पपीहा रे, मेरे पिया से किस्मत
घर घर में दिवाली है मेरे घर में अँधेरा किस्मत अब तेरे सिवा कौन मेरा किस्मत
हर हर महादेव अल्लाह-ओ-अकबर चल चल रे नौजवान राम भरोसे मेरी गाड़ी गर्ल्स स्कूल
ऊपर गगन विशाल मशाल किसकी किस्मत में क्या लिखा मशाल
आज एशिया के लोगों का काफ़िला चला काफ़िला कोयल बोले कु बाप बेटी
कान्हा बजाए बंसरी नास्तिक जय जय राम रघुराई नास्तिक
गगन झंझना राजा नास्तिक तेरे फूलों से भी प्यार नास्तिक
काहे को बिसरा हरिनाम, माटी के पुतले चक्रधारी तुंनक तुंनक बोले रे मेरा इकतारा रामनवमी
नई उम्र की कलियों तुमको देख रही दुनिया सारी तलाक़ बिगुल बज रहा आज़ादी का तलाक़
मेरे जीवन में किरण बन के तलाक़ मुखड़ा देख ले प्राणी दो बहन
ओ अमीरों के परमेश्वर पैग़ाम जवानी में अकेलापन पैग़ाम
आज सुनो हम गीत विदा का गा रहे स्कूल मास्टर सांवरिया रे अपनी मीरा को भूल न जाना आँचल
न जाने कहाँ तुम थे जिंदगी और ख्वाब आज के इस इंसान को ये क्या हो गया अमर रहे ये प्यार
सूरज रे जलते रहना हरिश्चंद्र तारामती टूट गई है माला हरिश्चंद्र तारामती
जन्मभूमि माँ नेताजी सुभाषचंद्र बोस सुनो सुनो देश के हिन्दू-मुसलमान नेताजी सुभाषचंद्र बोस
भारत के लिए भगवान का एक वरदान है गंगा हर हर गंगे ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ हर हर गंगे
तुमको तो करोड़ों साल हुए संबंध जो दिया था तुमने एक दिन संबंध
अँधेरे में जो बैठे हो संबंध सुख दुःख दोनों रहते कभी धूप कभी छाँव
जय जय नारायण नारायण हरी हरी हरिदर्शन प्रभु के भरोसे हांको गाड़ी हरिदर्शन
मारने वाला है भगवान बचाने वाला है भगवान हरिदर्शन मैं तो आरती उतारूँ रे जय संतोषी माँ
मत रो मत रो आज जय संतोषी माँ करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं जय संतोषी माँ
मदद करो संतोषी माता जय संतोषी माँ यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ जय संतोषी माँ
हे मारुती सारी रामकथा साकार बजरंगबली बंजा हूँ मैं आँख का तारा