राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र

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राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एन.आर.एस.सी.) हैदराबाद में स्थित है। इसे 1 सितंबर, 2008 से 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) के पूर्ण विकसित केंद्र के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। इससे पहले एन.आर.एस.सी. एक स्वायत्त निकाय था, जो अंतरिक्ष विभाग (डी.ओ.एस.) के अंतर्गत 'राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेंसी' (एन.आर.एस.ए.) कहलाता था।

कार्यभार

एन.आर.एस.सी. केंद्र सुदूर संवेदन उपग्रहों के आंकड़ों के अभिग्रहण और संसाधन, आंकड़ों के विकीर्णन, हवाई सुदूर संवेदन और आपदा प्रबंधन हेतु निर्णय सहायता के लिए ज़िम्मेदार है। 'राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र' ने भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रहों और साथ ही दूसरों से आँकड़ों के अभिग्रहण के लिए हैदराबाद के पास शादनगर में 'आँकड़ा अभिग्रहण केंद्र' की स्थापना की है। केंद्र उपयोगकर्ताओं के सहयोग से सुदूर संवेदन उपयोग परियोजनाओं के निष्पादन में व्यस्त है।

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

'भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान', जो देहरादून में स्थित है, विभिन्न स्तरों पर प्रयोक्‍ता एजेंसी के कार्मिकों के लिए सुदूर संवेदन में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करता है, ये एन.आर.एस.सी. के अधीन कार्यरत है। आई.आई.आर.एस. एशिया प्रशांत क्षेत्र में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा केंद्र (सं. रा. केंद्र) की मेजबानी तथा समर्थन प्रदान करता है।

आंकडों की आपूर्ति

इस समय एन.आर.एस.सी. प्रयोक्‍ताओं को कार्टोसैट-1, 2 और 2ए, रिसोर्ससैट-1, ओशनसैट, टीईएस, आईआरएस-1 डी व आईएमएस-1 से आँकड़ों की आपूर्ति कर रहा है। प्रयोक्‍ता लगातार बढ़ रहे हैं और वर्ष 2008-2009 के दौरान 40,000 आँकडा उत्पादों का उपयोग किया गया।


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