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मेघालय की जलवायु

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मेघालय की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है। शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। इसी नगर के समीप 'मावसिनराम' नामक गाँव के नाम सर्वाधिक सालाना बारिश का रिकॉर्ड है। क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई हिस्सा वनों से ढ़का हुआ है। यहाँ की गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियां ज़्यादा ऊँची नहीं हैं। शिलांग शिखर की ऊँचाई 1966 मीटर है, यह यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर है। यहाँ की गुफाओं में चूने के जल से बनी विभिन्न आकृतियां हैं, जिनमें स्टेलैक्टाईट और स्टेलैग्माईट जैसी आकृतियां प्रसिद्ध हैं।

दुनिया के सर्वाधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में से एक इस राज्य का चेरापूंजी है, जहाँ पर विगत 74 वर्षों की औसत वार्षिक वर्षा 11,430 मिमी दर्ज की गई। यह एशिया में सबसे अधिक और विश्व में दूसरे क्रम का अधिक वर्षा वाला स्थान हुआ। वर्षा के हिसाब से चेरापूंजी से मेघालय का ही मॉसिनराम आगे निकल गया है, जहाँ वर्षा का औसत रिकार्ड 17,780 मिमी होने का दावा किया जाता है। मेघालय की जलवायु आमतौर पर मध्यम रहती है। अगस्त में खासी पहाड़ियों पर स्थित शिंलाग का औसत तापमान 21° से. रहता है, जो जनवरी में गिरकर 9.5° से. रह जाता है। चेरापूंजी से केवल 80 किमी दूर स्थित शिलांग में वर्षा का सालाना औसत रिकार्ड लगभग 2,337 मिमी है।


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