मूल नक्षत्र

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मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है।

अर्थ - जड़
देव - निरित्ती

  • नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है।
  • मूल में राक्षसों का व्रत और पूजन किया जाता है।
  • मूल नक्षत्र के देवता केतु को माना जाता है|
  • साल के पेड़ को मूल नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग साल वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में साल के पेड को लगाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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