जीवित जड़ सेतु

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जीवित जड़ सेतु

जीवित जड़ सेतु (अंग्रेज़ी: Living Root Bridge) भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के दक्षिणी भाग में स्थित स्थानीय जनजाति के लोगों द्वारा जीवित वृक्षों की जड़ों से बनाये गये पुल हैं। जीवित वृक्षों की जड़ों को अनुवर्धित कर इन्हें जलधारा के आर-पार एक सुदृण पुल में परिवर्तित कर देते हैं। समय के साथ ये और भी मजबूत होते जाते हैं। ये पुल मेघालय के चेरापूँजी, नोन ग्रेट, लात्संयू आदि स्थानों पर देखे जा सकते हैं।

इतिहास

इस खूबसूरत व अनोखे ब्रिज को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। बात इसके इतिहास की करें तो यह वहां के स्थानीय जनजाति की देन है। असल में, भारतीय रबड़ ट्री की मजबूत जड़ें बढ़ कर गांव में लटकती थी। ऐसे में लोगों ने इसे सीधा करते हुए पेड़ को पुल का आकार दे दिया। मगर करीब 15 साल बाद यह पुल लोगों का वजन झेलने वाला बना। यह सुंदर व आकर्षित ब्रिज मेघालय की उमशियांग नदी के ऊपर बना है। यह करीब 50 मीटर लंबा और 1.5 मीटर चौड़ा है। माना जाता है कि 200 से 500 साल पुराना है।

पेड़ों की जड़ों का प्रयोग

यह पुल डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज नाम से दुनियाभर में मशहूर है। बात इसके मतलब की करें तो इसका अर्थ है पुल में 2 डेक या परतें होना। यह पुल एक के ऊपर एक बना है। इसे जड़ों के उलझाव के कारण बनाया गया है। इस पुल की खासियत है कि इसे किसी भी धातु का इस्तेमाल किए बिना सिर्फ पेड़ों की जड़ों से बनाया गया है। इस पर एक समय पर करीब 50 लोग चढ़ सकते हैं। मगर शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को इस पर चलने में मुश्किल आ सकती है।

पहुंचने का तरीका

जीवित जड़ सेतु

यह पुल तिर्ना गांव से शुरू होकर उमशियांग नदी के ऊपर से बना है। यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को पहाड़ी से 3500-3600 सीढ़ी नीचे उतरनी पड़ती है। इसमें करीब 3-4 घंटे का समय लगता है। ब्रिज पर ट्रेकिंग का मजा लेने वाले लोगों को इस दौरान कई छोटे-छोटे ब्रिज देखेन को मिलेंगे। मगर इन पुलों को बनाने में धातु की तार इस्तेमाल करके मजबूत बनाया गया है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  1. अपने साथ अधिक सामान ना लें।
  2. यात्रा में आपको खाने से जुड़ी समस्या नहीं होगी तो इसे घर से ले जाने से बचें।
  3. डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज पर चलना हर किसी की बात नहीं। ऐसे में रोमांच व एडवेंचर के शौकीन इस ब्रिज पर घूमने का मजा लें।
  4. ब्रिज तक पहुंचने के लिए पहाड़ी रास्ते पर चलना पड़ेगा। ऐसे में यात्रा से पहले खूब पानी पीएं। साथ ही आरामदायक जूते पहने।

रुकने की जगह

पुल के आसपास बजट में रहने के लिए गेस्ट हाउल मिल जाएंगे। भले ही यहां पर सुविधाएं कम होंगी, मगर खाने-पीने की कोई कमी नहीं होगी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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