गंगालहरी (बहुविकल्पी)
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- गंगालहरी - दो अलग-अलग रचनाएँ है, जिनमें से एक की रचना संस्कृत में व दूसरी की हिन्दी में हुई है।
- गंगालहरी (पंडित जगन्नाथ) - पंडित जगन्नाथ द्वारा रचित 'गंगास्तव' है।
- गंगालहरी (पद्माकर) - कवि पद्माकर की अंतिम रचना है।