श्यामबाबा जी की आरती

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
DrMKVaish (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:31, 3 जनवरी 2011 का अवतरण ('<blockquote><span style="color: maroon"><poem>ॐ जय श्री श्याम हरे बाबा जय श्री श्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ॐ जय श्री श्याम हरे बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत अनुपम रुप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

रत्न जड़ित सिंहासन सिर पर चंवर ढुले |
तन केशरिया बागों कुण्डल श्रवण पडे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

गल पुष्पों की माला सिर पर मुकुट धरे |
खेवत धूप अग्नि पर दिपक ज्योती जले॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

मोदक खीर चुरमा सुवरण थाल भरें |
सेवक भोग लगावत सेवा नित्य करें॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

झांझ कटोरा और घसियावल शंख मृंदग धरे |
भक्त आरती गावे जय जयकार करें॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

जो ध्यावे फल पावे सब दुःख से उबरे |
सेवक जन निज मुख से श्री श्याम श्याम उचरें॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

श्री श्याम बिहारी जी की आरती जो कोई नर गावे |
कहत मनोहर स्वामी मनवांछित फल पावें॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

ॐ जय श्री श्याम हरे बाबा जय श्री श्याम हरे |
निज भक्तों के तुम ने पूर्ण काज करें॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....

ॐ जय श्री श्याम हरे बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत अनुपम रुप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे....


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ