एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

"राखी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(रक्षाबन्धन को अनुप्रेषित)
 
छो (Text replacement - " दुख " to " दु:ख ")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
#REDIRECT[[रक्षाबन्धन]]
+
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=राखी|लेख का नाम=राखी (बहुविकल्पी)}}
 +
[[चित्र:Rakhi.jpg|thumb|राखी<br />Rakhi]]
 +
{{main|रक्षाबन्धन}}
 +
राखी वह कोमल धागा है जिसे [[रक्षाबन्धन]] के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर बाँधती हैं। और वह उन्हें मिठाई भी खिलाती है। राखी बहन के पवित्र प्रेम और रक्षा की डोरी है। राखी की डोरी में ऐसी शक्ति है जो हर मुसीबत से भाई की रक्षा करती है। बहनें भाइयों को राखी बाँधकर परमेश्वर से दुआ माँगती हैं कि उनके भाई सदा सुरक्षित रहें।
 +
====राजकुमारी कर्मवती की कथा====
 +
मध्यकालीन [[इतिहास]] में भी ऐसी ही एक घटना मिलती है। [[चित्तौड़]] की [[हिन्दू]] रानी कर्मावती ने [[दिल्ली]] के [[मुग़ल]] बादशाह [[हुमायूँ]] को अपना भाई मानकर उसके पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने उसकी राखी स्वीकार कर ली और उसके सम्मान की रक्षा के लिए [[गुजरात]] के बादशाह बहादुरशाह से युद्ध किया।
 +
 
 +
महारानी कर्मवती की कथा इसके लिए अत्यन्त प्रसिद्ध है, जिसने हुमायूँ को राखी भेजकर रक्षा के लिए आमंत्रित किया था। रानी कर्मवती ने सम्राट हुमायूँ के पास राखी भेजकर उसे अपना भाई बनाया था। सम्राट हुमायूँ ने रानी कर्मवती को अपनी बहन बनाकर उसकी दिलो- जान से मदद की थी। राखी के पवित्र बन्धन ने दोनों को बहन- भाई के पवित्र रिश्ते में बाँध दिया था। मर्मस्पर्शी कथानुसार, राजपूत राजकुमारी कर्मवती ने मुग़ल सम्राट हुमायूँ को गुजरात के सुल्तान द्वारा हो रहे आक्रमण से रक्षा के लिए राखी भेजी थी। यद्यपि हुमायूँ किसी अन्य कार्य में व्यस्त था, वह शीघ्र से बहन की रक्षा के लिए चल पड़ा। परन्तु जब वह पहुँचा, तो उसे यह जानकर बहुत दु:ख हुआ कि राजकुमारी के राज्य को हड़प लिया गया था तथा अपने सम्मान की रक्षा हेतु रानी कर्मवती ने 'जौहर' कर लिया था।
 +
 
 +
{{प्रचार}}
 +
{{लेख प्रगति
 +
|आधार=
 +
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 +
|माध्यमिक=
 +
|पूर्णता=
 +
|शोध=
 +
}}
 +
 
 +
[[Category:पर्व और त्योहार]]
 +
[[Category:व्रत और उत्सव]][[Category:संस्कृति कोश]]
 +
__INDEX__

14:00, 2 जून 2017 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg राखी एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- राखी (बहुविकल्पी)
राखी
Rakhi

राखी वह कोमल धागा है जिसे रक्षाबन्धन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर बाँधती हैं। और वह उन्हें मिठाई भी खिलाती है। राखी बहन के पवित्र प्रेम और रक्षा की डोरी है। राखी की डोरी में ऐसी शक्ति है जो हर मुसीबत से भाई की रक्षा करती है। बहनें भाइयों को राखी बाँधकर परमेश्वर से दुआ माँगती हैं कि उनके भाई सदा सुरक्षित रहें।

राजकुमारी कर्मवती की कथा

मध्यकालीन इतिहास में भी ऐसी ही एक घटना मिलती है। चित्तौड़ की हिन्दू रानी कर्मावती ने दिल्ली के मुग़ल बादशाह हुमायूँ को अपना भाई मानकर उसके पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने उसकी राखी स्वीकार कर ली और उसके सम्मान की रक्षा के लिए गुजरात के बादशाह बहादुरशाह से युद्ध किया।

महारानी कर्मवती की कथा इसके लिए अत्यन्त प्रसिद्ध है, जिसने हुमायूँ को राखी भेजकर रक्षा के लिए आमंत्रित किया था। रानी कर्मवती ने सम्राट हुमायूँ के पास राखी भेजकर उसे अपना भाई बनाया था। सम्राट हुमायूँ ने रानी कर्मवती को अपनी बहन बनाकर उसकी दिलो- जान से मदद की थी। राखी के पवित्र बन्धन ने दोनों को बहन- भाई के पवित्र रिश्ते में बाँध दिया था। मर्मस्पर्शी कथानुसार, राजपूत राजकुमारी कर्मवती ने मुग़ल सम्राट हुमायूँ को गुजरात के सुल्तान द्वारा हो रहे आक्रमण से रक्षा के लिए राखी भेजी थी। यद्यपि हुमायूँ किसी अन्य कार्य में व्यस्त था, वह शीघ्र से बहन की रक्षा के लिए चल पड़ा। परन्तु जब वह पहुँचा, तो उसे यह जानकर बहुत दु:ख हुआ कि राजकुमारी के राज्य को हड़प लिया गया था तथा अपने सम्मान की रक्षा हेतु रानी कर्मवती ने 'जौहर' कर लिया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध