रंग बरसत ब्रज में होरी का -शिवदीन राम जोशी
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शीर्षक उदाहरण 1
रंग बरसत ब्रज में होरी का / शिवदीन राम जोशी
शीर्षक उदाहरण 3
शीर्षक उदाहरण 4
रंग बरसत ब्रज में होरी का | बरसाने की मस्त गुजरिया, नखरा वृषभानु किशोरी का || गुवाल बाल नन्दलाल अनुठा, वादा करे सब से झूठा | माखन चोर रसिक मन मोहन, रूप निहारत गौरी का || मारत हैं पिचकारी कान्हा, धूम माचवे और दीवाना | चंग बजा कर रंग उडावे, काम करें बरजोरी का || ब्रज जन मस्त मस्त मस्ताना, नांचे कूदे गावे गाना | नन्द महर घर आनंद छाया, खुल गए फाटक मोरी का || कहे शिवदीन सगुण सोही निरगुण, परमानन्द होगया सुण-सुण | नांचै नृत्य धुन धमाल, देखो अहीरों की छोरी का ||
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टीका टिप्पणी और संदर्भ