"मैंने जो गीत तेरे प्यार -साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर
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मेरे नग़्में भी मेरे पास नहीं रह सकते | मेरे नग़्में भी मेरे पास नहीं रह सकते | ||
तेरे ज़लवे किसी ज़रदार की मीरास सही | तेरे ज़लवे किसी ज़रदार की मीरास सही | ||
− | तेरे ख़ाके भी मेरे पास नहीं रह सकते<ref>अर्सागह-ए-मेहनत-ओ-सर्माया= पैसे और | + | तेरे ख़ाके भी मेरे पास नहीं रह सकते<ref>अर्सागह-ए-मेहनत-ओ-सर्माया= पैसे और मज़दूरी की लडाई में; ज़रदार=अमीर; मीरास=जायदाद; ख़ाके= रूप</ref> |
आज उन गीतों को बाज़ार में ले आया हूँ | आज उन गीतों को बाज़ार में ले आया हूँ |
14:59, 6 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
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मैंने जो गीत तेरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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