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*इस ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।
 
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12:40, 10 जनवरी 2011 का अवतरण

  • यह प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है।
  • ग्यारहवीं शती ई. में पदमगुप्त परिमल द्वारा रचित इस ग्रंथ से परमार वंश, सिंधुराज नवसाहसांक के इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है।
  • इस ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ