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- यह प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है।
- ग्यारहवीं शती ई. में पदमगुप्त परिमल द्वारा रचित इस ग्रंथ से परमार वंश, सिंधुराज नवसाहसांक के इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है।
- इस ग्रंथ को संस्कृति साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ