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'''अर्थ'''- कुछ न कहने को विशेषत: उत्तर न देने को विवश होना, बोलती बंद होना।
 
'''अर्थ'''- कुछ न कहने को विशेषत: उत्तर न देने को विवश होना, बोलती बंद होना।
  
'''प्रयोग'''- राजेश ने तो राहुल की बोलती बंद कर दी।
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'''प्रयोग''' - [[पिता]] ने राहुल से कहा- "जवाब क्यों नहीं देते, अब '''ज़बान बंद''' क्यों है तुम्हारी।
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

12:58, 16 नवम्बर 2015 का अवतरण

ज़बान बंद होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- कुछ न कहने को विशेषत: उत्तर न देने को विवश होना, बोलती बंद होना।

प्रयोग - पिता ने राहुल से कहा- "जवाब क्यों नहीं देते, अब ज़बान बंद क्यों है तुम्हारी।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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