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*यहाँ से विकसित तथा उत्तरकालीन सैंधव कालीन स्तर प्रकाश में आए हैं।  
 
*यहाँ से विकसित तथा उत्तरकालीन सैंधव कालीन स्तर प्रकाश में आए हैं।  
 
*यहाँ से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ व्यापार केन्द्र, निगरानी स्तम्भ तथा बन्दरगाह में खुदाई से प्राप्त अवशेषों में लम्बी सुराहियां, दो हत्थे कटोरे, मिट्टी खिलौने गाड़ी आदि प्रमुख हैं।  
 
*यहाँ से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ व्यापार केन्द्र, निगरानी स्तम्भ तथा बन्दरगाह में खुदाई से प्राप्त अवशेषों में लम्बी सुराहियां, दो हत्थे कटोरे, मिट्टी खिलौने गाड़ी आदि प्रमुख हैं।  
*एक मकान के कमरे से सेलखड़ी के हजारों छोटे मनके तथा तांबे की कुछ चूड़ियां एवं दो अंगूठी मिली है।
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*एक मकान के कमरे से सेलखड़ी के हज़ारों छोटे मनके तथा तांबे की कुछ चूड़ियां एवं दो अंगूठी मिली है।
  
 
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15:41, 8 जुलाई 2011 का अवतरण

  • गुजरात के राजकोट ज़िले में स्थित इस स्थल की खुदाई 'एम.के. धावलिकर', 'एम.आर.आर. रावल' तथा 'वाई.एम. चितलवास' द्वारा करवाई गई।
  • यहाँ से विकसित तथा उत्तरकालीन सैंधव कालीन स्तर प्रकाश में आए हैं।
  • यहाँ से प्राप्त अवशेषों से ज्ञात होता है कि यहाँ व्यापार केन्द्र, निगरानी स्तम्भ तथा बन्दरगाह में खुदाई से प्राप्त अवशेषों में लम्बी सुराहियां, दो हत्थे कटोरे, मिट्टी खिलौने गाड़ी आदि प्रमुख हैं।
  • एक मकान के कमरे से सेलखड़ी के हज़ारों छोटे मनके तथा तांबे की कुछ चूड़ियां एवं दो अंगूठी मिली है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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