"किसी से बात कोई आजकल नहीं होती -दिनेश रघुवंशी" के अवतरणों में अंतर
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तमाम उम्र तजुर्बात ये सिखाते हैं | तमाम उम्र तजुर्बात ये सिखाते हैं | ||
− | कोई भी राह | + | कोई भी राह शुरू में सहल नहीं होती |
मुझे भी उससे कोई बात अब नहीं करनी | मुझे भी उससे कोई बात अब नहीं करनी | ||
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किसी से बात कोई आजकल नहीं होती |
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