ओंकार मांधाता

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ओंकार मांधाता ओंकारेश्वर का ही दूसरा नाम है:- देखें ओंकारेश्वर
  • खंडवा के निकट नर्मदा नदी में एक पहाड़ी द्वीप है।
  • यह स्थान प्राचीन काल से ही तीर्थ के रूप में प्रख्यात है।
  • इसे ओंकारेश्वर और मांधाता भी कहते हैं।
  • जनश्रुति है कि राजा मांधाता ने इस द्वीप में शिव की आराधना की थी।
  • द्वीप नर्मदा और उसकी एक उपधारा-कावेरी-से घिरा है।
  • इसका आकार ओंकार (प्रणव) के समान है जो संभवत: इसके नामकरण का कारण है।
  • इसके आस-पास अनेक छोटे-मोटे तीर्थस्थल हैं।
  • मांधाता को अमरेश्वर भी कहते हैं।
  • स्कंद पुराण रेवाखंड[1] में इसका वर्णन है।
  • अमरेश्वर की शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में गणना है।
  • यह स्थान पश्चिम रेलवे के अजमेर-खंडवा मार्ग पर ओंकारेश्वर स्टेशन से सात मील दूर है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. स्कंद पुराण रेवाखंड, 28, 133

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