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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Tissue) '''{{PAGENAME}}''' अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में [[मानव शरीर]] से संबंधित उल्लेख है। समान गुणों वाली, एक ही आकार की तथा एक ही कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।
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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Tissue) इस लेख में [[मानव शरीर]] से संबंधित उल्लेख है। समान गुणों वाली, एक ही आकार की तथा एक ही कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।
 
   
 
   
 
जैसा कि ज्ञात है कि मानव एक बहुकोशीय प्राणी है, जिसमें कोशिकाएँ रचना तथा कार्य में एक-दूसरे से भिन्न होता हैं। एक प्रकार की कोशिकाएँ, एक ही प्रकार का कार्य करती हैं और एक ही वर्ग के ऊतकों जैसे- [[अस्थि]], उपस्थि, [[पेशी]] आदि का निर्माण करती हैं। संक्षेप में '''समान रचना तथा समान कार्यों वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।''' प्रत्येक ऊतक का अपना विशिष्ट कार्य होता है। ऊतकों का निर्माण करते समय कोशिकाएँ आपस में एक-दूसरे से एक विशेष अन्तराकोशिकी [[पदार्थ]] के द्वारा जुड़ी और सम्बन्धित रहती हैं। बहुत से ऊतक मिलकर शरीर के अंगों, जैसे- [[आमाशय]], [[गुर्दे]], [[यकृत]], [[मस्तिष्क]] आदि का निर्माण करते हैं। प्रत्येक अंग का भी अपना विशिष्ट कार्य होता है। विभिन्न अंग परस्पर मिलकर किसी संस्थान का निर्माण करते हैं जो किसी विशेष कार्य को करता है, जैसे-[[नाक]], स्वरयन्त्र, श्वास प्रणाल एवं [[फेफड़े]] मिलकर श्वसन संस्थान (तन्त्र) का निर्माण करते हैं, जो कि शरीर एवं [[वायुमण्डल]] के बीच [[ऑक्सीजन]] एवं [[कार्बन]] डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करता है।
 
जैसा कि ज्ञात है कि मानव एक बहुकोशीय प्राणी है, जिसमें कोशिकाएँ रचना तथा कार्य में एक-दूसरे से भिन्न होता हैं। एक प्रकार की कोशिकाएँ, एक ही प्रकार का कार्य करती हैं और एक ही वर्ग के ऊतकों जैसे- [[अस्थि]], उपस्थि, [[पेशी]] आदि का निर्माण करती हैं। संक्षेप में '''समान रचना तथा समान कार्यों वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।''' प्रत्येक ऊतक का अपना विशिष्ट कार्य होता है। ऊतकों का निर्माण करते समय कोशिकाएँ आपस में एक-दूसरे से एक विशेष अन्तराकोशिकी [[पदार्थ]] के द्वारा जुड़ी और सम्बन्धित रहती हैं। बहुत से ऊतक मिलकर शरीर के अंगों, जैसे- [[आमाशय]], [[गुर्दे]], [[यकृत]], [[मस्तिष्क]] आदि का निर्माण करते हैं। प्रत्येक अंग का भी अपना विशिष्ट कार्य होता है। विभिन्न अंग परस्पर मिलकर किसी संस्थान का निर्माण करते हैं जो किसी विशेष कार्य को करता है, जैसे-[[नाक]], स्वरयन्त्र, श्वास प्रणाल एवं [[फेफड़े]] मिलकर श्वसन संस्थान (तन्त्र) का निर्माण करते हैं, जो कि शरीर एवं [[वायुमण्डल]] के बीच [[ऑक्सीजन]] एवं [[कार्बन]] डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करता है।

11:15, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण

(अंग्रेज़ी:Tissue) इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। समान गुणों वाली, एक ही आकार की तथा एक ही कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

जैसा कि ज्ञात है कि मानव एक बहुकोशीय प्राणी है, जिसमें कोशिकाएँ रचना तथा कार्य में एक-दूसरे से भिन्न होता हैं। एक प्रकार की कोशिकाएँ, एक ही प्रकार का कार्य करती हैं और एक ही वर्ग के ऊतकों जैसे- अस्थि, उपस्थि, पेशी आदि का निर्माण करती हैं। संक्षेप में समान रचना तथा समान कार्यों वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं। प्रत्येक ऊतक का अपना विशिष्ट कार्य होता है। ऊतकों का निर्माण करते समय कोशिकाएँ आपस में एक-दूसरे से एक विशेष अन्तराकोशिकी पदार्थ के द्वारा जुड़ी और सम्बन्धित रहती हैं। बहुत से ऊतक मिलकर शरीर के अंगों, जैसे- आमाशय, गुर्दे, यकृत, मस्तिष्क आदि का निर्माण करते हैं। प्रत्येक अंग का भी अपना विशिष्ट कार्य होता है। विभिन्न अंग परस्पर मिलकर किसी संस्थान का निर्माण करते हैं जो किसी विशेष कार्य को करता है, जैसे-नाक, स्वरयन्त्र, श्वास प्रणाल एवं फेफड़े मिलकर श्वसन संस्थान (तन्त्र) का निर्माण करते हैं, जो कि शरीर एवं वायुमण्डल के बीच ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करता है।

मानव शरीर का निर्माण निम्नलिखित प्रारम्भिक ऊतकों के मिलने से होता है-

  • उपकला ऊतक
  • संयोजी ऊतक
  • पेशी ऊतक
  • तन्त्रिका ऊतक



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