"इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है -दुष्यंत कुमार" के अवतरणों में अंतर
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पत्थरों से, ओट में जा-जाके बतियाती तो है। | पत्थरों से, ओट में जा-जाके बतियाती तो है। | ||
− | + | दु:ख नहीं कोई कि अब उपलब्धियों के नाम पर, | |
और कुछ हो या न हो, आकाश-सी छाती तो है। | और कुछ हो या न हो, आकाश-सी छाती तो है। | ||
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14:02, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है, |
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