अलोक

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अलोक (विशेषण) [नञ्‌ बहुव्रीहि समास]

1. जो दिखाई न दे-जैसा कि-लोकालोक इवाचलः[1] [न लोक्यत इति अलोकः-मल्लि.]

2. जिसमें लोग न हों

3. (अच्छे कर्म न होने के कारण) जो मृत्यु के उपरांत किसी दूसरे लोक में नहीं जाता-क: (पुल्लिंग)-कम् (नपुंसक लिंग) [नञ्‌ तत्पुरुष समास] 1. जो लोक न हो, 2. संसार की समाप्ति या नाश, लोगों का अभाव-रक्ष सर्वानिमाँल्लोकान् नालोकं कर्तुमर्हसि-रामा.।

समस्त पद-सामान्य (विशेषण) असाधारण, असामान्य।[2]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रघु. 1/68
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 112 |

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