पौनार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
हिना गोस्वामी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:58, 1 जून 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} *महाराष्ट्र के वर्धा ज़िलांतर्गत पौना...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  • महाराष्ट्र के वर्धा ज़िलांतर्गत पौनार को वाकाटकों की राजधानी माना जाता है, लेकिन इसकी उन्नति प्रायःपरवर्ती सातवाहनों के समय शुरू हुई।
  • यहाँ ठोस नींवों पर बने मकान मिले हैं।
  • काले और लाल मृद्भाण्ड के अतिरिक्त, लाल पालिशदार मृण्पात्र और दोहत्थे कलश भी मिले हैं।
  • क्षत्रपों और प्रारम्भिक कलचुरियों के सिक्के मिले हैं। विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है।
  • यहाँ किसानों की बस्ती थी।
  • ईसा की छठी शताब्दी के पश्चात यह स्थल उजड़ गया।
  • ऐसा अनुमान है, कि दसवीं शताब्दी के आस-पास यह स्थल फिर से आबाद हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ