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||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|100px|right|border|मंगल पांडे]]'मंगल पांडे' का नाम [[भारतीय स्वाधीनता संग्राम]] के अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से [[अंग्रेज़]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] का शासन बुरी तरह हिल गया था। [[मंगल पांडे]] की शहादत ने [[भारत]] में पहली क्रांति के बीज बोए थे। "मारो फिरंगी को" यह प्रसिद्ध नारा भारत की स्वाधीनता के लिए सर्वप्रथम आवाज़ उठाने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे की जुबां से [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857 की क्रांति]] के समय निकला था। भारत की आज़ादी के लिए क्रांति का आगाज़ [[31 मई]], [[1857]] को होना तय हुआ था, परन्तु यह दो [[माह]] पूर्व [[29 मार्च]], 1857 को ही आरम्भ हो गई। 'फिरंगी' अर्थात '[[अंग्रेज़]] या ब्रिटिश जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए थे, को क्रांतिकारियों व भारतियों द्वारा फिरंगी नाम से पुकारा जाता था। गुलाम जनता तथा सैनिकों के हृदय में क्रांति की जल रही आग को धधकाने के लिए व लड़कर आज़ादी लेने की इच्छा को दर्शाने के लिए यह नारा मंगल पांडे द्वारा गुंजाया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पांडे]]
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||[[चित्र:Mangal Panday.jpg|100px|right|border|मंगल पांडे]]'मंगल पांडे' का नाम [[भारतीय स्वाधीनता संग्राम]] के अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से [[अंग्रेज़]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] का शासन बुरी तरह हिल गया था। [[मंगल पांडे]] की शहादत ने [[भारत]] में पहली क्रांति के बीज बोए थे। "मारो फिरंगी को" यह प्रसिद्ध नारा भारत की स्वाधीनता के लिए सर्वप्रथम आवाज़ उठाने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे की जुबां से [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम|1857 की क्रांति]] के समय निकला था। भारत की आज़ादी के लिए क्रांति का आगाज़ [[31 मई]], [[1857]] को होना तय हुआ था, परन्तु यह दो [[माह]] पूर्व [[29 मार्च]], 1857 को ही आरम्भ हो गई। 'फिरंगी' अर्थात् '[[अंग्रेज़]] या ब्रिटिश जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए थे, को क्रांतिकारियों व भारतियों द्वारा फिरंगी नाम से पुकारा जाता था। गुलाम जनता तथा सैनिकों के हृदय में क्रांति की जल रही आग को धधकाने के लिए व लड़कर आज़ादी लेने की इच्छा को दर्शाने के लिए यह नारा मंगल पांडे द्वारा गुंजाया गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल पांडे]]
 
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07:47, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण