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'''उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य की लोक सेवा है। सभी राज्यों की अपनी लोक सेवा आयोग होती है जो [[प्रतियोगिता परीक्षा]] के माध्यम से तीन स्तरों के सिविल सेवकों का चयन करते हैं-  
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'''उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा'''(स्टेट सिविल सर्विस) [[उत्तर प्रदेश]] राज्य की लोक सेवा है। सभी राज्यों की अपनी लोक सेवा आयोग होती है जो [[प्रतियोगिता परीक्षा]] के माध्यम से तीन स्तरों के सिविल सेवकों का चयन करते हैं-  
 
# प्रशासनिक सेवा- यह क्लास-टू सेवा होती है, इसमें सबडिविजनल मजिस्ट्रेट या पुलिस उपाध्यक्ष इत्यादि आते हैं।  
 
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# न्यायिक सेवा- ये क्लास-टू सेवा होती है, जिसमें सिविल जज, जूनियर डिविजनल (मुंसिफ मजिस्ट्रेटों), असीस्टेंट पब्लिक प्रोसेक्यूटर इत्यादि के लिए भर्ती होती है।
 
# न्यायिक सेवा- ये क्लास-टू सेवा होती है, जिसमें सिविल जज, जूनियर डिविजनल (मुंसिफ मजिस्ट्रेटों), असीस्टेंट पब्लिक प्रोसेक्यूटर इत्यादि के लिए भर्ती होती है।
 
# अधीनस्थ सेवा- ये क्लास-थ्री सेवा होती है, जिसमें विभिन्न विभागों के लिए इंस्पेक्टरों, समीक्षा अधिकारियों या क्लर्कों की भर्ती होती है।
 
# अधीनस्थ सेवा- ये क्लास-थ्री सेवा होती है, जिसमें विभिन्न विभागों के लिए इंस्पेक्टरों, समीक्षा अधिकारियों या क्लर्कों की भर्ती होती है।
 
राज्य सरकार द्वारा स्थायी नौकरशाही राज्य स्तर की सिविल सेवा राज्य सिविल सेवा के रूप में सदस्य बनने के लिये प्रदेश की राजस्व (प्रशासनिक) सेवा के अनुभवी अधिकारियों को भी प्रोन्नत किया जाता हैं। यदि किसी वजह से व्यक्ति यू.पी.एस.सी. के माध्यम से सिविल सेवक बनने से चूक जाए तो राज्य [[लोक सेवा आयोग]] एक अवसर मुहैया कराती है।
 
राज्य सरकार द्वारा स्थायी नौकरशाही राज्य स्तर की सिविल सेवा राज्य सिविल सेवा के रूप में सदस्य बनने के लिये प्रदेश की राजस्व (प्रशासनिक) सेवा के अनुभवी अधिकारियों को भी प्रोन्नत किया जाता हैं। यदि किसी वजह से व्यक्ति यू.पी.एस.सी. के माध्यम से सिविल सेवक बनने से चूक जाए तो राज्य [[लोक सेवा आयोग]] एक अवसर मुहैया कराती है।
 
  
 
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02:38, 10 फ़रवरी 2013 का अवतरण

आधिकारिक लोगो, उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा(स्टेट सिविल सर्विस) उत्तर प्रदेश राज्य की लोक सेवा है। सभी राज्यों की अपनी लोक सेवा आयोग होती है जो प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से तीन स्तरों के सिविल सेवकों का चयन करते हैं-

  1. प्रशासनिक सेवा- यह क्लास-टू सेवा होती है, इसमें सबडिविजनल मजिस्ट्रेट या पुलिस उपाध्यक्ष इत्यादि आते हैं।
  2. न्यायिक सेवा- ये क्लास-टू सेवा होती है, जिसमें सिविल जज, जूनियर डिविजनल (मुंसिफ मजिस्ट्रेटों), असीस्टेंट पब्लिक प्रोसेक्यूटर इत्यादि के लिए भर्ती होती है।
  3. अधीनस्थ सेवा- ये क्लास-थ्री सेवा होती है, जिसमें विभिन्न विभागों के लिए इंस्पेक्टरों, समीक्षा अधिकारियों या क्लर्कों की भर्ती होती है।

राज्य सरकार द्वारा स्थायी नौकरशाही राज्य स्तर की सिविल सेवा राज्य सिविल सेवा के रूप में सदस्य बनने के लिये प्रदेश की राजस्व (प्रशासनिक) सेवा के अनुभवी अधिकारियों को भी प्रोन्नत किया जाता हैं। यदि किसी वजह से व्यक्ति यू.पी.एस.सी. के माध्यम से सिविल सेवक बनने से चूक जाए तो राज्य लोक सेवा आयोग एक अवसर मुहैया कराती है।

इन्हें भी देखें: भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं प्रतियोगिता परीक्षा


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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