हिमालय का प्राणी जीवन

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हिमालय
Himalayas

पूर्वी हिमालय में पशु जीवन का उद्भव मुख्यतः दक्षिणी चीन और भारतीय-चीनी क्षेत्र से हुआ है। इसमें प्राथमिक रूप से उष्णकटिबंधीय वनों में पाया जाने वाला पशु जीवन है और अनुपूरक रूप से ऊँचे क्षेत्रों में व्याप्त उपोष्ण, पर्वतीय और शीतोष्ण परिस्थितियों तथा शुष्क पश्चिमी क्षेत्रों के लिए अनुकूलित हुए जंतु हैं। लेकिन पश्चिमी हिमालय में पशु जीवन भूमध्य सागरीय, इथियोपियाई और तुर्कमेनियाई क्षेत्रों से ज़्यादा निकटता प्रदर्शित करता है। अतीत में इस क्षेत्र में जिराफ़ और दरियाई घोड़े जैसे अफ़्रीकी जानवरों की मौजूदगी का पता बाह्य हिमालय के शिवालिक निक्षेप में पाए जाने वाले जीवाश्मों से लगाया जा सकता है। वृक्ष रेखा से ऊपर की ऊँचाई पर पाया जाने वाला पशु जीवन लगभग पूर्णतः स्थानीय प्रजाति का है, जो ठंड के अनुकूलित हो चुके हैं और इनका विकास हिमालय की ऊँचाई बढ़ने के बाद स्तेपी के वन्य जीवन से हुआ है। हाथी, पहाड़ी भैंसा और गैंडा मुख्यतः दक्षिणी नेपाल के निचले पर्वतीय क्षेत्र में वनाच्छादित तराई के कुछ हिस्सों तक सीमित हैं, जो नम या दलदली क्षेत्र हैं और इनमें से अधिकांश अब सूख चुके हैं। एक समय हिमालय के समूचे तराई क्षेत्र में भारतीय गैंडे की बहुतायत थी लेकिन अब ये विलुप्त होने के कगार पर हैं। कस्तूरी मृग और कश्मीरी मृग या हंगुल भी लुप्तप्राय हैं। हिमालय का काला भालू, मेघवर्णी तेंदुआ, लंगूर[1] और विडाल परिवार की प्रजातियाँ हिमालय के जंगलों में पाए जाने वाले कुछ अन्य जानवर हैं। हिमालयी बकरी और तहर जैसे मृग भी इनमें पाए जाते हैं।

वृक्ष रेखा से ऊपर की ऊँचाई पर कभी-कभार हिम तेंदुआ, भूरे भालू, लाल पांडा और तिब्बती याक देखे जा सकते हैं। याक को पालतू बना लिया गया है और लद्दाख में इसे बोझ ढोने वाले पशु के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वृक्ष रेखा से ऊपर की ऊँचाई में रहने वाले विशेष निवासियों में विभिन्न प्रकार के कीड़े, मकड़ियाँ और बरूथी (चिंचड़ी) हैं, जो 6,309 मीटर की ऊँचाई में रहने में सक्षम प्राणी हैं। जपालुरा वंश की छिपकलियाँ भी कई इलाक़ो में पाई जाती हैं। आमतौर पर ग्लिप्टोथोरेक्स मूल की मछलियाँ अधिकांश हिमालयी धाराओं में रहती हैं और किनारों पर पानी में रहने वाले हिमालयी छछूंदर पाए जाते हैं। पूर्वी हिमालय में एक प्रकार का अंधा सांप टाईफ़्लोप्स भी पाया जाता है। हिमालय में पाई जाने वाली तितलियाँ सुंदर और विभिन्न प्रकार की होती हैं, विशेषकर ट्रोईडेस वंश मूल की।

यहाँ का पक्षी जीवन भी काफ़ी समृद्ध है लेकिन पश्चिम की अपेक्षा पूर्व में यह अधिक परिलक्षित होता है। अकेले नेपाल में लगभग 800 प्रजातियों को देखा जा सकता है। हिमालय में आमतौर पर पाए जाने वाले पक्षियों में विभिन्न प्रजातियों की मैना[2], गंगरा, चौघ[3], कस्तूरिका और थिरथिरा शामिल हैं। यहाँ कुछ शक्तिशाली उड़ाके, जैसे दाढ़ीदार गिद्ध[4], काले कानों वाली चील और हिमालयी ग्रिफ़ोन[5] भी दिखाई देते हैं। हिम तीतर और कार्निश चौघ 5,669 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं।


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लंबी पूछ वाला एशियाई बंदर
  2. काली पूँछ वाली, नीली और रैकेट पूँछ वाली
  3. कौवे से संबंधित
  4. लेमरगियर
  5. पुरानी दुनिया का गिद्ध

बाहरी कड़ियाँ

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